सेक्टम का संकल्प -अब हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक से नहीं होगी कोई मौत

लखनऊ| स्वास्थ्य सेवाएं भले ही तकनीक से लैस हो चुकी हैं, लेकिन आज के दौर में भी इमर्जेन्सी सेवाएं व इससे जुड़े नेटवर्क उतने अधिक मजबूत नहीं हुए हैं ,जितने होने चाहिए थे .किसी के घर में यदि कोई अचानक बीमार हो जाये या फिर किसी के साथ कोई ऐसा हादसा हो जाये जिससे उसकी जिंदगी पर खतरा मंडरा रहा हो ,उस वक्त रोगी के घर वाले अच्छे डॉक्टर्स ,अस्पताल या इमर्जेन्सी सेवा के बारे में खोजते है, लेकिन इमर्जेन्सी सेवा के बारे में सही जानकारी व् इलाज के अभाव में रोगी की जान चली जाती है ,यदि हम इमर्जेन्सी सेवा के बारे में जागरूक होते तो निश्चित रूप से हम मरीज को घर पर ही इमर्जेन्सी सेवा देकर उसे अस्पताल पहुंचाकर नया जीवनदान दे सकते थे ,लेकिन ऐसा अधिकतर केसेस में नहीं हो पाता है। सरकारी अस्पतालों की दुर्दशा किसी से छुपी नहीं है।सब कुछ है ,सिर्फ इच्छा शक्ति की कमी है। जिसकी वजह से सरकारी अस्पतालों की तरफ कोई भी जल्दी से रुख नहीं करना चाहता है। ऐसे में इमर्जेंसी सेवा के दौरान हम ऐसा क्या करें जिससे मरीज को घर पर आराम मिल जाए और हम समय रहते अस्पताल में मेडिकल एक्सपर्ट की निगरानी में इलाज जारी रख सकें। इसके लिए जागरूकता सबसे बड़ा हथियार साबित होगा। इमर्जेन्सी सेवा की सही जानकारी और सही ट्रीटमेंट ही इसका बचाव है। इस बड़ी और गंभीर समस्या से निपटने के लिए सेक्टम के फाउंडर एवं मेदांता अस्पताल लखनऊ में इमर्जेन्सी मेडिकल एवं ट्रॉमा के वरिष्ठ सलाहकार डॉक्टर लोकेन्द्र गुप्ता ने संकल्प लिया है कि वह सेक्टम सोसाइटी के माध्यम से पूरे उत्तर प्रदेश में वर्कशॉप ,मीडिया ,सरकारी तंत्र ,वेबसाइट ,मोबाइल ऐप और इमर्जेन्सी सेवा पर आधारित बुक्स के माध्यम से लोगों को इमर्जेन्सी से निपटने के लिए जागरूक करेंगे ताकि किसी भी मरीज की हर्ट अटेक,ब्रेन स्ट्रोक या अन्य किसी इमर्जेन्सी स्थिति में मौत न हो सके. डॉक्टर गुप्ता के मुताविक अगर उत्तर प्रदेश सरकार सेक्टम का साथ देगी तो निश्चित रूप से वह इमर्जेन्सी चिकित्सा सेवा में एक क्रांतिकारी बदलाव लाकर लोगो की जान बचाने मे कामयाब होंगे । डॉक्टर लोकेन्द्र गुप्ता ने इस गंभीर समस्या से निजात पाने के लिए “सेक्टम सोसाइटी” का गठन किया है ,जिसमे इमर्जेन्सी मेडिकल से जुड़े 100 एक्सपर्ट डॉक्टर्स की टीम तैयार की है, इस सोसाइटी में निजी और सरकारी अस्पतालों के इमर्जेन्सी मेडिकल हेड शामिल है। जो विभिन्न चिकित्स्कीय क्षेत्र में दक्ष है।

