शाश्वत तिवारी
नई दिल्ली। क्वाड के गठन के 20 साल पूरे होने पर भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्रियों ने एक संयुक्त बयान जारी किया है। बयान में कहा गया है कि आपदा प्रबंधन से शुरू हुआ सहयोग अब पूर्ण साझेदारी में हुआ तब्दील हो चुका है। 20 साल पहले 2004 में हिंद महासागर में आई सुनामी के बाद भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया ने चतुर्भुज सुरक्षा संवाद (क्वाड) का गठन किया था, जिसका मुख्य उद्देश्य चारों भागीदार देशों के बीच हिंद-प्रशांत क्षेत्र में तत्काल चुनौतियों से निपटने में सहयोग को तेज करना था। संयुक्त बयान के अनुसार आपदा के लिए आपातकालीन प्रतिक्रिया के रूप में शुरू हुआ यह सहयोग अब हमारे क्षेत्र के लोगों के लिए सकारात्मक परिणाम देने वाली एक पूर्ण साझेदारी में विकसित हो गया है।
विदेश मंत्रालय के अनुसार बयान में कहा गया है, मानवीय सहायता और आपदा राहत के लिए हमारी मूलभूत प्रतिबद्धता मजबूत बनी हुई है। हम क्षेत्र भर में आपदाओं के लिए तैयार रहने और उनका तुरंत और प्रभावी ढंग से जवाब देने के लिए कंधे से कंधा मिलाकर काम करना जारी रखे हैं। क्वाड देश अब जलवायु परिवर्तन, कैंसर और महामारी से लड़ने से लेकर गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढांचे, समुद्री क्षेत्र जागरूकता, एसटीईएम शिक्षा, आतंकवाद-रोधी प्रयासों, महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों एवं साइबर सुरक्षा को मजबूत करने तक जटिल चुनौतियों का समाधान करने के लिए हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक साथ और भागीदारों के साथ काम करते हैं।
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बयान में कहा गया है, चार भागीदारों के रूप में हम एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के दृष्टिकोण को साझा करते हैं, जो शांतिपूर्ण, स्थिर और समृद्ध है और जो प्रभावी क्षेत्रीय संस्थानों द्वारा समर्थित है। हम आसियान की केंद्रीयता और एकता के साथ-साथ इंडो-पैसिफिक पर आसियान आउटलुक को मुख्यधारा में लाने तथा लागू करने के लिए अपने अटूट समर्थन की पुष्टि करते हैं। हम क्षेत्र के प्रमुख संगठन, हिंद महासागर रिम एसोसिएशन के लिए अपने समर्थन में भी दृढ़ हैं।
इस बीच विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने ‘एक्स’ पर लिखा दो दशक पहले, क्वाड का विचार हिंद महासागर में आई सुनामी के प्रति साझा प्रतिक्रिया के साथ शुरू हुआ था। आज, क्वाड हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता, प्रगति और समृद्धि के लिए एक महत्वपूर्ण शक्ति के रूप में खड़ा है।