- पंकज चौधरी ने सातवीं बार जीत कर रच दिया इतिहास,दूसरी बार लगाया जीत की हैट्रिक, विरोधी पस्त
- भाजपा के पंकज चौधरी बने ‘महाराज’, इंडी गठबंधन के वीरेंद्र चौधरी हुए निराश
उमेश चन्द्र त्रिपाठी
महराजगंज! 2024 के लोकसभा चुनाव में पंकज चौधरी ने महराजगंज संसदीय सीट पर शानदार प्रदर्शन करते हुए सातवीं बार ऐतिहासिक जीत दर्ज की। इतना ही नहीं जहां एक तरफ पंकज चौधरी ने दूसरी बार जीत की हैट्रिक लगाया है वहीं दूसरी तरफ विरोधियों को पूरी तरह पस्त कर दिया है। 2024 के लोकसभा चुनाव में पंकज चौधरी ने कुल 5,91310 मत प्राप्त किया। इंडी गठबंधन प्रत्याशी वीरेन्द्र चौधरी को 5,55,859 मत मिले जो दूसरे स्थान पर रहे। बसपा के मोहम्मद मौसमे आलम को मात्र 32,956 मत से ही संतोष करना पड़ा और वे तीसरे स्थान पर जा पहुंचे। इस तरह पंकज चौधरी ने अत्यंत कड़े मुकाबले में इंडी गठबंधन प्रत्याशी कांग्रेस के वीरेंद्र चौधरी को 35,451 मतों के अंतर से हरा दिया।
बता दें कि 2019 महराजगंज लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के पंकज चौधरी को 7,26,349 वोट मिले थे। वहीं, समाजवादी पार्टी के अखिलेश को 3,85,925 वोट मिले और वे दूसरे स्थान पर रहे। कांग्रेस की सुप्रिया श्रीनेत 72 हजार मत पाकर तीसरे स्थान पर रहीं।2019 में भी इस सीट पर सातवें चरण में वोटिंग हुई थी। उस समय 64.68 फीसदी मतदाताओं ने वोटिंग की थी। यहां से कुल 14 उम्मीदवार मैदान में थे। 6 उम्मीदवार तो बतौर निर्दलीय मैदान में थे
2014 का लोकसभा चुनाव नरेंद्र मोदी के नाम पर लड़ा गया था, जिसमें बीजेपी को उत्तर प्रदेश में बंपर कामयाबी मिली थी। महराजगंज लोकसभा सीट पर 23 उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई थी, लेकिन मुख्य मुकाबला बीजेपी के पंकज चौधरी और बसपा के काशीनाथ शुक्ला के बीच रहा। पंकज चौधरी को कुल मिले मत में 44.65 फीसदी यानी 4,71,542 वोट हासिल हुए तो बसपा के काशीनाथ शुक्ला को 2,31,084 मत (21.88 फीसदी) मिले। इस तरह से पंकज ने यह चुनावी जंग 2,40,458 मतों के अंतर से जीत हासिल की। तीसरे स्थान पर सपा के अखिलेश रहे। कांग्रेस के हर्षवर्धन चौथे स्थान पर रहे।पूर्वी उत्तर प्रदेश के पिछड़े क्षेत्रों में शामिल महराजगंज एक संसदीय क्षेत्र है। महराजगंज का संसदीय इतिहास बेहद शानदार रहा है और इस सीट पर संसद में पहुंचने की शुरुआत देश के महान शिक्षाविद, स्वतंत्रता सेनानी और राजनेता प्रोफेसर शिब्बन लाल सक्सेना ने की। वह संविधान सभा के सदस्य भी रहे। उन्हें महराजगंज के मसीहा के रूप में जाना जाता है।महराजगंज संसदीय सीट के अंतर्गत 5 विधानसभा क्षेत्र (फरेंदा, नौतनवां, सिसवा, महराजगंज सदर और पनियरा) आते हैं। पिछले 2022 के विधानसभा चुनाव के परिणाम देखें तो इन 5 विधानसभा सीटों पर 3 में बीजेपी का कब्जा है, जबकि एक पर निषाद-भाजपा गठबंधन और एक पर कांग्रेस उम्मीदवार ने जीत हासिल की थी।महराजगंज जिले की आबादी 26.8 लाख है और यह प्रदेश का 34 वां सबसे घनी आबादी वाला जिला है। यहां पर कुल आबादी में 13.8 लाख (51 फीसदी) पुरुष और 13 लाख (49 फीसदी) महिलाएं हैं। जातिगत आधार पर देखा जाए तो यहां पर सामान्य वर्ग की 81 फीसदी आबादी रहती है तो 18 फीसदी आबादी अनुसूचित जाति और 1 फीसदी आबादी अनुसूचित जनजाति की है।
राम नाम के आधार के साथ योगी ने निभाई गोरक्षपीठाधीश्वर की भी भूमिका
धर्म के आधार पर देखा जाए तो यहां पर 81.8 फीसदी आबादी हिंदुओं की है, जबकि 17.1 फीसदी आबादी मुस्लिमों की रहती है। लिंगानुपात के मामले में यहां की स्थिति संतोषजनक नहीं है। जिले में प्रति हजार पुरुषों पर 943 महिलाएं हैं। साक्षरता के मामले में यह जिला काफी पीछे है। यहां की करीब 63 फीसदी आबादी साक्षर है जिसमें 76 फीसदी पुरुष और 49 फीसदी महिलाएं साक्षर हैं।