- पखवाड़ा बीता नहीं खुल गया कॉम्प्लेक्स का जिम और दुकानें
- आशियाना के खजाना मार्केट चौराहे का मामला
राकेश यादव
लखनऊ। पहले तालाब की जमीन पर का निर्माण कराया। फिर अवैध तरीके से हुए इस निर्माण को ढहाने का आदेश पारित किया। यह सिलसिला अभी चल ही रहा था कि बीती 10 अप्रैल को कॉम्प्लेक्स में अनाधिकृत तरीके से हो रहे निर्माण का हवाला देकर कॉम्प्लेक्स को सील कर दिया गया। कॉम्प्लेक्स सील हुए एक पखवाड़ा भी बीते नहीं की कॉम्प्लेक्स में बने जिम और दुकानें खुल गई। यह हाल लखनऊ विकास प्राधिकरण के अफसरों की सीलिंग कार्यवाही का है। हकीकत यह है कि प्राधिकरण के अधिकारी सीलिंग की कार्यवाही सिर्फ कमाई की खातिर करते है। कमाई होते ही सारे के सारे नियम और कानून ताक पर रख दिए जाते हैं।
मामला विकास प्राधिकरण की कानपुर रोड योजना के तहत आशियाना के खजाना मार्केट चौराहे का है। बंगला बाजार पुलिस चौकी से आशियाना जाने पर खजाना मार्केट चौराहे पर बाएं ओर एक विशालकाय कॉम्प्लेक्स का निर्माण हुआ है। चार मंजिला कॉम्प्लेक्स के ग्राउंड फ्लोर पर गोदाम और करीब आधा दर्जन दुकानें बनी हुई है। प्रथम और दूसरे तल पर कपड़ो का शो रूम और चौथे तल पर जिम खोला गया है।
बताया गया है कि बीते दिनों कॉम्प्लेक्स के पहले और दूसरे तल पर बने कपड़े के शो रूम में आग लग गई थी। आग की चपेट में आने से शो रूम में रखा लाखो रुपए का सामान जलकर राख हो गया था। कुछ दिनों तक शो रूम बंद रहने के बाद इसका पुनर्निर्माण (रिनोवेशन) का काम चल रहा था।
रिनोवेशन के दौरान कॉम्प्लेक्स मालिक ने शो रूम के दायरे को सड़क की ओर बढ़ाकर बना दिया। अनाधिकृत तरीके से बने इस कॉम्प्लेक्स के शो रूम का एरिया बढ़ने के सूचना विकास प्राधिकरण के अधिकारियों को हुई। विकास प्राधिकरण के प्रवर्तन दल की टीम ने बीती 10 अप्रैल को हो रहे निर्माण को अवैध बताते हुए सीलिंग की कार्यवाही कर दी। कार्यवाही को हुए अभी एक पखवाड़ा भी नहीं बीत पाया था कि कॉम्प्लेक्स के मालिक ने कॉम्प्लेक्स में लगाई गई सीलिंग को हटाने के साथ प्रवर्तन दल के सीलिंग को लेकर लिखे गए डिटेल को भी पेंट करवाकर हटा दिया। इसके बाद सील कॉम्प्लेक्स में बने जिम और कुछ दुकानों को भी खुलवा दी गई। मौके पर चर्चा है कि मोटी रकम लेकर सीलिंग हटवा दी गई है। उधर इस संबंध में जब विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष इंद्रमणि त्रिपाठी से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो कई प्रयासों के बाद भी उनका फोन नहीं उठा। पक्ष जानने के लिए प्रवर्तन दल के प्रभारी देवांस त्रिवेदी को कई बार फोन किया गया तो उन्होंने भी फोन नहीं उठाया।
कॉम्प्लेक्स ध्वस्तीकरण का पहले ही हो चुका आदेश
खजाना मार्केट चौराहे पर निर्मित हुआ यह कॉम्प्लेक्स विवादित भूमि पर बना हुआ है। स्थानीय लोगो का कहना है कि विकास प्राधिकरण के अधिकारियों की मिली भगत से कॉम्प्लेक्स का निर्माण हुआ है। जानकारों का कहना है कि तालाब की भूमि पर बने इस अवैध निर्माण के धवस्तीकरण का भी आदेश हो चुका है। कॉम्प्लेक्स मालिक ने इस आदेश के खिलाफ अपील की हुई है। यह मामला अभी फाइलों में कैद है। फिलहाल सील कॉम्प्लेक्स में एक बार फिर से कारोबार शुरू हो गया है। दिलचस्प बात यह है कि एलडीए के अफसर इस गंभीर मसले पर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं।