- मीडिया में पत्रकारों ने चलाया, DM ने फरियादी को भेजा जेल
- राजधानी में चला- ‘ऊँची आवाज़ बर्दाश्त नहीं करते ज़िलाधिकारी मैनपुरी’
डॉ. चंद्रभान सिंह
लखनऊ। राजधानी लखनऊ में एक ख़बर कई व्हाट्सऐप ग्रुप में चली। ख़बर आई-‘ मैनपुरी के जिलाधिकारी ने ऊंची आवाज में बात करने पर एक महिला फरियादी और उसकी बेटी को जेल भेजने का हुक्म दे दिया। महिला कलेक्टर ऑफिस के चक्कर लगाकर परेशान हो चुकी थी। लिहाजा उसने अपनी समस्या पर जोर दिया तो DM अंजनी सिंह को अपना पद, रसूख और अहंकार सवार हो गया। डीएम अंजनी कुमार सिंह को बेहद नागवार गुजरा कि वो जिलाधीश हैं और किसी समस्या को लेकर उनसे कोई फरियादी ऊंची आवाज में कैसे बात करेगा। विधवा महिला और उसकी बेटी को पुलिस पकड़ ले गई। सम्पूर्ण समाधान दिवस फरियादी के लिए जेल दिवस हो गया। मीडिया में ये मामला वायरल है। लेकिन जिलाधिकारी के खिलाफ सरकार ने अभी तक कोई एक्शन नहीं लिया है।’
इस ख़बर की दरियाफ्त करने के लिए ‘नया लुक’ ने ज़िलाधिकारी मैनपुरी अंजनी कुमार सिंह से बात की। उन्होंने दो टूक लहजे में कहा कि महिला को मैंने ऐसा कुछ नहीं कहा था। हाँ, वो ज़हरीला पदार्थ खाने की बात कर रही थी, इसलिए महिला पुलिस बुलाकर उसे निगरानी में रखने का आदेश दिया था। उन्होंने बताया कि दो दिन पहले एक व्यक्ति कुछ इसी तरह की फ़रियाद लेकर आया था, लेकिन उसने पेट्रोल डालकर ख़ुद को जलाने की कोशिश की थी। किसी तरह सुरक्षा बलों ने आग बुझाया और उसे ज़िंदा बचाया जा सका। जब महिला ने कहा कि वो भी ज़हर खाकर आत्महत्या कर लेगी, तो उसे बचाने के लिए पुलिस की निगरानी में रखना पड़ा।जैसे ही उन दोनों का आक्रोश शांत हुआ, उन्हें वापस घर भेज दिया गया। यहाँ कार्यालय परिसर के आसपास कुछ ऐसे लोग घूमते हैं, जो इस तरह के मामले को तूल पकड़ाते हैं, उन्होंने इस मैटर में भी वही किया।
क्या है मामला
मैनपुरी ज़िले में एक तहसील है- किशनी। पिछले शनिवार को डीएम अंजनी कुमार सिंह, एसपी विनोद कुमार सिंह तहसील सभागार में जन शिकायतें सुन रहे थे. बहरामऊ की रहने वाली राधा देवी पत्नी अशोक कुमार ने डीएम से मेढबंदी होने के बावजूद दबंगों के उसकी जमीन पर कब्जा न छोड़ने की शिकायत की थी। इस पर डीएम ने कहा कि यह मामला SDM न्यायालय में लंबित है, ऐसे में आपको कार्यालय में आवेदन पत्र देना होगा। माँ-बेटी की फ़रियाद थी कि उसके ज़मीन पर दबंगों ने अवैध क़ब्ज़ा जमा लिया है। इस पर मां-बेटी जिलाधिकारी से बहस करने लगीं और अभद्रता भी की। महिला ने डीएम से कहा कि यहीं जान दे दूंगी, जिसके बाद ज़िलाधिकारी ने हिरासत में लेने का आदेश दिया।
डीएम अंजनी कुमार सिंह कहते हैं कि उनके आवेदन पर एक टीम गठित कर दी गई है। कानूनगो-लेखपाल और तहसीलदार की निगरानी में ज़मीन को क़ब्ज़ा मुक्त कराने के लिए लगाया गया था। राजस्व की टीम उनके ज़मीन की पैमाइश कर रही है। उनको उनकी ज़मीन वापस दिला दी जाएगी। बताते चलें कि हाल ही में हुई समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि फरियादियों की शिकायतों के निस्तारण में लापरवाही करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
कौन है IAS अंजनी कुमार सिंह
मार्च 2021 से सितम्बर 2024 तक निदेशक मंडी परिषद रहे अंजनी कुमार 2014 बैच के प्रशासनिक अधिकारी हैं। इससे पहले वह गोरखपुर के नगर आयुक्त थे। बस्ती और बाराबंकी के मुख्य विकास अधिकारी रह चुके अंजनी लखनऊ के अपर जिलाधिकारी की जिम्मेदारी भी निभा चुके हैं। 14 सितम्बर 2024 से वह मैनपुरी के DM बने हैं।