
- देश के लिए खतरों से निपटने के लिए हर समय तैनात रहते हैं जवान
- CRPF के 86वें स्थापना दिवस समारोह को DIG सुनील कुमार ने संबोधित किया।
ए अहमद सौदागर
लखनऊ। राजधानी लखनऊ के गोमतीनगर स्थित सीआरपीएफ मुख्यालय में शनिवार को सीआरपीएफ का स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर सीआरपीएफ के बलिदान को याद किया। सुरक्षा बल के जवानों ने देश भीतर सुरक्षा के लिए खतरा बनने वालों से निपटने का संकल्प दोहराया। इस मौके पर सीआरपीएफ के कार्यों के बारे भी लोगों को जानकारी दी गई।
डीआईजी सीआरपीएफ सुनील कुमार ने बताया कि लखनऊ में केंद्रीय रिजर्व सुरक्षा बल यानी सीआरपीएफ का स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर सीआरपीएफ जवानों के बलिदान को याद किया गया। तमाम लोगों ने देश के भीतर सुरक्षा के लिए खतरा बनने वाली ताकतों के खिलाफ सीआरपीएफ के डटने की बात कही। उन्होंने कहा कि जब-जब देश की सुरक्षा पर ऐसे खतरे आएंगे, सबसे पहले उन्हें CRPF का सामना करना होगा। सीआरपीएफ देश की आंतरिक सुरक्षा पर हाथ डालने वालों से बखूबी निपटती रही है और आगे भी हमारे वीर सिपाही इस कार्य में लगेंगे। CRPF के 86वें स्थापना दिवस समारोह को उप महानिरीक्षक सुनील कुमार ने संबोधित किया।
डीआईजी सुनील कुमार ने सीआरपीएफ के संबंध में कहा कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की स्थापना 27 जुलाई 1939 को CROWN REPRESENTATIVE POLICE के रूप में नीमच (मध्य प्रदेश) में 1-बटालियन के रूप में की गई थी। देशी रजवाड़ों में कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए इसकी स्थापना की गई थी। देश की आजादी इस बल के लिए भी एक बड़ा परिर्वतन लेकर आई। 28 दिसंबर 1949 को एक अधिनियम के तहत इसका नाम CENTRAL RESERVE POLICE FORCE यानी केंद्रीय रिजर्व पुलिस कर बल दिया गया। 19 मार्च 1950 को भारत के तत्कालीन गृहमंत्री लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल ने दिल्ली में हुए एक भव्य समारोह में इस बल को ध्वज प्रदान किया। इस मौके पर मिठाई भी वितरण किया गया।