AI से हुआ चमत्कार! AI-पावर्ड वीडियो प्लेटफॉर्म StoryFile ने इस टेक्नोलॉजी को किया था तैयार
ऐसी ख़बर आपने आज तक नहीं पढ़ी होगी। कल्पना कीजिए आप किसी व्यक्ति के अंतिम संस्कार में गए हों और वह आपसे बात करने लगे। आपको अपनी आँखों पर भरोसा नहीं हो रहा होगा। सोच रहे होंगे कि रिपोर्टर ने सफ़ेद झूठ लिख दिया है। लेकिन, ये असंभव सा काम भी Technology की मदद से संभव हो पाया। इसके लिए Artificiel Intelligence या AI की मदद ली गई। ये घटना इंग्लैंड की बताई जा रही है। होलोकास्ट कैंपेनर Marina Smith MBE ने अपने ही अंतिम संस्कार में स्पीच दी। इतना ही नहीं उन्होंने वहां मौजूद लोगों के सवालों के जवाब भी दिए। ग़ौरतलब है कि मरीना का जन्म 16 नवंबर 1934 को कोलकाता में हुआ था।
होलोग्राम की मदद से दिखाया गया वीडियो
ख़बरों के मुताबिक़ उनकी मृत्यु जून 2022 में हुई। लेकिन होलोग्राम की मदद से उनके वीडियो को दिखाया गया। जिससे देखने वाले लोगों को लग रहा था कि वो जिंदा है। AI-पावर्ड होलोग्राफिक वीडियो टूल की मदद से उन्होंने वहां मौजूद लोगों से बातचीत भी की। इस दौरान उन्होंने अपने जीवन से जुड़े कई सीक्रेट्स भी बताए। मिसेज स्मिथ The National Holocaust Centre and Museum की को-फाउंडर थी। उन्होंने सबसे पहले इस टेक्नोलॉजी को एडॉप्ट करके अपने ही अंतिम संस्कार में मौजूद रहने वाली महिला बनीं।
BBC की एक रिपोर्ट के अनुसार, AI-पावर्ड वीडियो प्लेटफॉर्म StoryFile ने इस वीडियो टेक्नोलॉजी को तैयार किया था। StoryFile के सीईओ और को-फाउंडर Stephen Smith ने बताया कि सबसे पहले उनकी मां Marina Smith ने इस टेक्नोलॉजी को एडॉप्ट किया।
इस स्टार्टअप को साल 2017 में लॉन्च किया गया था। इससे लोग वीडियो को क्रिएट कर सकते हैं और AI की मदद से व्यूअर्स के सामने सही वीडियो क्लिप चलता है। यानी पहले से वीडियो क्लिप्स तैयार करके सेव कर दिए गए थे।
इससे जब लोग उनसे सवाल पूछते थे तो AI उसके हिसाब से वीडियो को प्ले कर देता था। इसके लिए AI ने वीडियो को छोटे-छोटे क्लिप में डिवाइड किया था। इसके लिए कंपनी ने स्मिथ के साथ दो दिन समय बिताया था। जहां पर उनके वीडियो को तैयार किया गया था। जिसमें उन्होंने लाइफ से जुड़ी कई जानकारी शेयर की।
कैसे काम करता है StoryFile?
StoryFile डीपफेक टेक्नोलॉजी से काफी अलग है। ये रियल प्री-रिकॉर्डेड रिस्पांस के जरिए सवालों के जवाब देता है। इससे लोग रियल टाइम में बातचीत कर पाते हैं। इसके लिए कंपनी स्पेशल 3D टेक्नोलॉजी का यूज करती है। इसके अलावा स्टेट-ऑफ-द-आर्ट साउंड इक्विपमेंट और डेप्थ किट का भी उपयोग किया जाता है। इसके बाद फुटेज को को एक्सपर्ट्स की टीम प्रोसेस करती है। इसमें क्लिप को टैग करने से लेकर AI को ट्रेनिंग देना तक शामिल है। इससे सवालों के जवाब दिए जाते हैं। इसके बाद फाइनल प्रोडक्ट को स्टोरीफाइल प्लेटफॉर्म पर अपलोड कर दिया जाता है। इसके बाद इसका यूज किया जा सकता है।