अजय कुमार, लखनऊ
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आखिरकार अपनी चुप्पी तोड़कर यह है स्वीकार किया कि अति आत्मविश्वास ने हमारी अपेक्षाओं को चोट पहुंचाई है। जो विपक्ष पहले हार मान के बैठ गया था, वो आज फिर से उछल-कूद मचा रहा है। योगी ने यह है बातें भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा की उपस्थिति में कही. हार के कारण गिनाते समय योगी ने यह बात स्पष्ट नहीं किया कि इसके लिए जिम्मेदार कौन है. लेकिन उन्होंने संकेतों में बहुत कुछ कह दिया. सवाल यह है कि क्या योगी दिल्ली से निकले 400 पार के नारे से पर आपत्ति जता रहे हैं या फिर केंद्र ने जिस तरह से प्रत्याशी बदलने के उनकी स्कीम को अमली जामा नहीं पहने दिया उससे वह नाराज हैं. क्योंकि बीजेपी की हार का जो सबसे बड़ा कारण गिनाया जा रहा है उसमें यही कहा जा रहा है भाजपा अपने कर्मो से हारी है. योगी का यह कहना था कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हमने प्रदेश में 2014, 2017, 2019 और 2022 में बड़ी सफलता प्राप्त करते हुए विपक्ष पर लगातार दबाव बनाए रखा, 2014 और उसके बाद के चुनावों में जितना मत प्रतिशत भाजपा को मिला था, 2024 में भी उतना ही वोट पाने में पार्टी सफल रही है, लेकिन वोटों की शिफ्टिंग और अति आत्मविश्वास ने हमारी अपेक्षाओं को चोट पहुंचाई है। उन्होंने उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि किसी भी स्थिति में भाजपा कार्यकर्ताओं को बैकफुट पर आने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि आपने अपना काम बखूबी किया है।
प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में योगी ने कहा कि आज आपके सहयोग से हमें प्रदेश को माफिया मुक्त करने में सफलता मिली है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 10 सीटों पर होने जा रहे विधानसभा उपचुनाव और 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए सभी को अभी से सक्रिय होना होगा। मुख्यमंत्री ने सपा पर आरोप लगाते हुए कहा कहा कि कन्नौज के मेडिकल कालेज का नाम डॉ. भीमराव अंबेडकर के नाम पर था। सपा के तत्कालीन मुख्यमंत्री ने उसका नाम बदल दिया। हमारी सरकार आने के बाद हमने फिर से बाबा साहब का नाम रख दिया। सपा हमेशा से दलित चिंतकों और महापुरुषों का अपमान करती रही है। इन लोगों ने अनुसूचित जाति के आरक्षण में सेंध लगाने का कार्य किया। एससी के छात्रवृत्ति रोकने का काम किया। विपक्ष ने अफवाह और भ्रम फैलाकर माहौल खराब करने का प्रयास किया है।