- आप्त सचिव और इसके निजी सहायक के अवैध धंधों की नहीं है जानकारी
रंजन कुमार सिंह
रांची (झारखंड)। जैसी आशंका थी, दूसरे दिन छह घंटे की पूछताछ के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम को गिरफ्तार कर लिया। बुधवार को आलमगीर आलम 11:30 बजे ED ऑफिस पहुंचे। ED ने उनसे पूछताछ शुरू की। 35 करोड़ रुपये की बरामदगी के मामले में ED को आलमगीर आलम सही जवाब नहीं दे पाए। जिसके बाद उन्हें बुधवार की देर शाम गिरफ्तार कर लिया गया। प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से समन मिलने के बाद ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम बुधवार को दूसरे दिन ED ऑफिस पहुंचे थे। इससे पहले मंगलवार को भी आलमगीर आलम दिन के 10:45 बजे हिनू स्थित ईडी के क्षेत्रीय कार्यालय पहुंचे थे। कागजी औपचारिकता पूरी करने के बाद ED के अधिकारियों ने उनसे उनके आप्त सचिव संजीव लाल और निजी सहायक जहांगीर के बारे में पूछताछ की। मंत्री आलमगीर आलम ने ED को कहा कि उन्हें निजी सहायक जहांगीर के पास करोड़ों रुपये होने की जानकारी नहीं थी। जहांगीर गलत कार्यों में लिप्त था, इसकी भी जानकारी नहीं थी। इसके अलावा विभाग में हो रही कमीशनखोरी के बारे में भी उन्हें कुछ भी नहीं पता।
मंगलवार को भी हुई थी पूछताछ
इससे पहले मंगलवार को दिन के 10।45 बजे हिनू स्थित ED के क्षेत्रीय कार्यालय पहुंचे। कागजी औपचारिकता पूरी करने के बाद ED के अधिकारियों ने उनसे उनके आप्त सचिव संजीव लाल और निजी सहायक जहांगीर के बारे में पूछताछ दुहराई। मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि निजी सहायक जहांगीर के पास करोड़ों रुपये होने की जानकारी नहीं थी। जहांगीर गलत कार्यों में लिप्त था, इसकी भी जानकारी उन्हें नहीं थी। इसके अलावा विभाग में हो रही कमीशनखोरी के बारे में भी उन्हें नहीं पता। ED के अधिकारियों ने मंत्री से कमीशनखोरी से जुड़े कई सवाल पूछे। अधिसंख्य सवाल के जवाब में मंत्री ने अपनी अनभिज्ञता जतायी। लेकिन वीरेंद्र राम से जुड़े सवालों में वह घिर गये। पूछताछ के दौरान अधिकारियों ने मंत्री को पीएमएलए की धारा 50 के तहत दिये जानेवाले बयान और उसके कानूनी महत्व की जानकारी दी। इसके बाद उनसे उनकी और पारिवारिक सदस्यों की आमदनी और संपत्ति से संबंधित जानकारी मांगी गयी। मंत्री से उनके आप्त सचिव संजीव लाल के बारे में भी पूछताछ की। उनसे संजीव लाल की गतिविधियों के बारे में भी जानकारी मांगी गयी। मंत्री आलमगीर आलम ने संजीव लाल की अनैतिक गतिविधियों की जानकारी होने से इनकार किया।
आलमगीर आलम पाकुड़ विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक हैं। उन्हें बुधवार को ED ने Money Laundering केस में रांची में गिरफ्तार किया है। बीते दिनों उनके पीएस संजीव लाल और उनके निजी सहायक जहांगीर आलम के यहां से करोड़ों रुपये मिले थे। ED ने उसी मामले में पूछताछ के लिए झारखंड सरकार में ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री आलमगीर आलम को 14 मई को तलब किया था। पहले दिन मंत्री से करीब 9 घंटे तक पूछताछ हुई थी। उसके बाद 15 मई को फिर तलब किया था। दिन भर चली पूछताछ के बाद शाम को ED ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
