रायबरेली जेल में अभी भी नहीं हुई किसी अफसर की तैनाती
मानकों को दरकिनार कर वरिष्ठ अधीक्षक की जेल पर अधीक्षक तैनात
लखनऊ। कारागार विभाग में अधीक्षकों की तैनाती के लिए मानकों का कोई मायने नहीं रह गया है। विभाग में वरिष्ठ अधीक्षक की जेल पर अधीक्षक और अधीक्षक की जेल पर वरिष्ठ जेल अधीक्षक की तैनाती का सिलसिला बदस्तूर जारी है। शासन ने गुरुवार को बस्ती जेल से कारागार मुख्यालय में संबद्ध नव प्रोन्नति अधीक्षक अपूर्व व्रत पाठक को गोंडा जेल पर तैनात किए जाने का आदेश जारी किया है। रायबरेली जेल पर अभी तक किसी भी जेल अधीक्षक को तैनात नहीं किया गया है।
उल्लेखनीय है कि रायबरेली जिला जेल में तैनात अधीक्षक हर्षिता मिश्रा और गोंडा जेल में तैनात अधीक्षक प्रमोद कुमार सिंह सेवानिवृत हो गए। बीती 31 जुलाई को यह दोनों जेल अधीक्षक सेवानिवृत हो गए। इन अधिकारियों को सेवानिवृत होने के 22 दिन बाद शासन ने गोंडा जेल पर अधीक्षक की तैनाती की है। मंडलीय कारागार पर वरिष्ठ अधीक्षक के बजाए अधीक्षक की तैनाती का मामला विभागीय अधिकारियों में कौतूहल का विषय बना हुआ हुआ है। चर्चा है कि विभाग में सिर्फ सेटिंग गेटिंग वाले अधिकारियों को ही अच्छी जेलों पर तैनात किया जाता है।
गुरुवार को प्रमुख सचिव/ महानिदेशक कारागार राजेश कुमार सिंह के निर्देश पर संयुक्त सचिव कारागार शिव गोपाल सिंह ने गोंडा जेल पर अधीक्षक की तैनाती का आदेश जारी किया है। संयुक्त सचिव के आदेश में नव प्रोन्नति अधीक्षक अपूर्व व्रत पाठक जोकि बस्ती जेल से कारागार मुख्यालय में संबद्ध थे उन्हें गोंडा जेल पर तैनात किया गया है। दो जेल अधीक्षक के सेवानिवृत होने के 22 दिन बाद सिर्फ एक जेल पर अधीक्षक की तैनाती ने कई सवाल खड़े कर दिए है। इसको लेकर विभागीय अधिकारियों में तमाम तरह की चर्चाएं हो रही है।