संकष्टी चतुर्थी आज़- आज विघ्नराज की पूजा से पूर्ण होते हैं सभी मनोरथ

राजेन्द्र गुप्ता, ज्योतिषी और हस्तरेखाविद

भगवान गणेश को समर्पित आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का सनातन धर्म के लोगों के लिए खास महत्व है, जिसे देश के कई राज्यों में विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन व्रत और पूजा के साथसाथ कथा सुनना व पढ़ना भी जरूरी होता है।

संकष्टी चतुर्थी पर भक्तों को मिलेगा बप्पा का आशीर्वाद

सनातन धर्म के लोगों के लिए विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी व्रत का विशेष महत्व है। जो आश्विन मास की चतुर्थी तिथि के दिन रखा जाता है। ये दिन भगवान गणेश को समर्पित है। इस दिन व्रत रखने के साथसाथ गणपति बप्पा की पूजा की जाती है। इससे घरपरिवार में सुखशांति बनी रहती है। साथ ही बप्पा के आशीर्वाद से सभी दुखदर्द का अंत होता है।

संकष्टी चतुर्थी की तिथि 

वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल आश्विन मास की चतुर्थी तिथि यानी विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी का व्रत 21 सितंबर को रखा जाएगा।

संकष्टी चतुर्थी का मुहूर्त 

चतुर्थी तिथि पर गणपति जी की पूजा का शुभ मुहूर्त प्रात: काल 07 बजकर 40 मिनट से लेकर सुबह 09 बजकर 11 मिनट पर है। वहीं शाम में 06 बजकर 19 मिनट से लेकर रात 07 बजकर 47 मिनट तक भी पूजा का मुहूर्त है।

संकष्टी चतुर्थी की पूजा विधि 

संकष्टी चतुर्थी व्रत करने के लिए सुबह जल्दी उठकर स्नानध्यान कर लें। उसके बाद पूजा से पहले व्रत का संकल्प लें। इसके बाद मंदिर की साफ सफाई करने के बाद भगवान गणेश की प्रतिमा या मूर्ति स्थापित करें। उसके बाद सबसे पहले बप्पा का जलाभिषेक करें। इसके बाद पुष्प, फल चढ़ाएं और पीले रंग का चंदन लगाएं। फिर बेसन के लड्डू या मोदक का भोग लगाएं। इसके बाद संकष्टी चतुर्थी का पाठ करें। पूजा के अंत में गणेश जी की आरती करें। उसके बाद चंद्रमा दर्शन करने के बाद अर्ध दें।

संकष्टी चतुर्थी का महत्व

संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश जी की पूजा करने से आपको शुभ लाभ की प्राप्ति होती है। इस दिन कुछ विशेष वस्तुओं का दान करने से आपके सुख में वृद्धि होती है। आपके ऊपर आए सभी संकट बप्पा दूर करते हैं। आपकी सभी मनोकामनाएं गणेशजी पूर्ण करते हैं। आपके घर में धन वृद्धि होती और आपके सौभाग्य में वृद्धि होती है और आपको निवेश की योजनाओं में लाभ होगा।

गणेश जी की पूजा से पूर्ण होते हैं सभी कार्य, जानें आज कैसे होगी पूजा और क्या है शुभ मुहूर्त

विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी व्रत की कथा

पौराणिक कथाओं के अनुसार, दानवीर दैत्यराज बलि के सौ प्रतापी पुत्र में से बाणासुर भी एक था, जिसने भगवान शिव की कठिन तपस्या की थी। बाणासुर की एक बेटी भी थी, जिसका नाम उषा था। एक दिन उषा को सपना आया कि वो अपने होने वाले पति अनिरुद्ध से दूर जा रही हैं। इस सपने के बाद से ही वो विचलित हो गई। उन्होंने अपनी सहेली चित्रलेखा से कहा कि, ‘त्रिभुवन में रहने वाले सभी लोगों के चित्र बनवाए, जिसमें से वो अनिरुद्ध को पहचान पाए।

अनिरुद्ध कहां पर मिला?

चित्रलेखा ने चित्र को बनवाकर उषा को दे दिया। उषा ने एक चित्र को देखते हुए कहा, ‘ये वो ही है, जिसके साथ सपने में मेरा पाणिग्रहण हुआ था।इसके बाद उषा ने अपनी सहेली को उसे ढूंढने का आदेश दिया। अपनी सखी के कहने पर चित्रलेखा ने कई स्थानों पर अनिरुद्ध को ढूंढा। कई दिनों बाद द्वारकापुरी में अनिरुद्ध मिला, जिसके बाद उसे बाणासुर नगरी लाया गया।

श्रीकृष्ण ने लोमश मुनि की ली मदद

अनिरुद्ध के गुम होते ही राजा प्रद्युमन अपने पुत्र के शोक में चले गए। तब दुखी रुक्मिणी ने भगवान कृष्ण से कहा, ‘हमारे पौत्र का किसी ने हरण किया है या वो अपनी इच्छा से गया है? कृपया बताइए। नहीं तो, मैं अपने प्राण त्याग दूंगी।रुक्मिणी की बातें सुनकर श्रीकृष्ण जी ने यादवों की सभा बुलाई। जहां पर उन्होंने लोमश ऋषि के दर्शन करके उन्हें सारी घटना के बारे में बताया। तब लोमश मुनि ने कृष्ण जी को बताया कि, ‘बाणासुर नगरी की उषा नामक एक कन्या की सहेली चित्रलेखा ने आपके पौत्र का अपहरण किया है, जो बाणासुर के महल में ही है।

इसी के आगे उन्होंने कहा, ‘आप आश्विन मास में आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का अनुष्ठान कीजिए। इस व्रत को करने से आपका पौत्र वापस आ जाएगा।श्रीकृष्ण ने विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा और विधिपूर्वक पूजा भी की। माना जाता है कि इस व्रत के शुभ प्रभाव से ही कृष्ण जी को उनका पौत्र वापस मिला था। धार्मिक मान्यता के अनुसार, विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी का व्रत करने से संपूर्ण विपत्तियों का नाश होता है। साथ ही जीवन में शांति और धनधान्य का वास होता है। हालांकि बाद में कृष्ण जी ने बाणासुर की सहस्त्र भुजाओं को काटकर उसे युद्ध में पराजित कर दिया था।

नोटअगर आप अपना भविष्य जानना चाहते हैं तो मो. 9116089175 पर कॉल करके या व्हाट्स एप पर मैसेज भेजकर पहले शर्तें जान लेवें, इसी के बाद अपनी बर्थ डिटेल और हैंडप्रिंट्स भेजे।

Religion

किस राशि के लोग बन सकते हैं परफेक्ट पार्टनर और किससे बिगड़ सकता है रिश्ता

विपरीत या शत्रु राशि के साथ शादी करने से वैवाहिक जीवन बन सकता है क्लेश मीन राशि के लिए मेष और वृश्चिक राशि के पार्टनर होते हैं बेहतर वृष, कन्या व मकर के लिए मिथुन, तुला व कुंभ राशि वाले होते हैं शत्रु राजेन्द्र गुप्ता, ज्योतिषी और हस्तरेखाविद ज्योतिष के अनुसार, विपरीत या शत्रु राशि […]

Read More
Religion

वर्ष 2024: गुरुवार को धूमधाम से मनाया जाएगा छठ महापर्व, शुक्रवार सुबह तड़के उगते सूर्य को भक्तगण करेंगे सलाम

डाला छठ आजः महिलाएं घर की खुशहाली और संतान की सलामती के लिए रखती हैं व्रत कब है छठ पूजा और कब होगा नहाय-खाय, इसके अलावा जानिए कब है खरना और कब होगा समाप्ति ए अहमद सौदागर लखनऊ। हर साल की तरह इस वर्ष भी छठ पूजा का पर्व कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की […]

Read More
Religion

भाईदूज व गोवर्धन पूजा एक ही साथ आज, कई बरसों बाद बना यह अनोखा संयोग

कब है भाई दूज और कब है गोवर्धन पूजा का मुहूर्त पहली बार एक साथ पड़े हैं ये दो त्यौहार, जानें क्यों राजेन्द्र गुप्ता, ज्योतिषी और हस्तरेखाविद भाई दूज के साथ ही पांच दिवसीय दिवाली उत्सव का समापन होता है। भाई दूज का पर्व बहन और भाई के प्रति विश्वास और प्रेम का होता है। […]

Read More