- नियमों को दरकिनार कर सुविधाएं देने के आरोप में हुई कार्यवाही
- कुछ माह पहले ही लखनऊ से गाजियाबाद स्थानांतरित किए गए थे जेलर
- केके दीक्षित को जौनपुर और आलोक शुक्ला विशेष ड्यूटी पर भेजा गया गाजियाबाद
लखनऊ। ऊंची पहुंच और जुगाड़ के बल पर अचानक लखनऊ जेल से गाजियाबाद जेल पहुंचे जेलर को मंगलवार को देर शाम अचानक ही हटा दिया गया। जेलर को विशेष ड्यूटी पर जौनपुर जेल पर अटैच किया गया है। पश्चिम की सर्वाधिक सुर्खियों में रहने वाली गाजियाबाद जेल से अचानक हटाया जाना विभागीय अधिकारियों और कर्मियों में चर्चा का विषय बना हुआ है। अटकलें लगाई जा रही है जेल अस्पताल में एक पूंजीपति बंदी का जन्मदिन मनवाने के आरोप में यह कार्यवाही की गई, वहीं दूसरी ओर शिथिल नियंत्रण और नियमों को दरकिनार कर बंदियों को सुविधाएं देने के आरोप में यह करवाई की गई है। उधर मुख्यालय के आला अफसर इस मसले पर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक करीब साढ़े तीन माह पूर्व लखनऊ जेल पर तैनात जेलर किशोर कुमार दीक्षित को शासन के आदेश पर अचानक गाजियाबाद जेल पर स्थानांतरित कर दिया गया। सूत्रों का कहना है जेलर ने प्रभार संभालते ही उन्होंने बंदियों का शोषण शुरू कर दिया। इसको लेकर जेल में लंबे समय से तैनात हेड वार्डर से किसी बात को लेकर तकरार हो गई। जेल में अव्यवस्थाओं की शिकायत आईजी जेल से की। विभागाध्यक्ष ने इसकी जांच मेरठ परिक्षेत्र के डीआईजी जेल को सौंपकर जांच रिपोर्ट देने का निर्देश दिया।
सूत्र बताते है कि जांच अधिकारी डीआईजी जेल पिछले तीन दिनों से जेल पर डेरा डाल रखा। पड़ताल में यह बात सामने आई की जेल के अंदर लोगों का आवागमन बगैर लिखा पढ़ी के चल रहा है। जेल में बंदियों को नियमों को ताक पर रखकर सुविधाएं दी जा रही है। जेलर का मातहतों पर कोई नियंत्रण नहीं है। बंदियों को वह सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं जिनका नियमों में कोई प्रावधान ही नहीं है। वहीं दूसरी ओर चर्चा है कि जेल प्रशासन के अधिकारियों ने जेल अस्पताल में बंद एक पूंजीपति बंदी का नियमों को ताक पर रखकर धूमधाम से जन्मदिन मनाया गया। इसकी शिकायत की गई थी।
सूत्रों की मानें तो मेरठ जेल परिक्षेत्र के डीआईजी की जांच रिपोर्ट के बाद विभाग के मुखिया डीजी पुलिस/आईजी जेल ने मंगलवार की देर शाम गाजियाबाद के जेलर किशोर कुमार दीक्षित को अचानक हटाकर तीन माह के लिए विशेष ड्यूटी पर जौनपुर जेल पर लगा दिया। इसके अलावा डिप्टी जेलर वीके गौतम को भी अन्यत्र ड्यूटी पर लगा दिया गया। हाल ही में जेल हेड वार्डर की पैरवी पर बाराबंकी से मेरठ जेल स्थानांतरित हुए आलोक शुक्ला को तीन माह के लिए ड्यूटी पर गाजियाबाद जेल पर लगाया गया है। इस फेरबदल को लेकर विभागीय अफसरों और कर्मियों में तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।
विभाग के जिम्मेदार अफसर नहीं उठाते फोन
गाजियाबाद जेल से जेलर और डिप्टी जेलर को हटाए जाने के संबंध में जब डीजी पुलिस/आईजी जेल पीवी रामा शास्त्री से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो कई प्रयासों के बाद भी उनका फोन नहीं उठा। मेरठ परिक्षेत्र के डीआईजी जेल सुभाष शाक्य और डीआईजी जेल मुख्यालय आरएन पांडेय से भी काफी प्रयासों के बाद भी संपर्क नहीं हो पाया। इन अधिकारियों ने कार्यवाही के संबंध में किए गए मैसेज का भी कोई जवाब नहीं दिया। उधर गाजियाबाद के एक अधिकारी ने जेलर और डिप्टी जेलर को हटाए जाने की पुष्टि तो की लेकिन और कुछ भी बताने से साफ मना कर दिया।