
नया लुक ब्यूरो
नई दिल्ली। Delhi Airport पर पूछे गए सवालों का जवाब हिंदी भाषा में देना विदेश से आए एक यात्री को महंगा पड़ गया। ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन के अधिकारियों ने पहले इस यात्री से लम्बी पूछताछ की और फिर इस यात्री को आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस के हवाले कर दिया गया।
आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने इस शख्स को ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन की शिकायत पर गिरफ्तार कर लिया। दरअसल, यह पूरा मामला दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के टर्मिनल थ्री का है और वैसा बिल्कुल भी नहीं है, जैसा अब तक आप सोच रहे हैं। आईजीआई एयरपोर्ट की सुरक्षा से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, Terminal-3 स्थित ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन के काउंटर पर एयरोफ्लोट एयरलाइंस की फ्लाइट SU-232 के यात्रियों के पासपोर्ट और वीजा की जांच चल रही थी।
यह फ्लाइट रूस के मास्को शहर से चलकर दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (IGI) एयरपोर्ट पहुंची थी। इसी बीच, इमिग्रेशन अफसर अमित कुमार के सामने एक यात्री पहुंचा और उसने जांच के लिए अपना पासपोर्ट आगे बढ़ा दिया। जांच के दौरान, इमिग्रेशन अफसर ने पाया कि पटना आरपीओ से जारी इस पासपोर्ट पर वहीं का स्थानीय पता दर्ज है। इमिग्रेशन अफसर ने कुछ औपचारिक सवाल अरका विस्वास नामक इस यात्री से पूछ दिए। अरका ने जैसे ही इन सवालों का जवाब हिंदी में दिया, इमिग्रेशन अफसर अमित कुमार की भौंहे तक गईं। इमिग्रेशन अफसर अमित ने एक बार फिर पासपोर्ट के बायोडाटा पेज को अच्छी तरह से पढ़ा और फिर कुछ सवाल किए।
यह शख्स जैसे जैसे हिंदी में जवाब देता जा रहा था, इमिग्रेशन अधिकारी का चेहरा उतना ही सख्त होता जा रहा था। दरअसल, अमित कुमार को यह बात लगातार खल रही थी कि पटना में रहने वाला शख्स इतनी गंदी हिंदी कैसे बोल सकता है। इसी शक के आधार पर इमिग्रेशन अफसर अमित कुमार ने अरका विस्वास से पूछताछ शुरू की। पूछताछ के दौरान, अरका के कब्जे से मिले दस्तावेज देखकर इमिग्रेशन अफसरों का शक पूरी तरह से पुख्ता हो जाता है। दस्तावेजों से पता चलता है कि अरका मूल रूप से बांग्लादेश का नागरिक है और उसका असली नाम बबूती बरुआ है।
अरका के कब्जे से बांग्लादेश का बर्थ सर्टिफिकेट और उसके माता-पिता का बांग्लादेशी नागरिकता कार्ड बरामद किया गया। इस खुलासे के बाद, आरोपी बबूती बरुआ को IGI एयरपोर्ट पुलिस के हवाले कर दिया गया। वहीं, आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने आरोपी के खिलाफ FIR दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर।