- छह लोगों से शादी और सुहागरात की कहानी पूरी कर चुकी थी पूनम
- सातवें शिकार को हुआ शक तो शंकर ने पुलिस के साथ खोल दी पोल
वो प्यार करती है। रोमांटिक अदा से अपना दीवाना बना लेती है। शादी भी उसके बायें हाथ का खेल है। वो झट से दुल्हन भी बन जाती है। मेंहदी, संगीत, शादी से लेकर सुहागरात तक सारी रस्में निभाती है। लेकिन वो असल में प्यार नहीं करती। वो असल में शादी नहीं करती। वो लूटने का एक दांव बनाती है। लूटकर भाग लेती है। प्यार में फरार नहीं होती, प्यार तो अपने पैरों तले रौंदकर जेवर-गहना और रुपया पैसा लेकर भाग लेती है। इसीलिए बुंदेलखंड के हर शख्स की जुबां पर उसका नाम लुटेरी दुल्हन हो गया है। वो उल्लू कैसे बनाती है, प्यार की पींगे कैसे सिखाती है… इसे जानने के लिए आपको बुंदेलखंड से ‘नया लुक’ के सह सम्पादक देवेंद्र नाथ मिश्र की यह स्टोरी पढ़नी पड़ेगी…
नाम-पूनम।
काम-लूट-पाट कर फरार हो जाना।
तरीका-शादी के झांसे में फंसाना
बुंदेलखंड में आजकल इस किस्से को हर कोई चटखारे लेकर कह-सुन रहा है। बाँदा पुलिस ने एक लुटेरी दुल्हन को गिरफ्तार किया है। वो अब तक छह लोगों के साथ शादी कर चुकी है। लेकिन शादी के बाद सुहागरात उन सभी पर भारी पड़ता रहा। सुहागरात के दिन ही वो नकदी-जेवरात उड़ाकर अपने कथित पति को कंगाल बनाकर फुर्र हो जाती थी। इस बार वो 7वें शिकार की तलाश में थी। एक व्यक्ति उसके प्रेम जाल मे फंस भी गया था। वो शादी करती और सुहागरात की नौबत आती, इससे पहले ही पुलिस ने इस गैंग को ही धर दबोचा। गैंग मे शामिल पूनम की फ़र्ज़ी माँ संजना गुप्ता व विमलेश वर्मा एवं धर्मेंद्र प्रजापति को भी पकड़ा है।
शादी का झांसा देकर ठगी करने वाली लुटेरी दुल्हन व उसके गैंग लीडर समेत चार आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस की पूछताछ में उनके कारनामों के कई रहस्य उजागर हुए हैं। पकड़े गए गैंग लीडर ने बांदा जिले के ही जमालपुर क्षेत्र में छह लोगों को इस प्रकार की ठगी का शिकार बनाया था, जबकि लुटेरी दुल्हन ने इसके पहले फर्रुखाबाद, छतरपुर के सोयपुर व उरई में भी शादी की थी।
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लुटेरी दुल्हन का निशाना बांदा जिले के जमालपुर गांव का शंकर उपाध्याय भी बनने वाला था। गनीमत रही कि उसे शक हुआ और उसने पुलिस को सूचना दे दी, जिससे आरोपी युवती व उसके तीन साथियों को पुलिस ने दबोच कर जेल भेज दिया। देहात कोतवाली के जमालपुर निवासी शंकर से बदौसा कस्बा के ग्राम बरछा निवासी विमलेश वर्मा ने शादी कराने के एवज में डेढ़ लाख रुपये की मांग की थी। शंकर ने विमलेश को पांच हजार रुपये एडवांस के तौर पर दे दिया था। लेकिन शक को धीरे-धीरे उसने पुख्ता किया और जब इस बात की तसल्ली हो गई कि यह पूरा गैंग लूटेरा है तो उसने पुलिस को सूचना दे दी और पूरा गैंग गिरफ्तार हो गया।
ऐसे काम करता था पूरा रैकेट…
पूरा रैकेट सादे तरीके से कोर्ट मैरिज के साथ शुरू करता था। शादी के बाद पूनम, दूल्हे के घर जाती और मौका पाकर गहने और पैसे चुराकर फरार हो जाती थी। पूनम के सातवें शिकार शंकर ने कहा कि उसे बताया गया कि लड़की कुंवारी है और रिश्ते की तलाश कर रही है।