मनमाफिक जेल चाहिए तो मुख्यालय बाबुओं से मिलिए

तबादलों के लिए बाबुओं का गिरोह हुआ सक्रिय

कारागार विभाग में स्थानांतरण नीति की उड़ाई जा रही धज्जियां

राकेश यादव

लखनऊ। मनमाफिक कमाऊ जेलों पर तैनाती के लिए कारागार मुख्यालय में बाबुओं का गैंग सक्रिय हो गया है। पूर्वांचल की जेलों में तैनात अधिकारी और सुरक्षाकर्मी मनमाफिक जेलों पर तैनात होने की जुगत में लगे हुए है। मुख्यालय में तैनात बाबुओं से सेटिंग गेटिंग करके कमाऊ जेलों पर जाने के लिए अधिकारी और सुरक्षाकर्मी मुख्यालय के चक्कर काट रहे है। चर्चा है कि मुख्यालय में बाबुओं का एक ऐसा गैंग है जो लेनदेन करके सुरक्षाकर्मियों को मनमाफिक जेलों पर तैनात करवाने का ठेका लेते है। विभाग में ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है पूर्व में भी ऐसा होता रहा है।

सरकार की स्थानांतरण नीति के मुताबिक जनपद में तीन साल और मंडल में सात साल तैनात रहने वाले कर्मियों को स्थानांतरित किया जाए। इसके अलावा पति पत्नी को एक जनपद में तैनात किया जाए। सरकार के यह निर्देश कारागार विभाग में फाइलों में सिमट कर रह गए है। इस विभाग में दर्जनों की संख्या में अधिकारी और कर्मचारी ऐसे है जो लंबे समय से एक ही जेल पर डेरा डाले हुए है। निर्धारित समयावधि पूरी होने के बाद भी इन्हें स्थानांतरित नहीं किया जाता है। इस विभाग में तबादलों का सबसे बड़ा खेल निजी अनुरोध पर होने वाले स्थानांतरण में किया जाता है।

स्थानांतरण सत्र समाप्त होने में अब सिर्फ एक सप्ताह का समय ही शेष बचा है। जैसे जैसे समय नजदीक आता जा रहा है कारागार मुख्यालय में जेलकर्मियों की हलचल बढ़ने लगी है।मुख्यालय में हेड वार्डर और वार्डर के मनमाफिक तबादला करवाने का बाबुओं का एक गिरोह सक्रिय है। मुख्यालय में बजट से सामान्य अनुभाग एक का बाबू तबादलों के लिए हेड वार्डर और वार्डर की तलाश करता हैं। आदर्श कारागार से मुख्यालय में समायोजित होकर प्रबोशन का काम देख रहा बाबू इनसे तय तोड़ करता है। इसके बाद यह बाबू पटल के प्रधान सहायक अफसरों से मिलकर इन सुरक्षाकर्मियों का मनमाफिक (कमाऊ) जेलों पर तैनात करा देता है। यह गोलमाल पहली बार नहीं हो रहा है। इससे पहले भी सैकड़ों की संख्या में हेड वार्डर और वार्डर पूर्वांचल से पश्चिम की जेलों पर भेजा जा चुका है। इसकी पुष्टि इन कर्मियों एवं परिजनों के मोबाइल फोन से की जा सकती है। इस बार यह सिलसिला जोरशोर से चल रहा है। उधर इस संबंध में जब महानिदेश जेल पीवी रामा शास्त्री से बात करने का प्रयास किया गया तो उनका और उनके पीआरओ अंकित का फोन नहीं उठा।

नई सरकार और परदे के पीछे की पूरी पटकथाः ऑफेंसिव डिफेंस के साथ एक बार फिर मोदी पूरी ताकत से एक्शन में

 

अटैच जेलकर्मी बने मुख्यालय बाबुओं को कमाई का जरिया!

प्रदेश के विभिन्न मंडल की जेलों से कारागार मुख्यालय में अटैच वार्डर और हेड वार्डर के माध्यम से कैंडिडेट मिलने के साथ दलाली तय होती है। सूत्रों के मुताबिक अटैच वार्डर जेल परिक्षेत्र स्थानांतरण के इच्छुक वार्डरों की सूची मंगाते है। फिर जेल के हिसाब से दाम तय होते हैं। इसके बाद पटल प्रभारी प्रशासनिक अधिकारी और संबंधित अधिकारियों से साठ गांठ करके उनका तबादला मनमाफिक जेल पर करा देते है। इसकी भनक लगने पर पूर्व कारागार मंत्री ने आईजी जेल को पत्र लिखकर विभिन्न जेलों से अटैच सुरक्षाकर्मियों को हटाकर तैनाती स्थल पर भेजे जाने का निर्देश भी दिया था। मंत्री तो चले गए लेकिन ऊंची पहुंच और जुगाड़ के चलते यह आज भी मुख्यालय में ही जमे हुए हैं। हकीकत यह है कि अटैच सुरक्षाकर्मी मुख्यालय बाबुओं की कमाई का जरिया बने हुए है। इसलिए इन्हे हटाया ही नहीं जाता है।

नोट: जेल मुख्यालय की फोटो के साथ लगाएं

Raj Dharm UP

आप कार्यकर्ताओं की हुंकारः झूठ की बुनियाद पर सच को दबाना नामुमकिन, तानाशाही कर रहे पीएम मोदी

दिल्ली के सीएम को मिली जमानत, लखनऊ में कार्यकर्ताओं ने मनाया जश्न केजरीवाल की रिहाई ने मोदी और जांच एजेंसियों का किया पर्दाफाश नया लुक संवाददाता लखनऊ। आम आदमी पार्टी के मुखिया दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत मिलने पर उत्तर प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर जश्न मनाया गया। कार्यकर्ताओं ने एक दूसरे […]

Read More
Raj Dharm UP

जेल सुरक्षाकर्मियों ने मानवता को किया शर्मसार, सुरक्षा में तैनात वार्डर शव छोड़कर भागे

आगरा जेल में फुटवियर निर्माता की हुई संदिग्ध मौत का मामला अगले दिन होनी थी बंदी की रिहाई, मामले से मचा हड़कम्प राकेश यादव लखनऊ/आगरा। आगरा जिला जेल में फुटवियर निर्माता की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। इस मामले में जेल कर्मियों ने मानवता को शर्मसार कर दिया। जेल से उपचार के लिए अस्पताल […]

Read More
Raj Dharm UP

कमाई के लिए स्टेनो की जगह डीआईजी के साथ लगाएं बाबू!

मुख्यालय में स्टेनो होने के बाद बाबुओं को सौंपा गया प्रभार मनमाने रवैए से स्टेनो संवर्ग के कर्मियों में आक्रोश राकेश यादव लखनऊ। प्रदेश के कारागार मुख्यालय में स्टेनो होने के बावजूद बाबुओं को DIG के स्टेनो का प्रभार सौंप दिया गया है। यह बात सुनने और पढ़ने में भले ही अटपटी लगे लेकिन विभाग […]

Read More