वालमार्ट वृद्धि ने 58,000 से ज्यादा एमएसएमई को किया सशक्त: डिजिटल प्रशिक्षण, मार्केटप्लेस एवं ग्राहकों तक आसान पहुंच से कारोबार को मिली मजबूती

वालमार्ट वृद्धि के माध्यम से 58,000 से ज्यादा एमएसएमई को डिजिटल प्रशिक्षण प्राप्त हुआ है, जिससे उन्हें ऑनलाइन एवं ऑफलाइन दोनों माध्यमों पर कारोबार के विस्तार एवं विकास में मदद मिली है

14,500 से ज्यादा एमएसएमई फ्लिपकार्ट मार्केटप्लेस के माध्यम से खिलौने, कपड़े, घरेलू उत्पाद, हस्तशिल्प और पर्यावरण के अनुकूल (इको फ्रेंडली) ऑफिस एवं होम प्रोडक्ट्स जैसी विभिन्न श्रेणियों में अपने उत्पाद बेच रहे हैं

नई दिल्ली, 26 जून, 2024: वालमार्ट ने अपने सप्लायर डेवलपमेंट प्रोग्राम वालमार्ट वृद्धि के माध्यम से भारत के 58,000 से ज्यादा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को निशुल्क डिजिटल प्रशिक्षण, कारोबारी सलाह और पर्सनलाइज्ड मेंटरशिप का अवसर प्रदान करते हुए डिजिटल रूप से सशक्त किया है। इसी के साथ वालमार्ट ने दिसंबर, 2024 तक 50,000 एमएसएमई को प्रशिक्षित करने के अपने लक्ष्य को समय से पहले ही पार कर लिया है। इन अवसरों से एमएसएमई को कारोबारी विकास की अपनी क्षमता को अनलॉक करने में मदद मिली है और पूरे भारत में ग्राहकों तक उनकी पहुंच आसान हुई है।

वर्तमान समय में एमएसएमई भारत की अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण अंग बनकर सामने आए हैं। देश की जीडीपी में इनका 30 प्रतिशत से ज्यादा का योगदान है और इनमें लाखों लोगों को रोजगार मिला हुआ है। एमएसएमई इनोवेशन को बढ़ावा देते हैं और विकास के अवसर सृजित करते हुए भारत की उद्यमिता की भावना को मजबूती प्रदान करते हैं। 2019 में स्वस्ति को प्रोग्राम पार्टनर के रूप में जोड़ते हुए वालमार्ट वृद्धि प्रोग्राम को लॉन्च किया गया था। इस प्रोग्राम को सप्लायर डेवलपमेंट के क्षेत्र में वालमार्ट के अनुभव एवं फ्लिपकार्ट के प्लेटफॉर्म की विशेषज्ञता को साथ लाते हुए एमएसएमई को आपूर्ति श्रृंखला (सप्लाई चेन) में सफल होने के लिए जरूरी जानकारियां एवं टूल्स प्रदान करने के लक्ष्य के साथ तैयार किया गया है। वर्तमान समय में फ्लिपकार्ट मार्केटप्लेस से 14,500 से ज्यादा एमएसएमई जुड़े हुए हैं और इस देशव्यापी प्लेटफॉर्म से जुड़ने के बाद उनकी बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिली है।

वर्तमान समय में इस प्रोग्राम ने महिलाओं के नेतृत्व वाले 10,000 से ज्यादा उद्यमों, युवा उद्यमियों, पारिवारिक उद्यमों, अपनी आपूर्ति श्रृंखला (सोर्सिंग, मैन्यूफैक्चरिंग एवं पैकेजिंग) में पर्यावरण के अनुकूल प्रक्रियाओं पर फोकस करने वाले और इको फ्रेंडली उत्पाद बेचने वाले उद्यमों समेत विविध एमएसएमई के विकास में सहयोग किया है। बड़ी संख्या में एमएसएमई ने खिलौने, हस्तशिल्प, पुन: प्रयोग हो सकने वाले सैनिटरी पैड एवं डायपर जैसे विभिन्न पर्यावरण के अनुकूल प्रोडक्ट बनाने में रुचि दिखाई है।

देश के विभिन्न हिस्सों से वालमार्ट वृद्धि प्रोग्राम के माध्यम से विकास की राह पर आगे बढ़ने वाले कुछ उद्यमियों की कहानी, जिन्होंने अपने कारोबार में पर्यावरण के अनुकूल प्रक्रियाओं को अपनाया है:

