वाइब्रेंट इकोनॉमिक हब के रूप में विकसित होगी ‘पीतल नगरी’

  • – मुरादाबाद को अगले सात साल में विकसित करने के लिए योगी सरकार ने खींचा खाका
  • – पीतल की कारीगरी करने वाले आर्टिजन के लिए महायोजना 2031 में विशेष प्रबंध
  • – हैंडीक्राफ्ट और निर्यात उद्योग को बढ़ाने पर योगी सरकार का है सर्वाधिक जोर
  • – आर्टिजन के लिए सरकार बनाएगी हस्तशिल्प ग्राम, मेगा एमएसएमई का भी प्रस्ताव
  • – औद्योगिक और लॉजिस्टिक पार्क से मिलेगी मुरादाबाद की अर्थव्यवस्था को गति

लखनऊ, 21 जून। प्रदेश के प्रत्येक जिले को आत्मनिर्भर बनाने के संकल्प को पूरा करने में जुटी योगी सरकार पीतल नगरी के नाम से मशहूर मुरादाबाद के लिए महायोजना 2031 लेकर आई है। इसके अंतर्गत जहां एक तरफ शहर का विस्तार और विकास सुनिश्चित किया जाना है, वहीं इसकी पहचान और ओडीओपी में शामिल पीतल हैंडीक्राफ्ट के निर्माण और निर्यात उद्योग को भी बढ़ाने का कार्य किया जाएगा। सीएम योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि मुरादाबाद को वाइब्रेंट इकोनॉमिक हब के रूप में विकसित किया जाए। यहां पीतल उद्योग से जुड़े आर्टिजन के लिए हस्तशिल्प ग्राम बनाने के साथ ही मेगा एमएसएमई पार्क के निर्माण का प्रस्ताव भी है। यही नहीं औद्योगिक और लॉजिस्टिक पार्क के जरिए मुरादाबाद के औद्योगिक विकास को गति देने की तैयारी है। हाल ही में मुख्यमंत्री के सामने अधिकारियों ने मुरादाबाद महायोजना 2031 को प्रस्तुत किया है।

 

इन्फ्रास्ट्रक्चर सुविधाओं का होगा विकास

महायोजना में इस बात का उल्लेख है कि वर्तमान में 13,14,914 की आबादी वाले शहर की जनसंख्या 2031 में तकरीबन 16,66,404 हो जाएगी। इसे ध्यान में रखते हुए मुरादाबाद की भावी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए सुदृढ़ आर्थिक आधार का निर्माण, सामाजिक-सांस्कृतिक एवं भौतिक इन्फ्रास्ट्रक्चर सुविधाओं का विकास किया जाना है। साथ ही साथ नगर के पर्यावरण का संरक्षण करते हुए सतत और नियोजित विकास को बढ़ावा देना है। इसमें ट्रैफिक प्लान को सुदृढ़ करने पर भी बल दिया जाएगा। ट्रैफिक डीकंजेशन के लिए 60 मीटर चौड़े रिंग रोड का प्रावधान है। वहीं विकास क्षेत्र से बाहर एसईजेड को नगर के अंदर मौजूद औद्योगिक क्षेत्र से जोड़ने के लिए 36 मीटर चौड़े औद्योगिक गलियारे का भी विकास किया जाएगा।

1200 हेक्टेयर में मेगा टाउनशिप ‘शिवालिक’ का प्लान

मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत रिपोर्ट में मुरादाबाद में हस्तशिल्प ग्राम, मेगा एमएसएमई क्लस्टर, इंडस्ट्रियल लॉजिस्टिक पार्क, नॉलेज सिटी व मेडीसिटी के साथ ही 55 एकड़ में उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय के निर्माण की बात भी कही गई है। इसके अलावा औद्योगिक आवश्यकताओं के लिए कौशल विकास केंद्र, निर्यातकों व निवेशकों की सुविधा के लिए ऑडिटोरियम और कन्वेंशन सेंटर, 1200 हेक्टेयर में मेगा टाउनशिप ‘शिवालिक’ और 130 हेक्टेयर में औद्योगि व मिश्रत तथा 50 हेक्टेयर में आवासीय आत्याधुनिक टाउनशिप का भी प्रस्ताव है। इसके साथ ही स्पोट्स सिटी, आयुष पार्क, शुगरकेन प्रोसेसिंग क्लस्टर, कैटल कॉलोनी, मत्स्य मंडी और ट्रांसपोर्ट नगर का भी प्रस्ताव है। महायोजना 2031 के लिए मुरादाबाद में वर्तमान में 18017 करोड़ रुपए की शॉर्ट टर्म, 13027 करोड़ रुपए की मिडियम टर्म और 10749 करोड़ रुपए की लॉन्ग टर्म परियोजनाएं संचालित हैं।

दुनियाभर में होता है पीतल से बनी कलाकृतियों का निर्यात

बता दें कि मुरादाबाद जोकि पीतल नगरी के रूप में विख्यात है और यहां के पीतल उत्पादों पर बने डिजाइन संस्कृति, विरासत, इतिहास और विविधता को विश्वभर में प्रदर्शित करते हैं। इन वस्तुओं को सजाने के लिए उपयोग किये जाने वाले पैटर्न और डिजाइन विभिन्न स्रोतों से प्रेरित होते हैं, जिनमें हिन्दू देवी-देवताओं से लेकर मुगलकाल की पेंटिंग तक शाम हैं। यहां से विश्वभर में पीतल के उत्पाद निर्यात किये जाते हैं।

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