- – 10 नये थर्मल पॉवर प्लांट से पैदा होगी 5255 मेगावॉट बिजली
- – जुलाई 2024 से अगस्त 2027 तक क्रियाशील हो जाएंगे सभी 10 थर्मल पॉवर स्टेशन
- – ओबरा, घाटमपुर, जवाहरपुर, पनकी, खुर्जा और सिंगरौली में स्थापित होंगे 10 नये थर्मल पॉवर स्टेशन
- – 2030 तक प्रदेश के और तीन बड़े बिजली घरों की क्षमता में भी होगा इजाफा
- – ओबरा डी, अनपरा ई और मेजा 2 के जरिए 5120 मेगावॉट बिजली उत्पादन में होगी वृद्धि
लखनऊ, 23 जून। योगी सरकार प्रदेश को बिजली उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर बनाने में जुटी हुई है। इसी साल 10 लाख करोड़ से अधिक के निवेश धरातल पर उतरने के बाद बड़े स्तर पर बिजली की मांग बढ़ेगी। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर सरकार अगले तीन साल में 10 नये थर्मल पॉवर प्लांट के जरिए तकरीबन 5255 मेगावॉट बिजली उत्पादन में बढ़ोतरी करेगी। वहीं 2030 तक प्रदेश की तीन इकाइयों की क्षमता में विस्तार करके 5120 मेगावॉट अतिरिक्त बिजली का उत्पादन शुरू हो जाएगा।
प्रदेश में जिन 10 नये थर्मल पॉवर स्टेशन को शुरू करने की कवायद चल रही है उनमें 660 मेगावॉट की ओबरा सी यूनिट-2, इस वर्ष सितंबर तक, 660 मेगावॉट की जवाहरपुर यूनिट-2, इस वर्ष जुलाई तक, 561 मेगावॉट की घाटमपुर यूनिट-1, जुलाई 2024 तक, 660 मेगावॉट की पनकी यूनिट जुलाई 2024 तक, 561 मेगावॉट की घाटमपुर यूनिट-2, दिसंबर 2024 तक, 561 मेगावॉट की घाटमपुर यूनिट-3, मार्च 2025 तक, 396 मेगावॉट की खुर्जा एसटीपीपी यूनिट-1 और 396 मेगावॉट की यूनिट-2, मई 2025 तक, 400 मेगावॉट की सिंगरौली स्टेज थ्री यूनिट-1 अगस्त 2027 तक और 400 मेगावॉट की सिंगरौली स्टेज थ्री, यूनिट-2 अगस्त 2027 तक क्रियाशील हो जाएगी। इन सभी पॉवर स्टेशन के शुरू होने से प्रदेश में अतिरिक्त 5255 मेगावॉट बिजली का उत्पादन होने लगेगा।
योगी सरकार इसके अतिरिक्त 2030 तक प्रदेश की बिजली उत्पादन क्षमता में 5120 मेगावॉट का इजाफा करेगी। इसके अंतर्गत वर्तमान में मौजूद तीन इकाइयों की क्षमता में वृद्धि की जाएगी। इसमें ओबरा डी-2 को 1600 मेगावॉट, अनपरा ई-2 को 1600 मेगावॉट और मेजा 2 को 1920 मेगावॉट उत्पादन क्षमता तक विस्तारित करना है।
बता दें कि मौजूदा वक्त में प्रदेश में स्थापित सभी थर्मल पॉवर प्लांट्स के जरिए तकरीबन साढ़े 6 हजार मेगावॉट बिजली का उत्पादन होता है। इसके अलावा हाइड्रो, विंड और सौर ऊर्जा सहित अन्य स्रोतों से भी बिजली का उत्पादन होता है, मगर विगत दशकों में बिजली उत्पादन को लेकर बरती गई उदासीनता के कारण वर्तमान समय में प्रदेश में बिजली की खपत और उत्पादन के बीच बड़ा अंतर स्पष्ट दिखाई देता है। इस वर्ष गर्मियों में प्रदेश में बिजली की डिमांड 30 हजार मेगावॉट से भी अधिक रही है, जिसे अन्य राज्यों और प्राइवेट सेक्टर से खरीदकर 24 घंटे बिजली देने के संकल्प को पूरा किया गया।