ज्येष्ठ माह के अंतिम बड़े मंगल पर हनुमान भक्ति से सराबोर हुआ ईसानगर-खमरिया
-ईसानगर से सेमरिया हनुमानगढ़ी तक निकली विशाल पद यात्रा
खमरिया खीरी
ज्येष्ठ महीने के अंतिम बड़े मंगलवार को ईसानगर व खमरिया क्षेत्र भगवान हनुमान जी की भक्ति से डूबा रहा जिसमें ईसानगर से हनुमान गढ़ी सेमरिया तक विशाल पदयात्रा निकाली गई। इस दौरान चारों ओर करीब 30 किलोमीटर तक पूरा माहौल हनुमान भक्ति से सराबोर रहा। भक्तों की सुविधा के लिए लोगों ने जगह जगह जलपान की भी व्यवस्था की, पदयात्रा में आसपास के गांवों के हजारों लोग शामिल हुए।
मंगलवार को सुबह ईसानगर कस्बे में स्थापित श्री सिद्धेश्वर नाथ महादेव मन्दिर में पूजन के बाद हनुमान भक्तों ने कस्बे भर का फेरा लगाया,इसके बाद पदयात्रियों का जत्था हाइवे से होता हुआ अख्तियारपुर चौराहे से सेमरिया स्थित ऐतिहासिक और प्राचीन हनुमान गढ़ी पहुंचा। यात्रा शुरू होने के बाद से समापन तक पदयात्रियों की संख्या लगातार बढ़ती रही। वही
पदयात्रियों ने एक मन्दिर की प्रतिकृति बनाकर उसमे हनुमान प्रतिमा को विराजमान कराकर यात्रा के दौरान स्थानीय लोगों ने रास्ते भर हनुमान प्रतिमा का पूजन किया।
हनुमान गढ़ी पहुंचने के बाद भक्तों ने गर्भगृह में वीर बजरंग बली का श्रृंगार कर आरती उतारी व लोगों में प्रसाद वितरण किया।
850 साल पहले सेमरिया में हुई थी हनुमान जी की प्राण प्रतिष्ठा
सेमरिया स्थित हनुमान गढ़ी के बारे में बताया जाता है कि 1230 ईस्वी में मल्लापुर राजघराने के राजा गंगा प्रताप सिंह के पूर्वजों ने इस मन्दिर की स्थापना कराई थी। माघ महीने के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को स्थापना के बाद से अब तक यहां 14 महंत हो चुके हैं। मौजूदा समय में यहां की बागडोर महंत रामदुलारे अवस्थी के पुत्र केशवराम व वेदप्रकाश के हांथों में है।
स दौरान पंडित नीरज अवस्थी ने बताया कि पड़ोस के गांव शेखपुर के बढ़ई मक्का के हांथों की निर्मित एक रेहल आज भी गद्दी पर है। जिसपर स्थापना की तिथि व मक्का बढ़ई का नाम भी अंकित है व मन्दिर के संग्रहालय में महंतों के पदचिह्न आज भी सुरक्षित हैं। इसके अलावा मंदिर में स्थापित हनुमान जी की आदमकद पाषाण प्रतिमा के बाईं ओर स्थापित एक अन्य हनुमान प्रतिमा के कन्धों पर राम लक्ष्मण विराजमान हैं। वहीं दूसरी ओर दाईं तरफ शिव जी की दुर्लभ प्रतिमा है। जिनकी पालथी पर पार्वती जी व गणेश जी विराजमान हैं।
ही पंडित केशव राम अवस्थी ने बताया कि सेमरिया हनुमान गढ़ी में साल में तीन बार दीपावली,रामनवमी और अक्षय नवमी को मेला लगता है। यहां प्रत्येक शनिवार को साप्ताहिक सत्संग का भी आयोजन किया जाता है। इस सिद्ध हनुमान गढ़ी में बजरंग बली के दर्शन के लिए अन्य प्रांतों से भी लोग हर मंगलवार को आते हैं।
जगह जगह हुए भंडारे,मंदिरों में रामायण व हनुमान चालीसा का हुआ पाठ,मुस्तैद रही पुलिस
ज्येष्ठ माह के अंतिम मंगलवार को खमरिया,ईसानगर,कटौली समेत अन्य कस्बों व गावों में जगह जगह भंडारों का आयोजन किया,कहीं शर्बत,कहीं बूंदी तो कही कही पूड़ी सब्जी का भंडारा कर लोगों ने पुण्य प्राप्त किया। यही नहीं अंतिम मंगलवार होने की वजह से हनुमान गढ़ी समेत अन्य मंदिरों में भक्तों ने रामायण के साथ साथ हनुमान चालीसा का पाठ कर ईश्वर की पूजा अर्चना की।
इसके अलावा अधिकांश गावों से हजारों की संख्या में लोग सेमरिया में स्थित हनुमान गढ़ी पहुचकर भगवान के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। वही भक्तों की भीड़ देख ईसानगर थानाध्यक्ष देवेंद्र कुमार गंगवार की अगुवाई में मंदिर परिसर के साथ साथ आने जाने वाले रास्तों पर पुलिस के जवान मुस्तैद हे।
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