- पिछले सात दिनों में कहीं पर हत्या, लूट तो कहीं पर हुई जालसाजी
- पुलिस और उसके आलाधिकारी बता रहे – “ऑल इस वेल”
ए अहमद सौदागर
लखनऊ। प्रदेश सरकार और पुलिस महकमा कानून-व्यवस्था को लेकर सब कुछ कंट्रोल में होने का दावा कर रहे हैं, लेकिन उनके यहां दर्ज आंकड़े ही उन्हें झुठला रहे हैं।
राजधानी लखनऊ में साल के शुरुआती दिनों की बात छोड़ दें तो वर्ष के आखिरी महीने के आसपास अक्टूबर में हुई कई घटनाओं ने क्राइम कंट्रोल की पोल खोलकर रख दी है।
एक सप्ताह के भीतर हत्या, लूट, जालसाजी और जानलेवा हमले हो चुके हैं। दुबग्गा क्षेत्र के मौरा खेड़ा गांव में रविवार रात घर में घुसे बेखौफ बदमाशों ने 75 वर्षीय बुजुर्ग पुजारी हरिशरण महराज उर्फ रामशरण शुक्ला को पीट-पीटकर मौत की नींद सुला दिया। इस घटना ने मार्डन पुलिसिंग की पोल खोल दी।
यह तो महज बानगी भर है एक सप्ताह के भीतर लूट, चोरी, जालसाजी और हत्या जैसी संगीन वारदातें हो चुकी हैं। 29 अक्टूबर 2024 को आशियाना क्षेत्र के शारदानगर निवासी सुमित कुमार से साइबर अपराधियों ने तीन लाख रुपए की ठगी।
इसी तारीख में बीबीडी क्षेत्र में महिला को अगवा कर दुष्कर्म, चलती कार से वहशियों ने फेंका।
आशियाना में मोबाइल की दुकान में चोरी।
गुडंबा क्षेत्र में सिंगापुर में नौकरी दिलाने के नाम पर 48 हजार रुपए की ठगी।
तीन नवंबर 2024 को आलमबाग में युवती को दो घंटे डिजिटल अरेस्ट रखकर ऐंठे एक लाख 24 हजार रुपए।
गुडंबा क्षेत्र में को एक लड़की पर जानलेवा हमला।
राजाजीपुरम के ई ब्लाक निवासी कारोबारी तौसीफ अहमद से फर्जी दस्तावेज बनाकर दो करोड़ रुपए की ठगी।
पारा इलाके में कार सवार युवकों ने अगवा कर छात्रा से छेड़छाड़ की।
बाजार खाला में एक युवक ने सौतेले भाई पर ताबड़तोड़ झोंकी गोलियां।
कृष्णानगर इलाके में महिला पर जानलेवा हमला, मौत।
दो नवंबर 2024 को इंदिरा नगर क्षेत्र में ज्वैलर्स की दुकान का शटर काटकर लाखों की चोरी।
जालसाजों ने सीआरपीएफ अफसर सहित तीन लोगों से की लाखों की ठगी।
इन मामलों की गुत्थी पुलिस सुलझा भी नहीं पाई थी कि बेखौफ बदमाशों ने दुबग्गा क्षेत्र में एक पुजारी की हत्या कर सनसनी फैला दी। यह तो फिलहाल बानगी भर है और भी हुई कई घटनाओं ने पुलिस की सक्रियता पर सवाल खड़े किए हैं।