लोकसभा चुनाव 2024: मुझे अपनों ने लूटा… गैरों में कहा दम था…

  • उत्तर प्रदेश में करारी शिकस्त की ओर बढ़ रही है भारतीय जनता पार्टी
  • चुस्त-दुरुस्त लॉ एंड आर्डर के बावजूद अखिलेश और राहुल ने उखाड़े योगी के पांव
  • दो बयानों के बाद बैकफुट पर गई बीजेपी, 80 में 80 का दावा करने वाली आधे के लिए तरस रही

भौमेंद्र शुक्ल

अंततः 18वीं लोकसभा चुनाव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वहीं हुआ। जिस तरह साल 2017 के गुजरात विधानसभा इलेक्शन ने उन्हें वार्निंग दिया था… चेताया था कि आप सावधान हो जाओ… जो वायदा करते हो, उसे जमीन पर उतारो… पार्टी कैडर की उपेक्षा मत करो… जनता पर टैक्स का अनर्गल बोझ न लादो… एक सीमा तक चुंगी (टैक्स) वसूलो… क्योंकि मंदिर-मस्जिद से किसी का पेट नहीं भरता… ‘A Hungrya Man has No Politics…’ यानी कि भूखे व्यक्ति की कोई राजनीतिक आकांक्षा नहीं होती, पहले उसे रोटी दो फिर राजनीतिक अधिकार की बात करो।

यकीनन गुजरात चुनाव 2017 में वहां सत्ता के शीर्ष पर बैठे नेताओं द्वारा नींद की खुमारी लेने पर रोक लगा दी थी और परिणाम यह हुआ कि साल 2022 में नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की ‘Land Slide Victory’ गुजरात में हुई। इस लोकसभा चुनाव में भी निश्चित रूप से मिले बहुमत ने साल 2022 के चुनाव की याद दिला दी। बेशक मोदी की सरकार बनती नजर आ रही है, मगर उन्हें अपने सहयोगियों पर निर्भर रहना होगा… प्रतिपक्ष को लेकर चलना होगा, क्योंकि 2029 आने में देर नहीं लगेगी। साथ ही बीजेपी के उन क्षत्रपों को भी चेतना होगा जो जातीय चाशनी में अपने को डुबोकर राजनीति करते हैं। चाहे वो नीतीश हों… योगी हों या कोई और। वैसे यूपी में बीजेपी को सपा और कांग्रेस ने नहीं अपनों ने ही शिकस्त दी है। क्या है पूरा मामला विश्लेषण करती पूरी रिपोर्ट…।

मुझे तो अपनों ने लूटा गैरों में कहां दम था… मेरी किस्ती वहीं डूबी जहां पानी कम था। ये बिल्कुल सटीक आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी भारतीय जनता पार्टी के साथ हुआ है। उन्हें उस राज्य से करारी शिकस्त मिलती दिख रही है, जहां से वो खुद सांसद हैं। वो जिस पूर्वांचल की अगुवाई कर रहे हैं उसी पूर्वांचल में ‘इंडिया’ गठबंधन ने जबरदस्त बढ़त बनाती दिख रही है।

जाति-जाति का शोर मचाते केवल कायर क्रूर… अनुप्रिया, निषाद और राजभर को करारी शिकस्त

कार्यकर्ताओं में नहीं दिखा उत्साह

बीजेपी के कार्यकर्ता जो कभी अपनी पार्टी के लिए मरने-मारने पर आमादा रहता था, इस बार पूरी तरह से निष्क्रिय हो गया। कार्यकर्ताओं का कहना था कि हम लोग सब्जी में तेजपत्ता की तरह प्रयोग किए जाते हैं। चुनाव के समय दरी उठाने का कार्य ही हम लोगों को मिलता है। विधायक कहते हैं कि मेरी कोई ताकत नहीं है… मंत्री फोन नहीं उठाते और अधिकारियों से सिफारिश करना खुद को चोर साबित करना होता है। इसलिए चुनाव में इस बार कार्यकर्ता मनोयोग से नहीं जुटा।

इंसपेक्टर राज कार्यकर्ताओं पर पड़ा भारी

जीरो टॉलरेंस की बात करने वाली बीजेपी सत्ता में आने के बाद कार्यकर्ताओं से हाथों से सरकती गई। विधायक और मंत्री की सिफारिश थानेदार तक नहीं सुनते थे। एक कार्यकर्ता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि एसडीएम, सीडीओ, डीएम, कमिश्नर से लेकर थानेदार और तहसीलदार तक अपने फोन में शासन के उच्चाधिकारियों का नम्बर दिखाकर हमें कुछ भी बोलने से मना कर देते थे।
मायावती का दम से चुनाव न लड़ना भी पड़ा भारीः उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की सुप्रीमो सुश्री मायावती ने जिस तरह से टिकट बदले और प्रत्याशियों के लिए खुलकर मैदान में नहीं आईं, इससे जनता यह कहने लगी थी कि इस बीएसपी भाजपा की बी पार्टी बन गई है। एक कारण यह भी रहा कि मुस्लिम वोटों का कहीं बंटवारा नहीं हुआ और वो एक जगह ‘इंडिया’ गठबंधन को पड़ा।