समाख्या सस्टेनेबल प्रैक्टिसेज: इसका संचालन प्रेरणा अग्रवाल कर रही हैं। यह प्राकृतिक फाइबर और ग्रीन क्राफ्ट को मिलाकर पर्यावरण के अनुकूल विकल्प तैयार करने पर केंद्रित उद्यम है। यह सामाजिक उद्यमिता की ताकत का भी प्रमाण है। दूरदराज के क्षेत्रों से आने वाले 3000 से ज्यादा कारीगरों एवं किसानों से गठजोड़ करते हुए समाख्या ने स्थानीय समुदायों को सशक्त किया है और पारंपरिक तकनीकों के संरक्षण में योगदान दिया है। उनके द्वारा रीजनरेटिव पेस्टरल फाइबर्स के प्रयोग से अनूठे थर्मल एवं एकॉस्टिक हैंडीक्राफ्ट किए हुए लाइफस्टाइल प्रोडक्ट्स बनाना संभव हुआ है।

मोहनजोदेरो हैंडीक्राफ्ट्स: यशोवर्धन शर्मा ने मोहनजोदेरो हैंडीक्राफ्ट्स की स्थापना करते हुए खूबसूरत ब्रास हैंडीक्राफ्ट्स के माध्यम से भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को पुनर्जीवित किया है। शर्मा ने ऐसे कारीगरों को रखा है, जो हर उत्पाद में जान डाल देते हैं। देश के अलग-अलग कोने से आने वाले इन कारीगरों को पीढ़ियों से यह कौशल मिला है। गुणवत्ता एवं प्रामाणिकता के लिए उत्साहित कारीगरों का नेटवर्क बनाते हुए शर्मा डिजिटल मार्केटिंग की क्षमताओं का लाभ ले रहे हैं। वालमार्ट वृद्धि के माध्यम से एसईओ (सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन) और सोशल मीडिया को लेकर मिली जानकारियों से उन्हें देशभर में ग्राहकों तक अपने अनूठे एवं हाथों से कारीगरी कर बनाए हुए उत्पादों को बेचने में मदद मिली है।

इकोसर्व इंडिया: अनिंदिता चौधरी ने इकोसर्व इंडिया की स्थापना की है। यह पृथ्वी के अनुकूल ब्रांड है, जो प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने और पर्यावरण के अनुकूल, प्राकृतिक फाइबर्स और कौना, शीतलपति, बांस, जलकुंभी, सुपारी के पत्ते एवं जूट आदि के प्रयोग के लिए समर्पित है। अनिंदिता से जुड़े जनजातीय कारीगर सजावटी सामान, कलाकृतियां, बैग, बास्केट, हैंपर, चटाई, आभूषण और बांस के तौलिए जैसे पर्यावरण के अनुकूल उत्पाद बनाते हैं। इकोसर्व के साथ काम करने वाले 30 कारीगरों में से 90 प्रतिशत महिलाएं हैं। सभी कारीगरों को उनके प्रत्येक उत्पाद के बदले उचित मूल्य प्रदान किया जाता है।

वालमार्ट के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट – सप्लायर डेवलपमेंट जेसन फ्रेमस्टेड ने कहा, ‘वालमार्ट वृद्धि प्रोग्राम के माध्यम से प्रशिक्षित होने वाले एमएसएमई में हमने अद्भुत लचीलापन देखा है। इन एमएसएमई में बेहतरीन इनोवेशन के साथ-साथ अपने समुदायों के लिए सकारात्मक योगदान देने की प्रतिबद्धता भी दिखती है। हम उनके विकास, समावेश को बढ़ावा देने और स्थायी प्रभाव डालने के सफर का हिस्सा बनकर रोमांचित अनुभव कर रहे हैं।’

फ्लिपकार्ट ग्रुप के चीफ कॉरपोरेट अफेयर्स ऑफिसर रजनीश कुमार ने कहा, ‘वालमार्ट वृद्धि प्रोग्राम एमएसएमई के बीच उनके कारोबार के हर पहलू में विकास की संस्कृति को बढ़ावा देने में कारगर साबित हुआ है। हमारे मिशन के अनुरूप, हजारों एमएसएमई को फ्लिपकार्ट मार्केटप्लेस पर सेलर के रूप में जुड़ने में सहयोग करते हुए हमें खुशी है कि हमने बाजार में उनकी पहुंच बढ़ाई है और ई-कॉमर्स की दुनिया में उन्हें आगे बढ़ने में मदद की है। साथ ही हमने उनकी समृद्धि एवं कारोबारी विकास में भी योगदान दिया है।’

स्वस्ति के प्रोग्राम डायरेक्टर जोसेफ जुलियन ने कहा, ‘यह देखना उत्साहजनक है कि किस तरह से वालमार्ट वृद्धि से प्रशिक्षण प्राप्त एमएसएमई अपनी सीख को अपनी कारोबारी प्रक्रियाओं में शामिल करने और उससे लाभ लेने में सक्षम हुए हैं। यह देखना भी संतोषजनक है कि इनमें से कई एमएसएमई इस तरह से अपने कारोबार का संचालन करते हैं, जिससे उनके समुदायों को और पर्यावरण को भी लाभ हुआ है।’

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