- पुलिस का दावा 32 बोर की पिस्टल बरामद, अन्य बदमाशों की तलाश
- चिनहट क्षेत्र में रविवार की रात हुई घटना का मामला
ए अहमद सौदागर
लखनऊ। तारीख 19 मई दिन रविवार। स्थान मटियारी ओवरब्रिज। लोकसभा चुनाव का माहौल और दूसरे दिन यानी सोमवार को मतदान होना था इसके मद्देनजर चप्पे-चप्पे पर भारी संख्या पुलिस बल तैनात थी। चारों दिशाओं में पुलिस की सायरन बजाती गाडियां घूम रही थी कि इसी सुरक्षा के बीच असलहों से लैस कार सवार बदमाश एलएलबी के छात्र देवरिया निवासी सतपाल की कार पर ताबड़तोड़ फायरिंग झोंक दी। सतपाल और साथ में मौजूद लोग बाल-बाल बच गए, लेकिन उनकी कार में जगह-जगह गोलियां धंस गई।
गोलियों गूंज से इलाक़ा थर्राया और मौके पर तमाम लोगों की भीड़ जमा हुई। खास बात यह है कि सरे शाम गोलियों की बौछार हुई, लेकिन खुद को हर समय चौकन्ना रहने वाली चिनहट पुलिस को भनक तक नहीं लगी।
इस मामले में काफी जद्दोजहद के बाद पीड़ित सतपाल की तहरीर पर पुलिस ने शेखर, नितिन कुंडी और अमित चौधरी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर मामले की पड़ताल शुरू की तो पता चला कि नितिन कुंडी चिनहट थाने का हिस्ट्रीशीटर है।
पुलिस का दावा… बदमाशों की खोज की जा रही थी कि बुधवार सुबह मुखबिर द्वारा सूचना मिली कि मुकदमे में नामजद नितिन कुंडी अपने एक साथी के साथ देवा रोड होते हुए कहीं जा रहा है इस सूचना पर पुलिस की एसओजी और इंस्पेक्टर चिनहट अवनीश कुमार चतुर्वेदी की संयुक्त टीम मौके पर पहुंची और घेरेबंदी कर बदमाशों को पकड़ने का प्रयास किया।
पुलिस का दावा है कि बदमाशों ने पुलिस को देखते ही फायरिंग झोंकनी शुरू कर दी।
पुलिस की जवाबी कार्रवाई में पुलिस की गोली लगते ही नितिन कुंडी ज़ख़्मी हो गया और अंधेरे का फायदा उठाते हुए साथ मौजूद शेखर कौशल भाग निकला।
पुलिस उपायुक्त पूर्वी का कहना है कि जांच-पड़ताल की गई तो पता चला कि गिरफ्तार नितिन कुंडी चिनहट थाने का हिस्ट्रीशीटर है और इसी इलाके में रहता है। उन्होंने बताया कि पकड़े गए हिस्ट्रीशीटर के पास एक 32 बोर की पिस्टल बरामद हुई है।
कुंडली खोलने के बाद से हुई हिस्ट्रीशीटर की पहचान
चुनाव से एक दिन पहले चिनहट क्षेत्र में ताबड़तोड़ फायरिंग कर डर फैलाने वाले बदमाश की थाने के रजिस्टर की फाइल खंगालने के बाद चिनहट निवासी नितिन कुंडी के नाम से हुई।
चिनहट क्षेत्र में लॉ के छात्र सतपाल की कार पर फायरिंग कर वारदात करने के बाद सतपाल ने पहचान लिया था और पुलिस को दी गई तहरीर में चिनहट क्षेत्र निवासी नितिन कुंडी, शेखर और अमित चौधरी पर आरोप लगाया था कि इन्हीं लोगों ने वर्चस्व कायम रखने के लिए घटना को अंजाम दिया है।
बताया जा रहा है कि तहरीर में नाम जैसे ही पुलिस ने देखा तो थाने का रजिस्टर खंगालना शुरू किया तो पता चला कि यह तो चिनहट थाने का हिस्ट्रीशीटर है। तब जाकर पुलिस की नींद टूटी और मुठभेड़ में धरदबोचा।
सवाल है कि क्या पुलिस ने सूचीबद्ध बदमाश को पाबंद नहीं किया था अगर किया था तो वह कैसे खुली हवा में घूम रहा था ॽ इससे यही लग रहा है कि पुलिस भले ही अपनी पीठ थपथपा रही हो लेकिन कड़वा सच यही है कि कहीं न कहीं पुलिस की थ्योरी में छेद ही छेद नजर आ रहा है कि इतनी बड़ी घटना के बाद भी पुलिस लापरवाह दिखती नजर आई।