डॉ. गुप्ता एडवांस कार्डिएक लाइफ सपोर्ट, बेसिक लाइफ सपोर्ट, फंडामेंटल क्रिटिकल केयर सपोर्ट, एडवांस ट्रॉमा लाइफ सपोर्ट, क्रिटिकल केयर मेडिसिन बोर्ड रिव्यू और एडवांस्ड अल्ट्रासाउंड लाइफ सपोर्ट सहित कई लाइफ सपोर्ट की सेक्टम सोसाइटी बनाकर लोगों तक इमरजेंसी सेवाओँ को पहुंचाने का कार्य कर रहें। – डॉक्टर साहब ,सेक्टम सोसाइटी के गठन का विचार कब और क्यों आया ? – डॉक्टर – मेरा इमरजेंसी सेवाओं के क्षेत्र में लंबा अनुभव है ,दिन रात मरीजों की सेवा करते करते इस क्षेत्र में आ रही समस्यायों को नजदीकी से देख रहा हूँ ,समाज में बड़ा तबका ऐसा है जिनकी महंगे अस्पतालों तक पहुँच नहीं है ,और सरकारी अस्पतालों में संसाधन होने के वाबजूद काम करने की ललक और सेवा भावना नहीं है। इसी को देखते हुए मैंने सेक्टम सोसाइटी बनाई है । इस सोसाइटी के माध्यम से सभी छोटे और बड़े अस्पतालों को जोड़ने का कार्य किया जा रहा है। इमरजेंसी सेवा सभी तक पहुंचे इसके लिए प्रयास जारी है। रैबीज, हार्ट अटैक जैसी बीमारियों में कौन सा टीका कब लगे इसके बारे में जानकारी लोगों तक पहुंचाई जा रही हैं। – अभी तक इस मुहीम में कितने अस्पताल सूचीबद्ध हुए है. ? डॉक्टर – अभी तक लखनऊ के अस्पताल- एरा, पीजीआई, कानपुर,बरेली ,फरीदाबाद ग्रेटर नोएडा के बड़े – छोटे अस्पताल के डॉक्टर को जोड़ रहा हूँ। धीरे धीरे इमर्जेंसी मेडिकल से जुड़े डॉक्टर्स के काल मेरे आपस आ रहे है ,निश्चित रूप से इसी साल के अंत तक एक बड़ा नेटवर्क खड़ा करने में कामयाब होंगे। सेक्टम सोसाइटी को बढ़ाने के लिए सरकारी तंत्र से आपको किसी तरह की कोई मदद मिल रही है या नहीं ? डॉक्टर -हां ! मैंने कई डिपार्टमेंट से संपर्क किया है लेकिन उतना अच्छा रिस्पांस नहीं मिला। लेकिन हम लगातार गवर्मेंट सेक्टर को जोड़ने के लिए प्रयाश कर रहे हैं। जैसे रेलवे,पुलिस विभाग ,फारेस्ट विभाग ,आंगनबाड़ी ,स्वास्थय विभाग ,आपदा विभाग । सरकारी डिपार्टमेंट जो जोड़ने के साथ स्कूली बच्चों को जागरूक करने का कार्य चल रहा है । वही जल्द ही इमरजेंसी सेवाओं को लेकर एक पुस्तक भी प्रकाशित की जाएगी जो लोगों को इमरजेंसी सेवाओं के बारे में जागरूक करेगी। डॉक्टर साहब !इस समय युवाओं ,बच्चों में हार्ट अटेक के मामले बढ़ रहे है ,इससे कैसे निपटें ? हां। . इस समय समाज में हार्ट अटेक के मामले बहुत बढ़ रहे है|

खासकर युवाओं और बच्चों में। युवा और बच्चे लगातार पश्चिमी संस्कृति का खानपान कर अपने दिल को कमजोर कर रहे है। सभी से अपील करता हूँ कि प्रकति के साथ मिलकर अपनी जीवनशैली को बेहतर बनाएं और मिलेटस को अपने खानपान में सम्मिलित करें ,योग करें ,सुबह शाम पैदल चलें। अगर किसी को अचानक चेस्ट पैन हो तो क्या करें ? डॉक्टर -ऐसी स्थिति में मरीज को एस्प्रिन 350mg की टैब्लेट पानी में घोलकर पिलाएं और आराम करने दें। कई बार ऐसे मरीज को sorbitarte 5/10 mg की टैब्लेट दे देते है जोकि गलत है ।ये हार्ट अटेक के कुछ केसेस मे बीपी कम कर सकता है ।आराम होने पर अच्छे चिकित्सक से चेकअप कराएं ताकि मर्ज पकड़ में आ सके और बेहतर इलाज हो सके। सेक्टम सोसाइटी की आगे की कार्य योजना क्या है ? डॉक्टर -सेक्टम लगातार इस दिशा की और काम कर रहा है। 11मई को पदमश्री उमेश भारती जी लखनऊ में रेबीज को लेकर एक कार्यशाला आयोजित करेंगे। इसी साल के अंत दिसम्बर महीने में पूरे उत्तर प्रदेश के इमर्जेन्सी मेडिकल एक्सपर्ट्स का एक सम्मलेन आयोजित किया जायेगा जिसमे सभी इस एक्सपर्ट्स स्वास्थय के क्षेत्र में सेक्टम का जागरूकता सन्देश हर घर में कैसे पहुंचाया जाये ,इस पर बात कर उत्तर प्रदेश सरकार से इस नेक काम में भागेदारी निभाने के लिए अनुरोध करेंगे ,ताकि कोई भी आदमी आगे से कि हार्ट अटेक ,ब्रेन स्ट्रोक आदि से न मरे।

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