
हर मंगलवार को आप मंदिर में पहुंचने की आदत डालें
जिस तरह ईसाई रविवार को चर्च जरूर जाता है। और मुसलमान शुक्रवार को मस्जिद जरूर जाता है। हमें भी मंगलवार का दिन तय करना पड़ेगा बल और बुद्धि का दिवस शक्ति का दिवस हनुमान जी का दिवस।
आप सभी को शिकायत होती है कि हिंदू कभी हिंदू के लिए खड़ा नहीं होता। कैसे होगा क्या आपने ऐसा कोई नियम बना रखा है जिसमें आप कम से कम सप्ताह में एक बार एक दूसरे से मिले।
आइए हम अपने वीरान पड़े मंदिरों को शक्ति और संगठन स्थल के रूप में विकसित करें।
हर मंगलवार शाम को 6:00 से 9:00 के बीच आप चाहे कहीं भी है मंदिर अवश्य पहुंचे ।हनुमान चालीसा एवं आरती का समय यही होता है।
अपने घर पर सुन्दरकाण्ड पाठ करबाइये जिससे घर में सुख शांति रहे
आप अपने घर पर हैं तो घर के पास के मंदिर में ।दुकान पर है तो दुकान के पास के मंदिर में ऑफिस में है तो ऑफिस के पास किसी मंदिर में ।अगर आप यात्रा पर भी हैं तो आप जहां भी हैं वहां पर आसपास किसी भी मंदिर में हर मंगलवार 6:00 से 9:00 के बीच जरूर पहुंचे।
कल्पना कीजिए भारतवर्ष में लाखों लाखों मंदिर है अगर हर मंदिर में सिर्फ 50 से 100 लोग भी पहुंचेंगे और एक साथ उनके घंटों की शंख की और आरती की आवाजें गूंज आएगी तो एक मिश्रित संगीत जब पूरे भारतवर्ष में हर मंगलवार ठीक 6:00 से 9:00 के बीच में गूंजेगा तो यह आवाज पूरी दुनिया में जाएगी इसका असर बहुत ही दूरगामी होगा। विश्वास कीजिए आज की सभी समस्याएं कपूर की तरह उड़ जाएगी इतनी बड़ी संख्या में जब हिंदू अपने मंदिरों में पहुंचेगा वह भी हर सप्ताह तो किसी में हिम्मत नहीं होगी कि हिंदू सभ्यता संस्कृति को छेड़ सके।
हो सके तो अपने साथ अपने बीवी बच्चों को भी लेकर मंदिर जाए जब आप इस तरह से नियमित रूप से हर मंगलवार मंदिर पहुंचेंगे तो वहां आपके आस पड़ोस में एक ही जो लोग हैं वह भी आपसे मिलेंगे आपकी जान पहचान बढ़ेगी आपस में संबंध बढ़ेंगे और फिर आप एक दूसरे के सुख दुख में भी शामिल होंगे इसी तरह से हम सभी एकता के सूत्र में बंध जाएंगे।** और आज ही प्रण करें चाहे हम कुछ भी कर रहे हैं हर मंगलवार 6:00 से 9:00 के बीच हम मंदिर जरूर पहुंचेंगे अपने लिए नहीं अपने समाज और अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा के लिए। ध्यान रहे अब यह आवश्यक हो चुका है अगर आप इसे अभी भी टालते रहे तो बहुत बड़े खतरे में आप पड़ने वाले हैं। जितना शीघ्र आप इसे शुरू करेंगे इतना जल्दी आप एक दूसरे से एकता के सूत्र में बंध जाएंगे।
((Jyotishacharya Dr Umashankar Mishra-9415087711))–
जय श्री राम