कारागार विभाग का अजब गजब कारनामा, तबादलों में निजी अनुरोध के नाम पर हुई जमकर वसूली!

  • हटने वाले बाबुओं को ही सौंप दी हटाने की जिम्मेदारी
  • बेतरतीब तरीके से किए गए तबादलों से जेलकर्मियों में आक्रोश

राकेश यादव

लखनऊ। प्रदेश कारागार विभाग के तबादलों में अजब गजब कारनामे प्रकाश में आ रहे हैं। इस विभाग में शासन का आदेश मुख्यालय और मुख्यालय का आदेश शासन नहीं मानता है। दिलचस्प बात यह है कि स्थानांतरण सत्र में मुख्यालय के आला अफसरों ने हटने वाले बाबूओ को वार्डर संवर्ग के कर्मियों को हटाने की जिम्मेदारी सौंप दी। आलम यह हुआ कि आरोपी बाबुओ ने निजी अनुरोध की आड़ में जमकर वसूली करते हुए बड़ी संख्या में जेलकर्मियों को मनचाही जेलों पर तैनात कर दिया। विभाग के तबादलों में निजी अनुरोध का बोलबाला रहा। विभाग में आधे से अधिक तबादले निजी अनुरोध पर किए गए हैं। मामला विभागीय कर्मियों में चर्चा का विषय बना हुआ है।

कारागार विभाग में स्थानांतरण सत्र के दौरान बड़ी संख्या में अधिकारियों, सुरक्षाकर्मियों, लिपिकीय संवर्ग और फार्मासिस्ट के सैकड़ों की संख्या में तबादले किए गए। विभाग की ओर से जारी की गई तबादला सूचियों में निजी अनुरोध (सुविधा शुल्क लेकर मनमाफिक जेल पर) का बोलबाला देखने को मिला। डिप्टी जेलर संवर्ग के 60 तबादलों में 55 निजी अनुरोध पर, वार्डर संवर्ग के 300 तबादलों में पौने तीन सौ से अधिक तबादले निजी अनुरोध पर और चुनिंदा लोगों को प्रशासनिक आधार पर स्थानांतरित किया गया है। इसी प्रकार जेटीएस में अटैच करीब दस डिप्टी जेलर में अधिकांश को निजी अनुरोध पर स्थानांतरित किया गया। यह तो बानगी है इसी प्रकार बड़ी संख्या में तबादले निजी अनुरोध पर ही किए गए हैं।

सूत्रों के मुताबिक बीते दिनों मुख्यालय के बाबुओं ने डिप्टी जेलर से जेलर संवर्ग की प्रोन्नति के ब्रॉड सीट तैयार कर शासन को भेजी थी। इसमें कई अधिकारियों के दंड छिपा लिए गए थे। बाबुओं की गलती की विभाग के संयुक्त सचिव ने पकड़ा। उन्होंने दोषी बाबुओ के प्रभार हटाकर उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने का निर्देश दिया। दो स्टार हुई जांच में दोषी पाए गए बाबुओं को हटाया नहीं गया। इन बाबुओं को स्थानांतरण की जिम्मेदारी सौंप दी। जेलर संवर्ग के संजय श्रीवास्तव, डिप्टी जेलर संवर्ग की अनिल कुमार वर्मा और वार्डर, हेड वार्डर संवर्ग के तबादलों की जिम्मेदारी दे दी गई। इन बाबुओं ने निजी अनुरोध की आड़ में अधिकारियों और सुरक्षाकर्मियों से जमकर वसूली करते हुए मनचाही जेलों पर तैनात करवाया। यह मामला विभागीय अधिकारियों और कर्मियों में चर्चा का विषय बना हुआ है। इसको लेकर तमाम तरह को अटकलें लगाई जा रही है। उधर मुख्यालय के आला अफसर इस मसले पर कुछ भी कहने से बच रहे हैं।

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रामधनी लखनऊ परिक्षेत्र के डीआईजी जेल बने

पिछले करीब डेढ़ साल से जेल प्रशिक्षण संस्थान में बतौर नोडल अधिकारी बनाए गए डीआईजी जेल शैलेंद्र मैत्रेय को आखिरकार तैनाती मिल गई। उन्हें अयोध्या जेल परिक्षेत्र का डीआईजी बनाया गया है। इसके अलावा प्रोन्नति पाकर डीआईजी बने प्रेमनाथ पांडे को आगरा परिक्षेत्र और रामधनी को लखनऊ परिक्षेत्र का डीआईजी नियुक्त किया गया है। इससे पूर्व अयोध्या परिक्षेत्र आईपीएस हेमंत कुटियाल, आगरा परिक्षेत्र आरएन पांडे और लखनऊ परिक्षेत्र की जिम्मेदारी प्रभारी डीआइजी के पास थी।

दो अधीक्षक और दो जेलर को मिली नई तैनाती

स्थानांतरण सत्र के अंतिम दिन शासन ने दो अधीक्षक और कारागार मुख्यालय ने दो जेलर का स्थानांतरण आदेश जारी किया। निलंबन से बहाल हुए जेल अधीक्षक राजेन्द्र कुमार को बंदायू और राजीव शुक्ला को केंद्रीय कारागार इटावा का अधीक्षक बनाया गया है। इसके अलावा गौतमबुद्धनगर (नोएडा) जेल पर तैनात जेलर जितेंद्र प्रताप तिवारी को बाराबंकी जिला कारागार और बाराबंकी में तैनात जेलर अशोक कुमार शुक्ला को जिला कारागार मेरठ में तैनात किया गया है।

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