- सूर्यवंशी श्रीराम और चंद्रवंशी श्रीकृष्ण का अवतार
- वर्ष के समापन मे प्रकटे श्रीनृसिंह दैव
- असुरो का वध देवता मानव की रक्षा का लक्ष्य
- गो द्विज रक्षा ..धरती का भार हरण
बलराम कुमार मणि त्रिपाठी
चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से भारतीय विक्रम संवत् 2082 शुरु होगा,जो अगले वर्ष चैत्र कृष्ण अमावस्या तक चलेगा। वर्ष के प्रारंभ मे हम वासंतीय नवरात्र मनाते है..चैत्र रामनवमी को सूर्यवंश मे भगवान श्रीराम मध्याह्न मे अयोध्या के राजमहल में 12 बजे प्रकट हुए…जब कि छह माह बाद भाद्रपद मे कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मथुरा के कारागार मे आधी रात मे चंद्र वंश मे श्रीकृष्ण प्रकट हुए। दोनो भगवान श्रीहरि के अवतार रहे।
सातवें माह मे आश्विन शुक्ल प्रतिपदा को शारदीय नवरात्र मे शक्ति उपासना होती है और दशमी को विजय दशमी पर्व मनाया जाता है। बारहवें माह मे फाल्गुन कृष्ण तृतीया को भूत भावन भगवान शिव के विवाह शिव रात्रि और शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को होलिकादहन और बसंतोत्सव (होली) का पर्व मनाया जाता है। इस समय भगवान नृसिंह का अवतार हुआ था। जो बिहार के पूर्णिया जिले में बताया जाता है। जहां खंभा फाड़ कर नृसिंह देव प्रकट हुए थे।