- कर्मचारियों की समस्याएं सुनने का मुख्यालय में नहीं कोई फोरम
- विभाग में कर्मचारियों की तानाशाही चरम पर, दबे कुचले कर्मियों का कोई पुरसाहाल नहीं
राकेश यादव
लखनऊ। कारागार मुख्यालय में आईजी प्रिजन ऑफिस एसोसिएशन का चुनाव पिछले सात साल से नहीं हुआ है। यह बात सुनने में भले अटपटी लगे लेकिन सच है। एसोसिएशन की निष्क्रियता से विभाग के अफसरों को तानाशाही चरम पर है। विभाग के आला अफसर मनमाने तरीके से चहेते बाबुओं को कमाऊ पटल और योग्य बाबुओं को उपेक्षित अनुभागों में तैनात कर शोषण करने में जुटे हुए है। विभाग में दबे कुचले कर्मियों की उठाने वाला कोई नही है। इसको लेकर कर्मचारियों में खासा आक्रोश भी व्याप्त है।
विभागीय कर्मचारियों से मिली जानकारी के मुताबिक कारागार मुख्यालय के लिपिकीय संवर्ग के कर्मियों के समस्याओं के लिए आईजी परिजन ऑफिस एसोसिएशन का गठन किया गया है। दो साल के लिए गठित एसोसिएशन के पदाधिकारी कर्मियों की समस्याओं को निस्तारण के लिए विभाग के आला अफसरों के समक्ष रखकर उनका निराकरण कराने की मांग करते है।
बताया गया है कि आईजी परिजन ऑफिस एसोसिएशन का पिछले सात साल से चुनाव नहीं हुआ है। वर्ष 2017 में अंतिम बार चुनाव हुआ था। इस चुनाव में सभी पदाधिकारी निर्वाचित घोषित किए गए। इससे पूर्व वर्ष 2015 में चुनाव हुआ था। वर्ष 2017 के चुनाव में निर्विरोध निर्वाचित पदाधिकारियों के निष्क्रिय होने की वजह से इस संवर्ग के कर्मियों को तमाम तरह की समस्याओं से जूझना पड़ रहा है।समस्याओं से ग्रसित इन कर्मियों का विभाग में कोई पुरसाहाल नहीं है।