- मुजफ्फरनगर जेल प्रशासन के अफसरों का कारनामा
- मुरादाबाद जेल में हुई कार्यवाही से जेल अधिकारी दहशत में
- जेल अधिकारियों को नहीं जनप्रतिनिधियों के प्रोटोकॉल की जानकारी
लखनऊ। अवैध मुलाकात को लेकर मुरादाबाद जेल में हुई कार्यवाही से जेल अधिकारी दहशत में आ गए है। इस दहशत की वजह से मुजफ्फरनगर जेल प्रशासन के अधिकारियों ने मुलाकात करने आए सांसद को ही बैरंग वापस कर दिया। दिलचस्प बात तो यह है सांसद के सामान्य मुलाकात कराने की बात की तो जेल अधिकारियों ने उनकी मुलाकात पर्ची तक नहीं बनने दी। आखिरकार उन्हें बगैर मुलाकात किए ही उन्हें वापस होना पड़ा। ऐसा तब किया गया जब जेल अधीक्षक को यह अधिकार प्राप्त है कि वह किसी भी व्यक्ति की किसी भी समय मुलाकात करा सकता है।
मिली जानकारी के मुताबिक बीते दिनों मुजफ्फरनगर के सासंद हरेंद्र मालिक जेल में बंद एक पूर्व विधायक से मुलाकात करने जेल पहुंचे। जेल प्रशासन के अधिकारियों ने उन्हें नियमों का हवाला देते हुए मुलाकात कराने से मना कर दिया। सूत्र बताते है कि इस पर सासंद ने कहा कि यदि प्रोटोकॉल के तहत मुलाकात नहीं कराई जा सकती है तो वह उनकी मुलाकात सामान्य मुलाकातियों की तरह मुलाकात पर्ची से करा दे। इस पर जेल प्रशासन के अधिकारियों ने सासंद की मुलाकात पर्ची तक नहीं बनने दी। जेल प्रशासन के अड़ियल रवैए से खफा सासंद बंदी विधायक से मुलाकात किए बगैर ही वापस हो गए।
उल्लेखनीय है कि दिसंबर के प्रथम सप्ताह में सम्भल के बवालियों से मुलाकात करने के लिए पूर्व सांसद समेत कई विधायक मुरादाबाद जेल पहुंचे थे। मुलाकात करने के बात इन नेताओं ने जेल के सामने मीडिया को बाइट दे दी थी। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वायरल वीडियो को संज्ञान में लेते हुए आनन फानन में प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए जेलर विजय विक्रम यादव और मुलाकात प्रभारी डिप्टी जेलर प्रवीण सिंह को निलंबित कर दिया। इसके कुछ समय बाद ही जेल के वरिष्ठ अधीक्षक पवन प्रताप सिंह को भी निलंबित कर दिया गया। शासन की एकाएक हुई इस कार्यवाही से जेल प्रशासन के अधिकारी इतनी दहशत में आ गए कि वह जनप्रतिनिधियों का प्रोटोकॉल ही भूल गए। उधर इस संबंध में जब मुजफ्फरनगर जेल अधीक्षक अभिषेक चौधरी से बात की गई तो उन्होंने सांसद को बैरंग वापस किए जाने की बात तो स्वीकार की लेकिन इसके अलावा इस मामले पर और कोई भी टिप्पणी करने से साफ इनकार कर दिया।
जनप्रतिनिधियों का प्रोटोकॉल भूल गए जेल अफसर!
मुजफ्फरनगर जेल प्रशासन के अधिकारी सांसद के प्रोटोकॉल का अनुपालन तक नहीं किया। जनप्रतिनिधियों के प्रोटोकॉल के संबंध में जब विभाग के आला अफसरों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जेल मैनुअल में स्थानीय सांसद और विधायक को जेल के निरीक्षण करने का प्रावधान है। इसके साथ ही उनके जेल पर आने पर उन्हें ससम्मान जेल के अंदर लेकर आदर के साथ बैठाना चाहिए। शिष्टाचार से बात करनी चाहिए। अफसरों का कहना है कि सांसद को बाहर से वापस कर देना जेल नियमों का उल्लंघन माना जाएगा। उन्होंने कहा मामला अनुशासन समिति के पास पहुंचने पर इसकी जवाबदेही सुनिश्चित होगी।