अमेरिकी तरबूज का बीज नेपाल के रास्ते पहुंच रहा है भारत
उमेश चन्द्र त्रिपाठी
महराजगंज। भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा एजेंसियों और कस्टम विभाग के अधिकारियों ने एक पिकअप पर लदा विदेशी तरबूज का बीज बरामद कर एक बड़े स्कैंडल का पर्दाफाश किया है।
बता दें कि इन दिनों अमेरिकी तरबूज के बीज नेपाल के रास्ते चोरी से भारत पहुंच रहे हैं। भारत में इसकी मांग और आयात शुल्क अधिक होने के कारण तस्करों ने अब इस पर अपनी निगाहें जमा ली हैं। बीते शुक्रवार को निचलौल के सीमा क्षेत्र से 130 बोरी तरबूज के बीज की बरामदगी के बाद सुरक्षा एजेंसियां और सतर्क हो गई हैं।
तरबूज के बीज का प्रयोग मिठाइयों और दवा में ज्यादा किया जाता है। इसे देखते हुए तस्करों ने इसकी सप्लाई शुरू कर दी है। नेपाल में तरबूज नहीं होता, इसलिए वहां से इसका आयात भी भारत में प्रतिबंधित है। नेपाल में तरबूज के बीज अमेरिका से आते हैं। नेपाल में इसकी कीमत 500 रुपये प्रति किलो है तो भारत में करीब आठ सौ रुपये। कीमत में यही अंतर भारत में इसकी तस्करी का कारण बना है, जिसका फायदा तस्कर उठा रहे हैं और अपने नेटवर्क का इस्तेमाल कर भारत भेज रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार, तस्कर भोर और शाम के वक्त सीमा पर गाड़ियां तैयार रखते हैं। जैसे ही इन्हें मौका मिलता है सीमा पार कराकर सीमावर्ती गांव में बने गोदामों में डंप कर भारत के महानगरों में भेज देते हैं।
स्थानीय लोगों का इस्तेमाल करते हैं तस्कर
गेहूं, चावल, धान, चीनी, प्याज सहित अन्य आवश्यक वस्तुओं पर भारत सरकार की ओर से प्रतिबंध सहित नेपाल भंसार में भारी भरकम कस्टम शुल्क के कारण दोनों तरफ से तस्करी हो रही है। ऐसा ही नेपाल से कबाड़, लाइटर, टूथपेस्ट, सौंदर्य प्रसाधन और चरस के बाद अब तरबूज के बीज भारत में आ रहे हैं। भारत से नेपाल को कपड़े की भी बड़े पैमाने पर तस्करी हो रही है।
तस्कर सरहद पर बेरोजगार युवाओं को फंसा कर तस्करी से जोड़ते हैं। साइकिल और बाइक से ढुलाई चार्ज के रूप में 500 से 1000 रुपये आराम से मिल जाते हैं। स्थानीय लोगों को सीमा की पगडंडी की जानकारी होती है,जिससे वे आसानी से सामान सरहद पार करा देते हैं।
भारत-नेपाल खुली सीमा का लाभ उठाते हैं तस्कर
पगडंडियों के रास्ते बड़ा वाहन ले जाना मुश्किल होता है। इसलिए तस्करी के लिए बाइक सरहद पार करना सबसे आसान तरीका बन गया है।
सूत्रों की माने तो महराजगंज से लगी समूची भारत-नेपाल सीमा पर हजारों की संख्या में युवा और महिलाएं इस धंधे में से जुड़े हुए हैं। इधर से चावल-गेहूं लेकर जाते हैं और उधर से तरबूज के बीज भारत लाते हैं। श्याम काट, भगवानपुर, मदरी, निपानिया, खनुवा, कोल्हुई थाना क्षेत्र के जोगियाबारी, नौतनवा सुंडी, छपवा, सम्पतिहा, बरगदवा परसामलिक, ठूठीबारी झुलनीपुर के रास्ते सामान सरहद पार होने की बात कही जाती है। सीमावर्ती क्षेत्र में तमाम स्थान ऐसे हैं, जहां नेपाल की दूरी महज 100 मीटर है। नो मेंस लैंड के निकट कुछ घर भी हैं। किनारे के घरों में सामान रखकर पार करा दिया जाता है।
तरबूज के बीज में फाइबर की मात्रा अधिक होती है
आयुष डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि तरबूज के बीज में प्रोटीन, आयरन, कॉपर, जिंक, मैग्नीशियम, विटामिन बी-9 जैसे तत्व मौजूद होते हैं। तरबूज के बीज खाने से शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है, साथ ही दिल से जुड़ी बीमारियां दूर होती हैं। तरबूज के बीज में फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो पाचन तंत्र बेहतर बनाता है और कब्ज, एसिडिटी से राहत दिलाता है।
इस संबंध में निचलौल में तैनात कस्टम अधीक्षक रविन्द्र त्रिपाठी ने कहा कि तस्करों पर नकेल कसने के लिए सरहद पर तैनात एसएसबी, कस्टम और पुलिस पूरी तरह चौकस है।उनकी सतर्कता से अक्सर सामानों की बरामदगी होती रहती है। इस पर पूरी तरह रोक लगाने के लिए सीमावर्ती इलाकाें में गहन निगरानी की जा रही है।