- पश्चिम की डेढ़ दर्जन जेलों से राजधानी बुलाए गए अधीक्षक
- प्रदेश की जेलों में युवा बंदियों की आत्महत्याओं का मामला
लखनऊ। जेलों में युवा बंदियों के आत्महत्याओं की घटनाओ से जेल महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। हटनाओ को जेलमंत्री ने शनिवार को कारागार मुख्यालय में एक बैठक की। इस बैठक में जिन जनपदों में पहले दो चरणों में मतदान हो चुका है वहां के जेल अधीक्षकों को आमंत्रित किया गया। बाद में तीन उन जेल अधीक्षकों को भी बुलाया गया जिन जेलों में आत्महत्या की घटनाएं हुई थी। दिलचस्प बात यह रही कि जेलमंत्री ने भी वही बात दोहराई जो तीन दिन पहले विभाग के प्रमुख सचिव और आईजी जेल ने प्रदेश भर के जेल अधीक्षकों और डीआईजी से कही थी। आचार संहिता के दौरान बुलाई गई बैठक में जेलमंत्री का उन्ही बातों को दोहराना दूरदराज से आए अधीक्षकों को रास नहीं आया। इसको लेकर अधिकारियों में तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे है।
उल्लेखनीय है कि बीते दो माह के दौरान प्रदेश की विभिन्न जेलों में करीब आधा दर्जन बंदियों ने जेल के अंदर फांसी लगाकर जान दे दी। सूत्र बताते है कि जेलों में बंदियों ने जेल प्रशासन के अधिकारियों और सुरक्षाकर्मियों की उगाही और उत्पीड़न से अजिज आकर मौत को गले लगा लिया। जेल अधिकारियों ने बंदी के अवसाद में होने और पारिवारिक दिक्कतों का हवाला देकर इन गंभीर घटनाओं को निपटा दिया। बरेली, लखनऊ, गौतमबुद्धनगर, एटा, हरदोई, उन्नाव जेलों में बंदियों के आत्महत्या की घटनाओं से विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।
बंदियों के आत्महत्या की बढ़ रही घटनाओं को लेकर प्रदेश के कारागार मंत्री दारा सिंह चौहान ने दो चरणों में मतदान होने वाले करीब एक दर्जन से अधिक जिलों के साथ एटा, बरेली और उन्नाव के जेल अधीक्षकों के साथ शनिवार को बैठक की। इसमें उन्होंने युवा बंदियों के आत्महत्या किए जाने पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यदि ऐसी घटनाओं की पुनरावृति हुई तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को घटनाएं रोकने का निर्देश भी दिया। कुछ ऐसा ही निर्देश बीते मंगलवार को प्रमुख सचिव राजेश कुमार सिंह और आईजी जेल एसएन साबत ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के समस्त जेल अधीक्षकों को दिए थे। इसी निर्देश के लिए दूरदराज के अधीक्षकों को बुलाया गया था। इसको लेकर विभाग में तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रहीं है।