- तीन आरोपियों ने अदालत में किया सरेंडर, बाकी अन्य अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर
- हर जगह उठ रहे सवाल… आख़िर नामज़द आरोपियों को क्यों नहीं पकड़ पा रही पुलिस
ए. अहमद सौदागर
लखनऊ। बंथरा गांव निवासी 20 वर्षीय ऋतिक पांडेय हत्याकांड के मामले में पुलिस ने मौके से आरोपित प्रदीप सिंह को पकड़ सलाखों के पीछे भेजा, लेकिन घटना में नामजद आरोपी हिमांशु सिंह, प्रियांशु, प्रत्युश, सनी व अवनीश पुलिस की पकड़ से दूर थे।जानकारों की मानें तो घटना में नामजद तीन आरोपियों ने अदालत में सरेंडर कर दिया है, जबकि अभी अन्य आरोपित अभी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं।हालांकि इस मामले में पुलिस अफसर अभी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं।
वहीं पुलिस की कार्यशैली पर गौर करें तो करीब एक सप्ताह बीतने के बाद भी कातिलों को दबोचने में नाकाम रही। बताते चलें कि नामजद आरोपियों की तलाश में कानपुर, उन्नाव समेत 15 जगहों पर दबिश दी जा चुकी है। आरोपियों की गिरफ्तारी न होने से ब्राह्मण समाज से जुड़े कई संगठन लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं सपा का डेलिगेशन भी मृतक के परिजनों से मिलने गया था।
गौरतलब है कि रविवार की रात बंथरा गांव में बिजली के विवाद में ऋतिक पांडेय का गांव के ही रहने वाले अवनीश सिंह, हिमांशु सिंह, प्रियांशु, प्रत्युश व सनी सहित अन्य लोगों से विवाद हो गया था। विवाद के दौरान ऋतिक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। ऋतिक के पिता की तहरीर के मुताबिक, अवनीश सिंह, हिमांशु सिंह, प्रियांशू सिंह, प्रत्यूष सिंह, शनि सिंह अपने कई साथियों को लेकर लाठी-डंडों और असलहों के साथ घर में घुस आए। उन्होंने घर में मौजूद लोगों की पिटाई शुरू कर दी। ऋतिक को इतनी बेरहमी से पिटा कि उसकी हालत बिगड़ गई। आनन-फानन उसे अस्पताल में एडमिट कराया गया, जहां उसकी मौत हो गई। परिजनों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया था।
ये पुलिस है जनाब! किसी की भी पिटाई कर सकती है… बेवजह पिट जाएं तो समझें लखनऊ आ गया
अब सियासी रार भी शुरू…
राजधानी में हुआ ऋतिक मर्डर केस अब तूल पकड़ता जा रहा है। ब्राह्मण समाज के संगठनों के प्रदर्शन के बाद अब राजनीतिक दल भी इस हत्याकांड के जरिए योगी सरकार को घेरने में जुट गए हैं। पीड़ित परिवार के आरोपों के बीच समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव भी इस मामले में उतर आए हैं। उन्होंने प्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप लगाया है। सपा सुप्रीमो का कहना है कि सरकार में बैठे लोग ही आरोपियों को बचा रहे हैं। सपा ने ऋतिक पांडेय हत्याकांड को देखते हुए समाजवादी पार्टी के ब्राह्मण नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल भेजने की बात की। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने आरोप लगाया है कि सरकार में बैठे लोग ही हत्याकांड के आरोपियों को बचा रहे हैं। उन्होंने सरोजनीनगर कनेक्शन का भी जिक्र किया, हालांकि उन्होंने खुलकर कुछ नहीं बोला।
उसके जवाब में सरोजनी नगर विधायक राजेश्वर सिंह ने कहा कि अखिलेश यादव इस दुखद घटना पर राजनीति करना बंद कीजिए। आप एक वरिष्ठ नेता हैं. जिस दुखद घटना पर आपको संवेदनशील होना चाहिए उस पर बयान देकर समाज में उन्माद और विभाजन फैलाना ठीक नहीं। मेरा सुझाव है अपने विवेक का इस्तेमाल कीजिए। कुछ हताश हारे हुए स्थानीय टिकेटार्थी और चुनाव परिजीवी नेताओं के बहकावे में मत आइए। वहीं स्थानीय विधायक ने एक्स पर लिखा, ”सरोजनीनगर में एक युवा की दर्दनाक मृत्यु, मेरे सरोजनीनगर परिवार की बड़ी क्षति है. हम आश्वस्त है, श्रद्धेय @myogiadityanath जी के शासन में हर अपराधी को उचित दंड मिला है।सरकार ने सख़्त कार्यवाही की है, लापरवाह अधिकारियों को निलम्बित कर दिया और अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए है। न कोई बचा है, न कोई बचेगा, सरकार सख्त कार्रवाई कर रही है, योगी जी के राज में न्याय होगा।
पुलिस हमेशा दिखाती रही लापरवाही
परिजनों का आरोप है कि ऋतिक की मौत के बाद वो थाने गए तो वहाँ पुलिस के लोग रील देखने में व्यस्त थे। कई बार कहने पर उन लोगों ने एफआईआर दर्ज नहीं की। मौत के बाद जब हम लोगों ने अस्पताल के बाहर धरना प्रदर्शन शुरू किया, तब जाकर पुलिस हरकत में आई। वहीं स्थानीय पुलिस की भूमिका की जांच की गई तो कई खुलासे हुए। जांच रिपोर्ट से पता चला कि बंथरा थाने का सिपाही यतेंद्र सिंह आरोपियों के संपर्क में था। इसकी जानकारी इंस्पेक्टर हेमंत राघव को भी थी। इंस्पेक्टर ने मामले को दबाए रखा। इस मामले में इंस्पेक्टर हेमंत राघव, दो दरोगा सुभाष यादव व सुशील यादव और सिपाही यतेंद्र सिंह को सस्पेंड कर दिया गया। लेकिन पुलिस अभी भी नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी में सफल नहीं हो पाई है। दिखावे के नाम पर पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ कर रही है। परिजनों का आरोप है कि जाति विशेष का होने का लाभ आरोपियों को मिल रहा है। साथ ही जिस लड़के की मौत हुई है, वह मौजूदा सरकार की नज़र में सबसे निकृष्ट बिरादरी से सम्बन्ध रखता है।
ऋत्विक पांडेय के घर जायेंगे सपा के चार ब्राह्मण नेता
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव अब सूबे ब्राह्मणों को अपने पाले में करना चाह रहे हैं। ऋत्विक पांडेय की हत्या के विरोध में लामबंद हुई सपा ने अपने चार नेताओं को ऋतिक के घर भेजने का फैसला किया है। कल यानी 28 जुलाई को ऋत्विक के घर समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधि मंडल जा सकता है। उस प्रतिनिधिमंडल में सपा के चार ब्राह्मण नेता संतोष पांडे, पूजा शुक्ला, अभिषेक मिश्रा और कौस्तुभ तिवारी होंगे। बताते चलें कि कल रात ही ब्राह्मण संगठनों ने हत्याकांड के विरोध में बड़ा जुलूस निकाला है। सपा इस हत्याकांड में ब्राह्मण-ठाकुर राजनीति करने पर आमादा है।
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