शाश्वत तिवारी
नई दिल्ली। भारत ने विदेश की जेलों में बंद भारतीयों के स्थानांतरण के लिए 31 देशों से द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके आधार पर विदेश में बंद भारतीय कैदियों को उनकी सजा की शेष अवधि पूरी करने के लिए भारत स्थानांतरित किया जा सकता है। यह बात विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने गुरुवार को राज्यसभा में कांग्रेस सांसद अनिल कुमार यादव मंडाडी द्वारा विदेशों में जेलों में बंद भारतीयों को भारत स्थानांतरित करने संबंधी सवाल का जवाब देते हुए कही। विदेश राज्य मंत्री ने बताया कि भारत ने जिन देशों के साथ समझौता किया है, उनमें ऑस्ट्रेलिया, बहरीन, बांग्लादेश, बोस्निया और हर्जेगोविना, ब्राजील, बुल्गारिया, कंबोडिया, मिस्र, एस्टोनिया, फ्रांस, ईरान, इस्राइल, इटली, कजाकिस्तान, कोरिया गणराज्य, कुवैत, मालदीव, मॉरीशस, मंगोलिया, कतर, रूस, सऊदी अरब, सोमालिया, स्पेन, श्रीलंका, थाईलैंड, तुर्किये, संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन और वियतनाम शामिल हैं।
राज्य मंत्री ने कहा सरकार विदेशी जेलों में बंद भारतीयों सहित विदेशों में रहने वाले भारतीयों की सुरक्षा, संरक्षा और कल्याण को उच्च प्राथमिकता देती है। विदेश स्थित भारतीय मिशन/केंद्र सतर्क रहते हैं और स्थानीय कानूनों के उल्लंघन व कथित उल्लंघन के लिए विदेशों में भारतीय नागरिकों को जेल में डाले जाने की घटनाओं पर बारीकी से नजर रखते हैं। जैसे ही किसी भारतीय नागरिक की हिरासत व गिरफ्तारी की सूचना किसी भारतीय मिशन/केंद्र को मिलती है, तो वह तुरंत स्थानीय विदेश कार्यालय और अन्य संबंधित स्थानीय प्राधिकारियों से संपर्क करता है, ताकि उन तक कांसुलर पहुंच बनाई जा सके।
उन्होंने कहा भारत ने सजायाफ्ता व्यक्तियों के स्थानांतरण पर दो बहुपक्षीय सम्मेलनों पर भी हस्ताक्षर किए हैं। यानी विदेश में आपराधिक सजा काटने पर अंतर-अमेरिकी सम्मेलन और सजा प्राप्त व्यक्तियों के स्थानांतरण पर यूरोप परिषद सम्मेलन, जिसके आधार पर सदस्य राष्ट्रों और अन्य देशों के सजायाफ्ता व्यक्ति, जो इन सम्मेलनों में शामिल हो गए हैं, अपनी सजा की शेष अवधि को पूरा करने के लिए अपने मूल देशों में स्थानांतरण की मांग कर सकते हैं।