- अल्ताफ के फोन में सौ से ज्यादा बांग्लादेशी लड़कियों के नंबर मिले
- कोलकाता के रहने वाले कई लोगों के अवैध ठिकानों पर हो सकती है दबिश
नया लुक ब्यूरो
रांची। ईडी ने बांग्लादेशी घुसपैठ मामले में छह लोगों को समन जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया है। सभी को सोमवार से अलग–अलग तारीख पर रांची स्थित ईडी कार्यालय बुलाया गया है। ईडी ने जिन लोगों को समन जारी किया है उसमें देविशा होटल्स एंड हॉस्पिटैलिटी के मालिक शैलेंद्र कुमार के अलावा महेंद्र, अब्दुल रशीद, विभाष मंडल, पूनम मिश्रा और अल्ताफमनकर उर्फ अल्ताफ शेख के नाम शामिल हैं।शैलेंद्र कुमार बांग्लादेशी युवतियों को विभिन्न होटलों में ठहरने की व्यवस्था करता था।
विभाष मंडल और पूनम मिश्रा ने बरियातू पुलिस ने जिन युवतियों को गिरफ्तार किया था उनकी जमानत करायी थी। विभाष मंडल और पूनम मिश्रा पति–पत्नी हैं। दोनों कोलकाता के रहनेवाले हैं और बरियातू थाने में गिरफ्तार युवतियों की जमानत लेने दोनों कोलकाता से रांची आते थे। इससे यह माना जा रहा है कि इन दोनों का संबंध भी इस गिरोह से है। वहीं अल्ताफ के मोबाईल से 100 से ज्यादा युवतियों के नंबर मिले हैं। हालांकि, पूछताछ में उसने खुद को ग्राहक बताया था और विदेशी युवतियों को झारखंड लाने के मामले में अनभिज्ञता जाहिर की थी।
यह है पूरा मामला
सूत्रों के मुताबिक, शैलेंद्र कुमार पर आरोप है कि वह बांग्लादेशी युवतियों को विभिन्न होटलों में ठहराने की व्यवस्था करता था. वह बांग्लादेशी नागरिकों के लिए अवैध ठिकाने उपलब्ध कराता था. विभाष मंडल और पूनम मिश्रा कोलकाता के रहनेवाले हैं और दोनों को इस मामले में महत्वपूर्ण कड़ी माना जा रहा है. इन दोनों ने हाल ही में बरियातू पुलिस द्वारा गिरफ्तार की गई युवतियों की जमानत कराई थी. यह जोड़ी रांची आती–जाती थी, जिससे यह संकेत मिलता है कि इनका भी इस गिरोह से संबंध हो सकता है.
अल्ताफ शेख का कनेक्शन
अल्ताफ शेख के मोबाइल से 100 से ज्यादा बांग्लादेशी युवतियों के कॉन्टैक्ट नंबर मिले हैं. हालांकि, पूछताछ के दौरान उसने खुद को एक ग्राहक बताते हुए विदेशी युवतियों को झारखंड लाने के मामले में अपनी अनभिज्ञता जताई थी.
पूछताछ के लिए समन
ईडी ने इन छह व्यक्तियों को सोमवार से अलग–अलग तारीखों में रांची कार्यालय में पेश होने का निर्देश दिया है. एजेंसी का कहना है कि इन लोगों से पूछताछ के दौरान मामले में नई जानकारी मिल सकती है, जिससे इस नेटवर्क के बारे में और ज्यादा खुलासा हो सकेगा. यह कार्रवाई बांग्लादेशी नागरिकों की अवैध घुसपैठ और मानव तस्करी के बढ़ते मामलों को लेकर हो रही है, और प्रवर्तन निदेशालय ने इस पूरे नेटवर्क को पूरी तरह से बेनकाब करने का इरादा किया है.