- तमाम कवायदो के बाद भी सपना रह गया 80 में 80 सीट जीतने का दावा
- मतगणना के बाद असल तस्वीर आएगी जनता के सामने
राकेश यादव
लखनऊ। सातवें चरण का मतदान समाप्त होते ही टीवी चैनलों में एक्जिट पोल दिखाने की होड़ मच गई। हर चैनल अपने अपने आंकड़ों से दलों के नफा नुकसान के दावे पेश करता नजर आया। इसमें ऐसा कोई चैनल नहीं दिखा जिसने यूपी से एक्जिट पोल में भाजपा को 80 में 80 सीट पर जीतने का दावा किया हो। किसी चैनल ने 50 से 55, तो किसी ने 60 से 65 तो किसी ने 68 से 71 सीट पर जीतने का दावा किया। चैनलों के यह एक्जिट पोल हकीकत में तब्दील हुआ तो यह भाजपा नेताओं को मायूस जरूर करेगा। भाजपा नेता चुनाव के पहले से ही प्रदेश की 80 में 80 सीट जीतने का दावा ठोक रहे थे। इसके लिए उन्होंने कई समझौते भी किए। इसके बावजूद उन्हें निराशा ही हाथ लगेगी।
प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों पर वोटिंग के बाद जो एग्जिट पोल के जो आंकड़े सामने आए हैं। उसमें बीजेपी को करारा झटका लगता हुआ दिखाई दे रहा है। बीजेपी ने इस बार यूपी में मिशन 80 का लक्ष्य रखा था, लेकिन पार्टी इस लक्ष्य से काफी पीछे दिखाई दे रही है। यूपी में बीजेपी एक बार फिर से अपने पुराने प्रदर्शन पर ही रह सकती है। पार्टी को कई सीटों पर कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है। उत्तर प्रदेश में बीजेपी को जिन सीटों पर कड़ी टक्कर मिल रही है उनमें रायबरेली, कन्नौज, मैनपुरी, आजमगढ़, गाजीपुर, अमेठी जैसी सीटें शामिल हैं। इनके अलावा भी पूर्वांचल की कई सीटों पर बीजेपी को जीत के लिए जद्दोजहद करनी पड़ सकती है।
इस बार बीजेपी ने उत्तर प्रदेश की सभी 80 सीटों को जीतने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए भाजपा नेताओं ने कई अहम निर्णय भी लिए। पश्चिम की गन्ना बेल्ट के किसानों को अपने पाले में लाने के लिए जयंत चौधरी और पूर्वांचल को मजबूत किला बनाने के लिए ओम प्रकाश राजभर और दारा सिंह चौहान को सिर्फ भाजपा में ही शामिल नहीं किया बल्कि उन्हें प्रदेश सरकार में मंत्री पद से भी विभूषित किया। एक्जिट पोल हकीकत में तब्दील हुए तो इन तिकड़मों के बाद भी 80 में 80 सीट जीतने की मंशा धरी की धरी रह जायेगी। उन्हे मायूस होना पड़ सकता है।
राजनीति के जानकारों की माने तो चुनाव से पहले पार्टी लंबे समय से एक-एक सीट पर गहन मंथन कर रही थी, लेकिन चुनाव के तीसरे चरण के बाद जिस तरह परिस्थितियां बदली उससे बीजेपी को पूर्वांचल में नुक़सान होता दिख रही है वहीं इन सीटों पर इंडिया गठबंधन का फायदा मिल सकता है। उधर सर्वे की मानें तो बीजेपी अपना मिशन पूरा करती नजर नहीं आ रही है। सर्वे में दावा किया गया है कि बीजेपी और उसके सहयोगियों दलों दोनों को मिलाकर 60-65 सीटें मिल सकती हैं।