
राकेश यादव, विशेष संवाददाता/न्यूज एडिटर
- आचार संहिता के दौरान जेल डॉक्टर का करवाया था तबादला
- जेल प्रशासन को तानाशाही से जेलकर्मियों में आक्रोश
- नियमो को ताख पर रखकर बंदियों से की जा रही जमकर वसूली
लखनऊ। कारागार विभाग में दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही नहीं होने से अधिकारी बेलगाम हो गए हैं। आदर्श चुनाव आचार संहिता के दौरान बिजनौर जेल अधीक्षक ने जेल डॉक्टर का तबादला करा दिया। डीएम के निर्देश पर सीएमओ ने डॉक्टर को जेल से हटाकर सीएचसी पर स्थानांतरित कर दिया। यही नहीं जेल अधीक्षक ने स्थानांतरित डॉक्टर को तुरंत सरकारी आवास खाली करने का फरमान भी जारी कर दिया।
अधीक्षक की इस तानाशाही के बाद भी आज तक उसके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई है। यह अलग बात है कि स्थानांतरण के खिलाफ न्यायालय गए डॉक्टर को इस मामले में स्थगन आदेश मिल गया।
सूत्रों के मुताबिक बिजनौर जेल में बड़े पैमाने पर गैर कानूनी कार्य संचालित हो रहे है। बंदियों को बगैर अनुमति के जेल के बाहर ले जाना, बंदियों को पीटकर वसूली करना जैसी घटनाओं में किसी प्रकार फसने से खुद को बचाने के लिए जेल डॉक्टर पर दबाव बनाया जाता है। जो डॉक्टर अधीक्षक और जेलर की मंशानुरूप काम नहीं करते हैं। उन्हें शिकायत कर हटवा दिया जाता है।
सूत्रों का कहना है बीती 10 अप्रैल को जेल अधीक्षक अदिति श्रीवास्तव ने जेल डॉक्टर महेंद्र सिंह की डीएम से शिकायत कर उन्हें हटाए जाने को कहा। शिकायत के बाद आनन फानन में डीएम के निर्देश पर डीएम से शिकायतने डॉक्टर महेंद्र सिंह को जेल से सीएचसी नजीबाबाद स्थानांतरण कर दिया। जेल अधीक्षक ने स्थानांतरण के दो दिन बाद ही 12 अप्रैल को जेल डॉक्टर से आवास खाली कराने का नोटिस जारी कर दिया।
स्थानांतरण आदेश मिलने से पूर्व डॉक्टर अवकाश पर जा चुके थे तो आवास खाली करने का नोटिस उनके आवास पर चस्पा करा दिया गया। उधर स्थानांतरण आदेश के खिलाफ न्याय के लिए डॉक्टर महेंद्र सिंह न्यायालय की शरण में गए है। न्यायालय ने उन्हें स्थानांतरण पर स्थगन आदेश दे दिया है।
चुनाव आचार संहिता के दौरान हुए तबादले को हुए दो माह बीत चुके हैं। देश में चुनाव की प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है। अब चुनावआचार संहिता को भी हटा दिया गया है। इसके बाद भी आचार संहिता के दौरान तबादला करवाने वाली जेल अधीक्षक के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई है। कार्यवाही नही होने से बेलगाम हुआ जेल प्रशासन अब बंदियों के साथ जेलकर्मियों का शोषण करने में कोई कोर कसर बाकी नहीं रख रहा है।
मामले की जांच के बाद होगी दोषियों पर कार्यवाही
आचार संहिता के दौरान जेल डॉक्टर का स्थानांतरण करवाने और दोषी अधीक्षक के खिलाफ नहीं होने के संबंध में जब महानिदेशक पुलिस/महानिरीक्षक कारागार पीवी रामाशास्त्री से बात करने का प्रयास किया गया तो कई प्रयासों के बाद भी उनका फोन नहीं उठा। उधर महानिदेशक कारागार के निजी सचिव ने कहा कि मामले की जांच कराई जाएगी। जांच में दोषी पाए जाने वालो पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी।