- किसको लगेगा तगड़ा झटका, किसके सिर बंधेगा ताज
- पश्चिमी यूपी से लेकर पूर्वांचल तक घमासान
ए अहमद सौदागर
लखनऊ। लोकसभा चुनावी महा रण में भले ही सियासी दल अलग-अलग अंदाज में जनसभा कर गरज रहे हों, लेकिन कड़वा सच यही है कि विकास का मुद्दा कम चर्चित घटनाओं पर अधिक उछल-कूद मची हुई है।
कोई कहता फिर रहा है कि चार सौ से पार तो कोई कहता फिर रहा है कि अबकी बार राहुल सरकार।
इस उधेड़बुन में मानो मतदाता भी शायद असमंजस में है कि आखिर अंगुली कहां जहां से दर्द न मिले।
लोकसभा चुनावी रण पर गौर करें तो लखीमपुर खीरी कांड, मणिपुर और हाथरस कांड इस चुनावी महासमर में जमकर गोते लगा रहा है। घटना के मद्देनजर प्रदेश में जमकर राजनीतिक समीकरण बनने लगे तो ताज्जुब की बात नहीं है क्यों कि जुमले बाजी तो विरासत में मिली है। इन मुद्दों पर जिस तरह से महागठबंधन अपनी ताकत झोंक रहा है, इससे तो यही लग रहा है कि समीकरण कुछ और ही बयां कर रहा है।