राष्ट्रपति पदक के नाम नहीं भेजने वाले को सजा के बजाय मिला तोहफा!

जेल मुख्यालय गोपन अनुभाग के बाबू को मिला आईजी का पदक

बाबू की लापरवाही से नहीं मिला किसी जेल अधिकारी को राष्ट्रपति पदक

लखनऊ। इस बार फिर कारागार विभाग के किसी भी अधिकारी को राष्ट्रपति पदक नहीं मिला है। यह पदक अधिकारियों को इस लिए नहीं मिल पाया कि जेल मुख्यालय पदक के पात्र अधिकारियों का प्रस्ताव शासन को भेजना ही भूल गया। दिलचस्प बात है कि जिन बाबुओं के हाथ में प्रस्ताव तैयार करने की जिम्मेदारी थी उन्हें मुख्यालय के मुखिया ने सजा देने के बजाए तोहफा जरूर दे दिया। यह मामला मुख्यालय के बाबुओं में चर्चा का विषय बना हुआ है। इसको लेकर तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही है।

स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के मौके पर सराहनीय सेवा और बहादुरी के लिए सुरक्षा से जुड़े अधिकारियों को राष्ट्रपति पदक देकर सम्मानित किया जाता है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक गणतंत्र दिवस के लिए अक्टूबर माह में और स्वतंत्रता दिवस के लिए नाम मई माह में नाम भेजे जाते है। नामों के चयन के लिए शासन और मुख्यालय स्तर पर कमेटियां गठित की गई है।

सूत्र बताते हैं कि बीते वर्ष 2023 में कारागार मुख्यालय ने चयनित नामों को सूची शासन को भेजी। शासन के समय पर केंद्र सरकार को नहीं भेजे जाने की वजह से किसी भी अधिकारी को यह सम्मान मिल नहीं पाया था। इस बार तो मुख्यालय के गोपनीय अनुभाग के बाबुओं ने कमाल ही कर दिया। बताया गया है कि इस बार तो बाबुओं ने पदक के लिए चयनित अधिकारियों के नाम का प्रस्ताव शासन को भेजा ही नहीं गया। बाबुओं की इस लापरवाही की वजह से अधिकारियों को राष्ट्रपति पदक से वंचित रहना पड़ा। मजे की बात यह है कि गोपनीय अनुभाग के जिन बाबुओं को यह प्रस्ताव शासन को भेजना था उनमें एक बाबू को विभाग के मुखिया ने आईजी के रजत पदक से सम्मानित भी कर दिया गया। विभाग में चर्चा है कि इस विभाग में लापरवाही करने वाले को पुरुस्कृत और अच्छा काम करने वालों को नजरंदाज किया जाता है। इस संबंध में जब आईजी जेल पीवी रामाशास्त्री से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उनका फोन ही नहीं उठा।

दो साल से नहीं मिला राष्ट्रपति पदक

शासन और कारागार मुख्यालय की हीलाहवाली की वजह से पिछले दो साल से किसी भी जेल अधिकारी को राष्ट्रपति पदक नहीं मिल पाया है। दो साल से पहले शायद ही ऐसा कोई गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस रहा हो जब प्रदेश के एक दो अधिकारियों को राष्ट्रपति पदक न मिला हो। इस बार तो मुख्यालय पदक के लिए प्रस्ताव ही नहीं भेजा गया। इससे विभाग के अधिकारियों में मायूसी छाई हुई है।

National

पहलगाम कांड का बदला:अंतिम सांसें गिन रहा आतंकी संगठन

भारतीय सेना की हुंकार के आगे दहशतगर्द ने टेका घुटने ए अहमद सौदागर लखनऊ। 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की हुई मौत का बदला लेते हुए भारतीय सेना को मंगलवार की देर रात एक बड़ी कामयाबी मिली, जिसमें भारतीय सेना के जवानों ने मिसाइलें से सटीक […]

Read More
National

आतंकियों के स्लीपिंग माड्यूल्स निष्क्रिय करने में फेल है सुरक्षा एजेंसियां 

इंतजाम: जुड़ने से पहले ही टूट जाती हैं कड़ियां ए अहमद सौदागर लखनऊ। सूचनाओं की कड़ियां जुड़ने से पहले ही टूट जा रही है। यही वजह है कि बीते दो-तीन दशकों के भीतर देश व प्रदेश कई जिलों में दो दर्जन से अधिक आतंकी घटनाएं होने के बावजूद यहां सुरक्षा एजेंसियां आतंकियों के स्लीपिंग माड्यूल […]

Read More
National

दहशतगर्दों का स्केच जारी, जांच एजेंसियां सक्रिय जल्द होगें खूंखार सलाखों के पीछे 

 बताया जा रहा है सात थे आतंकी  बदले की आग में जल रहा पूरा देश ए अहमद सौदागर लखनऊ। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकी हमले में पाकिस्तान की अहम भूमिका होने की सुगबुगाहट धीरे-धीरे सामने आ रही है। जानकार बताते हैं कि घटना वाले स्थान पर सात खूंखार आतंकी मौजूद थे। बताया […]

Read More