कितनी हैं आलमगीर की संपत्ति
52 साल के आलमगीर आलम के पास 7 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है। 2019 के चुनावी शपथपत्र में उन्होंने 39 लाख रुपये के कर्ज का भी खुलासा किया था। इससे पहले 2014 के हलफनामे के मुताबिक उनके पास 6 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति थी। उन्होंने उस समय 45 लाख रुपये के कर्ज का खुलासा साल 2014 के चुनावी हलफनामे में किया था। वर्ष 2009 के हलफनामे के अनुसार उनके पास 1।41 करोड़ रुपये की संपत्ति थी। उस समय उनके ऊपर 2 लाख रुपये का कर्ज था। Myneta।info पर दी गई जानकारी के मुताबिक साल 2014 के चुनावी शपथपत्र में उन्होंने एक आपराधिक केस का भी जिक्र किया था।
आलमगीर आलम के हैं दो बच्चे
झारखंड विधानसभा की साइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, आलमगीर आलम का जन्म 8 जनवरी 1950 को साहिबगंज के इस्लामपुर में हुआ था। उनके पिता का नाम स्वर्गीय सनाउल हक और माता का नाम स्वर्गीय अमीना खातून है। आलमगीर आलम के दो बच्चे हैं। इनमें एक बेटा और दूसरी बेटी है।
2000 से विधायक हैं आलमगीर आलम
झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम का पेशा बिजनेस रहा है। वह खेती से भी जुड़े हैं। उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि मध्यवर्गीय परिवार है। आलमगीर आलम की शैक्षिक योग्यता बीएससी है। आलमगीर आलम वर्ष 2000 में विधायक बने थे। उसके बाद साल 2005, 2014 और 2019 में विधायक चुने गए। उन्होंने कभी भी सांसदी का चुनाव नहीं लड़ा। वह बांग्लादेश, मलेशिया, थाईलैंड, सिंगापुर और सऊदी अरब मक्का की यात्रा कर चुके हैं।
झारखंड के मंत्री की क्यों हुई गिरफ्तारी?
आलमगीर आलम को 12 मई को ED ने पूछताछ के लिए समन किया था। उन्हें ED ने अपनी संपत्ति के कागजात के साथ पेश होने को कहा था। ED ने बीते हफ्ते आलमगीर के पीएस संजीव लाल और नौकर जहांगीर आलम के घर दबिश दी थी। उस छापेमारी में ED को 35.23 करोड़ रुपए कैश बरामद हुए। संजीव लाल झारखंड प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं। इतना कैश मिलने के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया था। ED की टीम ने सात मई को दोनों को गिरफ्तार कर लिया था। उनसे पूछताछ के आधार पर आलमगीर को तलब किया गया था।
महत्वपूर्ण घटनाक्रम, कब क्या हुआ
05 मई: ED ने आलमगीर आलम के पीएस संजीव लाल समेत नाै ठिकाने पर छापेमारी की।
05 मई: संजीव लाल के सहायक जहांगीर आलम और मुन्ना सिंह के ठिकाने से 35।23 करोड़ रूपया बरामद किया।
5 मई: संजीव लाल और जहांगीर आलम को ED ने देर रात गिरफ्तार किया।
6 मई: ED ने संजीव लाल और जहांगीर आलम को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया।
7 मई: संजीव लाल को अपने साथ लेकर ED की टीम झारखंड मंत्रालय स्थित ग्रामीण विकास विभाग पहुंची थी।
7 मई: संजीव लाल के चैंबर से दो लाख रुपया ED ने बरामद किया।
9 मई: संजीव लाल की पत्नी रीता लाल से ED ने पूछताछ की।
12 मई: ED ने मंत्री आलमगीर आलम को समन भेजकर पूछताछ के 14 मई को बुलाया।
14 मई: ED में आलमगीर से नाै घंटे तक पूछताछ की।
15 मई: छह घंटे की पूछताछ के बाद ED ने आलमगीर आलम को गिरफ्तार कर लिया।