

उत्तर प्रदेश का जिला आजमगढ़ जो कभी आतंकियों की शरण स्थली के रूप में पूरे देश में बदनाम था,अब वह परीक्षाओं में नकल के चलते शोहरत बटोर रहा है।नकल भी कोई और नहीं बल्कि स्वयं वह लोग करा रहे है, जिनके कंधों पर बच्चों का भविष्य बनानेकी जिम्मेदारी होती है यानी प्रधानाचार्य और टीचर। प्रिसिंपल साहब नकल भी ऐसी-वैसी नहीं गैंग बनाकर बच्चों का भविष्य खराब कर रहे थे। इसका खुलासा तब हुआ जब नकल माफिया का बड़ा गिरोह पुलिस के हत्थे चढ़ा है। आजमगढ़ जिले में चल रही डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (क्म्सम्क) की परीक्षा में SOG व पुलिस टीम ने पैसे लेकर सामूहिक रूप से नकल कराने वाले गिरोह को पकड़ा है। नकल कराने के आरोप में रानी सराय थाने के राजेंद्र स्मारक इंटर कॉलेज सेठवल के प्रिंसिपल, टीचर और अलग-अलग स्थानों से कई स्कूल प्रंबधकों समेत 12 लोग गिरफ्तार किए गए हैं। छापेमारी के दौरान 18 लाख 18 हजार रुपये भी बरामद हुए हैं।
जानकारी के मुताबिक, चार-पांच दिन पहले पुलिस को परीक्षा में सेंधमारी को लेकर एक बेनाम पते वाली चिट्ठी मिली थी। उस चिट्ठी के आधार पर कार्रवाई की पूरी रणनीति तैयार की गई। DID ने इसमें एसपी हेमराज मीणा को लगाया और उन्होंने एसपी सिटी को पूरी घटना की तह तक जाकर नकल माफियाओं को पकड़ने की जिम्मेदारी दी गई। नकल से पैसे के लेनदेन के सबूत मिलने के बाद छापेमारी की गई और 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
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आजमगढ़ के पुलिस अधीक्षक हेमराज मीणा ने बताया कि हमें जानकारी मिली थी कि राजेंद्र स्मारक इंटर कॉलेज में डीएलएड थर्ड सेमेस्टर की परीक्षा हो रहह हैं। इस परीक्षा में साइंस समेत तीन सब्जेक्ट्स के एग्जाम थे। जानकारी मिली कि इस परीक्षा में संगठित तरीके से नकल करवाई जा रही थी और इसके लिए सभी छात्रों से पैसों लिए गए हैं। इसलिए क्षेत्राधिकार नगर की टीम, एसपी सिटी की टीम, तहसीलदार सदर और उप निदेशक का गठन करके इसकी जांच कराई गई। जांच में पता चला कि कुछ इनविजीलेटर डीएलएड की परीक्षा में नकल करा रहे हैं। छात्रों को रूम में बैठाकर प्रॉपर डाटा डिक्टेशन दिया जा रहा था। मौके पर मिली प्रिंसिपल की गाड़ी की तलाशी ली गई तो उसमें से पैसे भी मिले। इसके बाद पूछताछ के बाद कई जगह पर पूरी तलाशी ली गई, जहां से करीब 18 लाख के आसपास नगद धनराशि बरामद हुई है। सभी को कानूनी धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया है।
एसपी हेमराज मीणा ने बताया कि पुलिस को थर्ड सेमेस्टर से पहले आठ और 10 अगस्त को फर्स्ट सेमेस्टर के दो एग्जाम में नकल की जानकारी मिली थी, लेकिन कोई पुख्ता सबूत नहीं मिले। अब थर्ड सेमेस्टर में नकल की जानकारी के आधार पर रेड की और नकल माफिया का पर्दाफाश हुआ। इसमें न केवल स्कूल मैनेजमेंट मिला हुआ था, बल्कि कई अन्य लोग भी शामिल हैं। कुल मिलाकर करीब 12 लोगों को पर मुकदमा दर्ज किया गया है। अभी टीम पूरे मामले की तह तक जाएगी।