रांची में रहता था करोड़ों की बिल्डिंग में,पहले रांची में करता था ठेकेदारी
रंजन कुमार सिंह: पेपर लीक का सरगना सिकंदर के कारनामों की जांच के दौरान पुलिस को कई अहम सुराग मिले हैं. झारखंड पुलिस के सहयोग से बिहार पुलिस उसकी संपत्ति का ब्योरा खंगाल रही है. आर्थिक अपराध इकाई ने इसके पास से एक एप्पल कंपनी का आई फोन फिफ्टीन प्लस बरामद किया है जिसका नंबर 9334714267 है. इसके अलावा वन प्लस कंपनी का भी एक फोन बरामद किया है जिसका नंबर 7991109563 है. जांच एजेंसी को इस फोन से सिकंदर के राजनीतिक संपर्कों का सुराग मिलने की उम्मीद है।
नीट पेपर लीक मामला इस समय देश का सबसे बड़ा मुद्दा बना हुआ है. छात्र साउथ से लेकर नॉर्थ तक NTA और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. इधर बिहार में ईओयू रोज नए खुलासे कर रही है. इस बीच झारखंड की राजधानी रांची में नीट पेपर लीक मामले के मास्टरमांइड सिकंदर की अकूत संपत्ति का पता चला है, उसने अपनी काली कमाई से रांची में करोड़ों की बिल्डिंग बना रखी है.
रांची में करोड़ों की है आलीशान कोठी
मास्टरमांइड सिकंदर की बरियातु में आलीशान कोठी है, जिसकी करोड़ों में कीमत है. दो फ्लोर की कोठी है. जब पटना से वो छुट्टियों पर आता था तो पहले माले पर वह परिवार के साथ रहता था. उपर का घर उसने किराए पर दे रखा है. वह पटना में दानापुर नगर परिषद में जूनियर इंजीनियर के पद पर तैनात था. उससे पहले रांची में ठेकेदारी करता था.
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सिकंदर के कारनामों की जांच के दौरान बिहार और झारखंड की पुलिस को कई अहम सुराग मिले हैं. संभव है कि आय से अधिक संपत्ति के मामले में सिकंदर पर मुकदमा भी दायर हो. घर अंदर से लॉक है. आस-पास के लोग सिकंदर पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं. जानाकरी के मुताबिक उसका एक बेटा है एक बेटी है. बच्चों व पत्नी के साथ पटना में आरपीएस मोर पर एक अपार्टमेंट में रहता था.
4 अभ्यर्थियों से लिए 32 लाख रुपये
बता दें कि नीट पेपर लीक मामले में सिकंदर अभी जेल में हैं. उसने अपना अपराध स्वीकार किया है. उसने कहा है कि दानापुर नगर परिषद में मेरे कार्यालय में परीक्षा माफिया अमित आनंद और नीतीश कुमार मुझसे मिलने आए थे. उसने 4 अभ्यर्थियों को साल्व पेपर दिया. बदले में 32 लाख उन लोगों से लिए. नीट परीक्षा से एक दिन पहले प्रश्नपत्र और उत्तर अभ्यर्थियों को दिया गया और रटवाया गया. अगले दिन परीक्षा में वही प्रश्न पूछे गए थे.
सिकंदर यादव उन आरोपियों में शामिल हैं जिन्हें पुलिस ने सबसे पहले गिरफ्तार किया था. सिकंदर को जिस समय गिरफ्तार किया गया वो जो सफेद रंग की डस्टर कार में सवार था. इस कार में झारखंड का नंबर लगा हुआ था. इस कार को भी सिकंदर का ही माना जा रहा है। जिस पर लाल रंग से ’नगर प्रशासन दानापुर’ लिखा हुआ है. सिकंदर नगर आवास विभाग में दानापुर में इंजीनियर है. मामला सामने आने के बाद सिकंदर को फिलहाल सस्पेंड कर दिया गया.
तेजस्वी के PS ने बुक कराया था रूम
सिकंदर यादव के लिए ही बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के निजी सचिव प्रीतम यादव ने पटना में परीक्षा से एक दिन पहले एक सरकारी गेस्ट हाउस बुक कराया था, जहां उसका रिश्तेदार और अभ्यर्थी अनुराग यादव अपनी मां के साथ ठहरा हुआ था. प्रीतम यादव बिहार प्रशासनिक सेवा के एक सीनियर अफसर हैं और तेजस्वी यादव के निजी सचिव हैं, साथ ही वह उनके लिए दिनचर्या की योजना बनाना और बैठकों के आयोजन का काम देखते हैं. तेजस्वी ने अगस्त 2022 में प्रीतम यादव को अपना पीएस बनाया था.
शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि प्रीतम यादव मुंगेर जिला का रहने वाला है. प्रीतम और मास्टरमाइंड सिकंदर आपस में रिश्तेदार बताए जा रहे हैं.