बड़ा नारा भी बना हार का कारणः अबकी बार 400 पार, इस बार 80 की अस्सी, जैसे नारों की वजह से बीजेपी के कार्यकर्ता और उनकी सपोर्टर जनता गर्मी के कारण घरों में दुबकी रह गई। मोदी के सपोर्टर और कार्यकर्ताओं को भरोसा हो गया था कि इस बार भी बीजेपी भारी बहुमत से जीतने जा रही है, इस कारण भी उदासीनता का माहौल बना।

सलेमपुर लोकसभा: यहां की जनता ने सपा-बसपा सबको आजमाया; अब लहरा रहा भगवा

ठाकुरों की नाराजगी भी हार की बड़ी वजहः केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला के बयान के बाद बिदके राजपूत समाज ने राजस्थान से लेकर उत्तर प्रदेश तक भाजपा के खेल को बिगाड़ा। इस बयान के बाद देश के किसी बड़े नेता ने न तो विरोध किया और न ही साथ में खड़े हुए। इससे नाराज राजपूतों ने बीजेपी का साथ छोड़कर गठबंधन के साथ जा खड़े हुए।

योगी के एक बयान से बीजेपी हार गई कई सीटः तिवारी को गोरखपुर से लतियाकर भगा दिया गया, अब सिद्धार्थनगर की जनता वहां से लतियाकर भगाएगी। इस बयान के बाद पूर्वी उत्तर प्रदेश की कई सीटों पर बीजेपी का हिसाब-किताब गड़बड़ हो गया।

अब ब्रजभूषण पर कार्रवाई न करने का मिला खामियाजाः हरियाणा में भाजपा को करारी हार मिली है। इस बार पार्टी का प्रदर्शन वहां बिल्कुल लचर रहा है। जानकारों का कहना है कि भारयीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष ब्रजभूषण शरण पर कार्रवाई न करने के कारण हरियाणा, पंजाब और राजस्थान के कुछ हिस्सों में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा है। वहीं यूपी में उनकी दबंग छवि और इतने बड़े केस में नाम आने के बाद किसी भी तरह से परेशान न करने के कारण जनता में बीजेपी के खिलाफ माहौल बनाया।

अपने हिसाब से देवापाटन मंडल और आसपास के आधा दर्जन जिलों में चुनाव परिणाम तय कर लेते हैं ब्रजभूषण शरण सिंह

10 योजनाएं, जो बीजेपी की बना रही थीं इमेज

इस लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 10 योजनाएं उन्हें भारी-भरकम जीत की ओर इशारा कर रही थीं, लेकिन इस बार वो इस योजना के बाद यूपी में गच्चा खा गए। मेक इन इंडिया, पीएम आवास योजना, अटल पेंशन योजना, पीएम सुरक्षा बीमा योजना, पीएम जीवन ज्योति योजना, उज्ज्वला योजना, फ्री सिलाई मशीन योजना, प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और जन-धन योजना नाम की ये योजनाएं पीएम मोदी और सीएम योगी के इमेज को बना रही थीं।

इंडिया’ में किस पार्टी को कितनी सीटों पर बढ़त…

कांग्रेस- 97
सपा- 35
टीएमसी- 32
डीएमके 21
उद्धव गुट- 11
शरद गुट- 8
CPM- 5
RJD- 5
AAP- 3
CPI- 3
IUML-  3
VCK- 2
CPI (ML)- 2
JKNC-  2
JMM- 2
RSP- 1
BADVP- 1
KC- 1
MDMK- 1
RLTP- 1

Loksabha Ran

भाजपा का प्रेमरोग : किसी वैद्य को बुलाओ, इनकी दवा तो कराओ

फिल्म प्रेमरोग का गीत है, मैं हूं प्रेमरोगी मेरी दवा तो कराओ, जाओ जाओ जाओ किसी वैद्य को बुलाओ…. लगता है भाजपा को भी यही रोग हो गया है। इसे अपने नैसर्गिक प्रेमी पसंद नहीं। इसे किसी और से प्रेम हो गया है। ऐसा लग रहा है। जो इससे नैसर्गिक प्रेम करने वाले हैं वे […]

Read More
Loksabha Ran

विकसित भारत का बजट

योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लोकसभा में प्रस्तुत बजट का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में नई संसद में वित्त मंत्री ने देश का आम बजट प्रस्तुत किया है। यह बजट सर्वस्पर्शी, सर्वसमावेशी, विकासोन्मुख, 140 करोड़ भारतवासियों की आशा, आकांक्षा और अमृतकाल के संकल्पों को पूरा करने वाला सिद्ध होगा। […]

Read More
Loksabha Ran

राज्यपाल ने की बजट की सराहना

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने आज लोकसभा में प्रस्तुत केंद्रीय बजट 2024-25 पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आम बजट अमृत काल के लिहाज से बहुत ही अहम है क्योंकि यह देश के 140 करोड़ लोगों को सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक न्याय दिलाने वाला है। राज्यपाल जी ने कहा कि बजट में किसान, गरीब, युवा तथा […]

Read More