
ए अहमद सौदागर
लखनऊ। हाथरस के सिकंद्राराऊ में सत्संग के दौरान भगदड़ में हुई मौतों के मामले में मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर सहित आधा दर्जन आरोपी को पकड़कर पुलिस ने पाखंडियों के चेहरे से नकाब उतार दिया है। आधा दर्जन आरोपी सलाखों के पीछे तो पहुंच गए हैं, इस मामले का असली पाखंडी बाबा अभी पुलिस की पकड़ से दूर है। बाबा किस बड़ी मछली की गोद में बैठकर यह गोरखधंधा चला रहा था इसके लिए बड़ी घेरेबंदी चल रही है।
जानकारों की मानें तो इस पूरे मामले में कई सफेदपोशों का सामने आ रहा जो किसी न किसी मोड़ पर पाखंडी बाबा के हिस्से में साझेदार रहे हैं इनकी गर्दन भी जरूर नपेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर सत्संग में भगदड़ के दौरान महिलाओं सहित 121 लोगों की हुई मौत के मामले की जांच कर रही पुलिस कई नामचीन हस्तियों के चेहरे उजागर कर सकती है।
सूत्रों का कहना है कि जिस ढंग से पाखंडी बाबा ने करोड़ों की संपत्ति बनाकर एशो-आराम कर रहा था इस बारे पुलिस ने सुबूत जुटा ली है और बहुत जल्द ही कई पाखंडियों के तथा सफेदपोशों के नाम सामने आ सकते हैं। पुलिस कथित साकार विश्व हरि उर्फ भोले बाबा के मुख्य आरोपी सेवादार देव प्रकाश मधुकर सहित आधा दर्जन लोगों को जेल भेजा अब इस गोरखधंधे से जुड़े लोगों को जेल भेजने की तैयारी में जुट गई है, जिनके खिलाफ पर्याप्त सबूत मिल चुके हैं।
पुलिस की जांच में बेनकाब हुआ पाखंडी बाबा का काला चिट्ठा
सालों से हाथरस के सिकंद्राराऊ क्षेत्र में सत्संग कर रहे पाखंडी बाबा विश्व हरि उर्फ भोले बाबा का चिठ्ठा बड़ी पहुंच वाले रसूखदारों के चलते दबा रहा, लेकिन कहावत नहीं बल्कि सच है कि पाप का घड़ा एक दिन जरूर फूटता है। यही हुआ दो जुलाई को बाबा सत्संग कर रहा था और इस सत्संग में लाखों की भीड़ जमा कर रखा था कि अचानक भगदड़ मच गई और कईयों भक्तों की जान चली गई।
यहीं से पाखंडी बाबा का काला चिट्ठा खुलना शुरू हुआ कि बाबा किसी से पैसा नहीं लेता था तो करोड़ों की संपत्ति कहां से बनाया फिलहाल यह सवाल हर किसी को बेचैन कर रहा है।