- भू- माफिया खनन माफिया, अवैध वसूली, लूट व डकैती जैसे अपराध करने वाले इंस्पेक्टर
- सब इंस्पेक्टर और सिपाहियों की तैयार हो रही सूची
- भ्रष्टाचार में लिप्त दागी पुलिसकर्मियों की अब खैर नहीं
ए अहमद सौदागर
लखनऊ। राजधानी लखनऊ के गोसाईगंज में कोयला व्यापारी के घर से करोड़ों की, बाराबंकी में SP रहे डॉ सतीश कुमार द्वारा 65 लाख की वसूली में लिप्त, बलिया जिले के नरही थाना क्षेत्र में ट्रकों से वसूली या फिर आगरा में इंस्पेक्टर समेत नौ पुलिसकर्मियों के खिलाफ दर्ज डकैती का मामला। रोज-रोज मिल रही अधीनस्थों की शिकायतों को देखते हुए सूबे के DGP प्रशांत कुमार ने भ्रष्ट पुलिसकर्मियों पर कड़ी कार्रवाई करने के साथ उन्हें पुलिस सेवा से समाप्त करने के निर्देश दिए हैं। पहली बार ऐसा होने जा रहा है कि पुलिस महानिदेशक ने अहम कदम उठाने जा रहे हैं।
जानकारों की मानें तो राज्य पुलिस की खुफिया इकाई को भ्रष्ट पुलिसकर्मियों की निगरानी के लिए लगाया जा रहा है, जिनकी कारगुजारियों का चिठ्ठा वे जुटाकर रिपोर्ट भेजेंगे उनमें कोतवाली, थाना और चौकियों के हाकिम शामिल हैं। बलिया कांड, गोसाईगंज कांड, वर्ष 2019 में तत्कालीन SP डॉ सतीश कुमार पर लगे कारोबारी से 65 लाख रुपए की वसूली या फिर आगरा में दबिश के नाम पर पुलिस द्वारा डकैती डालने का मामला।
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पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने कई अपराधों में पुलिस कर्मियों की संदिग्ध भूमिका का खुलासा होने पर यह फैसला किया है।
जमीन कब्जा, फर्जी मुकदमा, लूट, डकैती, अवैध वसूली, दुष्कर्म की वारदातें छिपाने, जमीन मकान पर कब्जा, अवैध खनन में पुलिस कर्मियों की भूमिका सवालों के घेरे में रही है। लोकसभा चुनाव के बाद तेजी से बढ़े अपराधों पर राज्य सरकार विपक्षी दलों के निशाने पर भी है।
फिलहाल इन्हीं सब को देखते हुए पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने दागी पुलिसकर्मियों के खिलाफ अभियान छेड़ने के साथ अपराध में लिप्त पाए जाने पर उन्हें पुलिस सेवा से समाप्त करने का फरमान जारी किया तो मानो भ्रष्ट पुलिसकर्मियों को सांप सूंघ गया है।