कारागार विभाग में नियम विरुद्ध हो रही अफसरों की तैनाती!

  • कानपुर के बजाए आगरा डीआईजी को बना रखा अपीलीय अधिकारी
  • डीआईजी जेल मुख्यालय का स्टेनो बनाया प्रधान सहायक

राकेश यादव, विशेष संवाददाता

लखनऊ। कारागार विभाग के अफसरों को जेल नियमों की जानकारी नहीं है। यह बात हम नहीं विभाग के अधिकारी कह रहे है। यही वजह है कि मुख्यालय की ओर से आए दिन अजब गजब के आदेश हो रहे हैं। स्टेनो की जगह प्रधान सहायक की तैनाती का मामला अभी सुलझ नहीं पाया कि एक और चौंकाने वाला आदेश जारी हो गया। कानपुर जेल परिक्षेत्र का डीआईजी का प्रभार सौंपने के बाद भी अपीलीय अधिकारी आगरा परिक्षेत्र के डीआईजी को बनाये रखा है। यह मामला विभागीय अधिकारियों में चर्चा का विषय बना हुआ है। चर्चा है कि परिक्षेत्र में डीआईजी नियुक्त होने के बाद अन्य परिक्षेत्र के डीआईजी को अपीलीय अधिकारी बनाया जाना पूरी तरह से नियम विरुद्ध है।

बीती 25 जुलाई को प्रभारी डीआईजी सुभाष शाक्य ने विभिन्न परिक्षेत्र के अपीलीय अधिकारी नामित किए जाने का आदेश जारी किया। इसमें डीआईजी कारागार मुख्यालय को बरेली और प्रयागराज परिक्षेत्र का अपीलीय अधिकारी नामित किया। आगरा परिक्षेत्र के डीआईजी को आगरा, मेरठ और कानपुर परिक्षेत्र का अपीलीय अधिकारी बनाया गया। सूत्र बताते है कि दो दिन पहले डीआईजी मुख्यालय को कानपुर परिक्षेत्र का प्रभार सौंप दिया गया। इसके बाद से अपीलीय अधिकारी नामित करने को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई। प्रभारी डीआईजी होने के बावजूद आगरा परिक्षेत्र के डीआईजी को अपीलीय अधिकारी नामित किया जाना नियम विरुद्ध है।

जेल मुख्यालय द्वारा जारी इस पत्र से साफ हो रही मंशा

इससे पूर्व 31 जुलाई को विभाग के मुखिया के निर्देश पर एआईजी जेल प्रशासन ने मुख्यालय के 15 बाबुओं के परिवर्तन का आदेश जारी किया। इस आदेश में मुख्यालय में कई स्टेनो होने के बाद भी प्रधान सहायक को डीआईजी मुख्यालय का स्टेनो बना दिया गया। इसी प्रकार एक अन्य प्रशासनिक अधिकारी को सेवानिवृत हुए स्टेनो के स्थान पर तैनात दिया गया। मुख्यालय के आला अफसरों ने पटल परिवर्तन का यह आदेश आईजी जेल और डीआईजी मुख्यालय के स्टेनो के सेवानिवृत होने के बाद जारी किया। स्टेनो के स्थान पर अन्य बाबुओं की तैनाती का मामला अभी सुलझ नहीं पाया कि अपीलीय अधिकारी नामित किए जाने का नया मामला प्रकाश में आ गया। उधर इस संबंध में जब डीजी पुलिस/आईजी जेल पीवी रामाशास्त्री से बात करने का प्रयास किया गया तो उनसे बात नहीं हो पाई।

दंड देने वाले को दंड माफ करने की मिली जिम्मेदारी!
मुख्यालय के अफसरों ने दंड देने वाले अधिकारी को दंड माफ करने की जिम्मेदारी सौंप दी है। मुख्यालय ने बरेली जेल पर बतौर वरिष्ठ अधीक्षक तैनात रहने वाले डीआईजी जेल मुख्यालय को बरेली परिक्षेत्र का अपीलीय अधिकारी नामित कर इस बात को सच साबित कर दिया। बतौर वरिष्ठ अधीक्षक तैनात रहने के दौरान उन्होंने जिन हेड वार्डर और वार्डर को दंडित किया। अब दंडित सुरक्षाकर्मी इन्हीं के समक्ष पेश होकर दंड माफ करने की अपील करेंगे। यह रोचक मामला विभागीय अफसरों में कौतूहल का विषय बना हुआ है।

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