- सनातन ध्वज वाहिका सपना गोयल की अगुवाई में चिनहट के शांति विहार कॉलोनी स्थित स्वप्नकुंज परिसर में किया गया वृहद पौधरोपण
लखनऊ। जीवन है तो वृक्षों का होना जरूरी है। ये हमारे लिए न केवल ऑक्सीजन देते हैं, बल्कि हमारे उत्सर्जित जहर (कार्बन डाई आक्साइड) का भी अवशोषण करते हैं। इसके अलावा लगातार बढ़ रहे तापमान को भी काबू में करने के लिए पौधरोपण जरूरी है। दुनिया में तेजी से बढ़ रहे कंक्रीट के जंगलों के साथ-साथ हरियाली को भी बढ़ाना जरूरी है, इसी महाभियान को गति देने शामिल हुईं लखनऊ की एक मातृशक्ति।
जीवन संरक्षण के नाम महा पौधरोपण अभियान” के अंतर्गत ईश्वरीय स्वप्नाशीष सेवा समिति की ओर से सनातन ध्वज वाहिका सपना गोयल की अगुवाई में बुधवार 10 जुलाई को चिनहट के शांति विहार कॉलोनी स्थित स्वप्नकुंज परिसर में वृहद पौधरोपण किया गया। इस अवसर पर मनोकामिनी, चम्पा, जरबेरा, मोरपंखी सहित तरह-तरह के पाम के पौधे रोपित किये गए। अपने संदेश में सपना गोयल ने कहा कि सनातन धर्म में हमेशा प्रकृति संरक्षण को महत्व दिया है। इसके साथ ही विभिन्न पूजन अनुष्ठानों में तुलसी, आम, बरगद, बेल, केला, आंवला जैसे विभिन्न जन कल्याणकारी वृक्ष और पौधों को शामिल किया जाता है। वास्तव में पेड़ पौधों को हम नहीं बल्कि पेड़ पौधे हमे संरक्षण प्रदान करते हैं। इसीलिए लखनऊ ही नहीं प्रदेश भर में यह अभियान संचालित किया जा रहा है। अकेले लखनऊ, चिनहट, मोहनलालगंज में दो हजार पौधरोपण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके साथ ही 51 शक्तिपीठ की मातृशक्तियों द्वारा इस वृहद अभियान को राष्ट्रीय स्तर पर भी संचालित किया जाएगा।
सत्य सनातन नारी शक्ति-लक्ष्मणपुरी की सनातन ध्वज वाहिका सपना गोयल ने कहा कि पौधरोपण के साथ-साथ उनके संरक्षण की जिम्मेदारी भी लोगों को उठानी होगी। प्राणवायु, भोजन, लकड़ी ही नहीं वृक्ष प्राकृतिक आपदाओं पर भी अंकुश लगाते हैं। जल स्तर बनाए रखते हैं और जीवनदायिनी जल के लिए वर्षा के भी आधार बनते हैं। ऐसे में उन्होंने आवाहन किया कि हर हाल में जीवन संरक्षण के लिए पौधरोपण किया जाए। सनातन ध्वज वाहिका सपना गोयल ने बताया कि भारत की पावन पुण्य भूमि संतों और देवों की भूमि है। उन संतों और देवों ने ही भारतीय संस्कृति को विश्व में अद्वितीय संस्कृति के रूप में प्रतिष्ठित किया है। उस मार्ग पर चल कर ही विश्व के मानवों का कल्याण संभव है। वास्तव में सनातन का मार्ग, धर्म विशेष तक सीमित न होकर विश्व उत्थान का मार्ग है, जो जीव के परस्पर प्रेम और समर्पण पर आधारित है।
उन्होंने हिन्दुओं का आवाहन किया कि हिंदू अपने अपने स्थानीय मंदिरों पर हर मंगलवार को एकत्र होकर सुंदरकांड का पाठ अवश्य करें। सपना गोयल द्वारा बिना किसी सरकारी या निजी सहयोग के, बीते 10 मार्च को महिला दिवस के उपलक्ष्य में पांच हजार से अधिक मातृशक्तियों द्वारा लखनऊ के झूलेलाल घाट पर सामूहिक सुंदरकांड का भव्य अनुष्ठान सम्पन्न करवाया गया था। सामूहिक सुंदरकांड का अभियान राष्ट्रीय स्तर पर वृहद रूप में निरंतर संचालित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के जिले पीलीभीत, बरेली, मुरादाबाद, नोएडा, गाजियाबाद, आगरा, लखीमपुर, रायबरेली, बनारस, सुल्तानपुर, बाराबंकी, अयोध्या नगरी, बदायूं, बिजनौर, अमरोहा, सीतापुर, कानपुर, जौनपुर सहित प्रदेश के पचास गांव और देश में मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, उड़ीसा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, बिहार, तमिलनाडु तक में यह अभियान पहुंच चुका है। विदेशों में मॉरिशस, अमेरिका, साउथ अफ्रीका और संयुक्त अरब अमीरात तक में यह अभियान सक्रिय हैं।
सनातन ध्वज वाहिका सपना गोयल के अनुसार भगीरथ ने अपने पूर्वज राजा सगर के साठ हजार पुत्रों को जिस तरह मुक्ति दिलवायी थी उसी तरह उनका भी संकल्प, मानव जाति का कल्याण करना है। इसकी प्रेरणा उन्हें साल 2022 में बाबा अमरनाथ से मिली थी। सनातन ध्वज वाहिका सपना गोयल ने बताया कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ को प्रभु श्रीराम के अनुज लक्ष्मण के नाम पर बसी लक्ष्मणपुरी, के मूल नाम को लोकप्रिय करवाने और सनातन धर्म के पुनरुत्थान के लिये वह बीते कई वर्षों से मंदिर निर्माण और मंदिरों के जीर्णोद्धार का कार्य करवा रही हैं। जनजागृति के लिए समय-समय पर वह जगह-जगह पर भंडारे भी करवाती हैं। इसके साथ ही उनके द्वारा तीर्थों पर भी सेवाएं और भंडारे आयोजित किये जा रहे हैं। सनातन ध्वज वाहिका सपना गोयल के प्रयासों से धर्म जागरण के साथ-साथ नारी सशक्तिकरण को भी बल मिल रहा है।