भारत की प्राकृतिक सुंदरता और वन्य जीवन के साथ-साथ देश की भाषाओं, व्यंजनों, कपड़ों और वास्तुकला के बारे में भी हुई चर्चा
सियोल। सियोल स्थित भारतीय दूतावास और उत्तर प्रदेश राज्य सरकार ने संयुक्त रूप से 19-22 जुलाई के बीच किन्टेक्स, इल्सान में 9वें कोरिया अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मेले (केआईटीएस) में भाग लिया। इस दौरान कोरिया में भारतीय राजदूत अमित कुमार ने भारत के समृद्ध इतिहास और जीवंत संस्कृति पर प्रकाश डाला। उन्होंने भारत की प्राकृतिक सुंदरता और वन्य जीवन के साथ-साथ देश की भाषाओं, व्यंजनों, कपड़ों और वास्तुकला के बारे में भी चर्चा की।
उन्होंने कहा कि भारत में भाषाओं, खान-पान, पहनावे, वास्तुकला और धर्म की अविश्वसनीय विविधता है और अक्सर कहा जाता है कि एक पर्यटक जो कुछ भी खोज रहा है, वह भारत में मिल सकता है। कुमार ने कहा कई लोकप्रिय कोरियाई टीवी शो ने उत्तर प्रदेश सहित लुभावने परिदृश्य, समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और भारतीय लोगों के गर्मजोशी भरे आतिथ्य को प्रदर्शित किया है। इनमें ‘ताए-ओनान गिम-ए सेग्ये-इलजू’ और ‘विदेहान गाइडेउ’ जैसे शो शामिल हैं।
उत्तर प्रदेश पर्यटन के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि यह राज्य भारत की समृद्ध विरासत का सूक्ष्म रूप है। भारत में 42 यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल हैं जिनमें उत्तर प्रदेश में छह स्थल शामिल हैं। इस दौरान उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों ने उत्तर प्रदेश पर्यटन बूथ का भी उद्घाटन किया, जहां आगंतुक उत्तर प्रदेश के स्थापत्य कला को देख मंत्रमुग्ध हो गए।
समारोह के दौरान सियोल में भारतीय दूतावास की प्रथम सचिव अनन्या अग्रवाल द्वारा उत्तर प्रदेश पर्यटन पर एक प्रस्तुति दी गई, जिसमें कपिलवस्तु, सारनाथ, श्रावस्ती, कौशाम्बी, कुशीनगर और संकिसा के 6 शहरों पर विशेष फोकस किया गया। दर्शकों के सामने मुख्य मंच पर आयुर्वेद और स्वास्थ्य, योग, व्यंजन और वन्यजीव पर्यटन के विषयों को कवर करते हुए कोरियाई भाषा में डब किए गए अतुल्य भारत वीडियो भी चलाए गए। इस पर्यटन शो में दुनिया भर के कई देशों ने भाग लिया।
(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)