नई दिल्ली। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने बुधवार को यहां म्यांमार के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री यू थान श्वे के साथ मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने म्यांमार में भारतीय सीमा के पास जारी हिंसा पर चिंता व्यक्त की और साथ ही म्यावाडी शहर में फंसे भारतीयों को स्वदेश लाने में सहयोग करने का भी आग्रह किया।
जयशंकर ने बैठक के बाद सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा म्यांमार में जारी हिंसा और अस्थिरता के कारण हमारी सीमा पर पड़ने वाले प्रभावों पर हमारी गहरी चिंता पर चर्चा की। भारत इस स्थिति से निपटने के लिए सभी हितधारकों के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार है। विशेष रूप से अवैध मादक पदार्थों, हथियारों की तस्करी और मानव तस्करी को प्राथमिकता वाली चुनौतियों के रूप में चिह्नित किया। म्यावाडी में फंसे भारतीय नागरिकों की शीघ्र वापसी के लिए सहयोग मांगा।
इसके अलावा विदेश मंत्री ने अपने समकक्ष पर देश में चल रही हमारी परियोजनाओं के लिए विश्वसनीय सुरक्षा संरक्षण के लिए दबाव डाला। उन्होंने म्यांमार में लोकतांत्रिक परिवर्तन के मार्ग पर शीघ्र वापसी का आग्रह करते हुए कहा कि भारत किसी भी तरह से मदद करने के लिए तैयार है।
बता दें कि फरवरी, 2021 में म्यांमार में तख्तापलट हुआ था और सेना द्वारा सत्ता पर कब्जा कर लिया गया था। इसके बाद से वहां लोकतंत्र की बहाली की मांग को लेकर हिंसक विरोध प्रदर्शन जारी हैं। म्यांमार के रखाइन प्रांत समेत अन्य क्षेत्रों में बीते वर्ष अक्टूबर से सशस्त्र जातीय समूहों और सेना के बीच भीषण लड़ाई चल रही है। इस वजह से भारत-म्यांमार की सीमा से सटे कई इलाकों में भी तनाव पैदा हो गया है।
(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)