बृजेश चतुर्वेदी
तिर्वा। सौभाग्य योजना के तहत वितरण किए गए बिजली कनेक्शनों का बिल जमा न होने पर SDO ने 40 गांवों की बिजली आपूर्ति बंद कर दी। इससे न केवल बकायेदार, बल्कि समय पर बिल जमा करने वाले उपभोक्ता भी परेशान हो रहे हैं। बताया गया है कि ठठिया विद्युत उपकेंद्र से जुड़े गांवों के उपभोक्ताओं पर लगभग 48 करोड़ रुपये का बिजली बिल बकाया है। विभाग ने बकाया बिल जमा कराने के लिए एक मुश्त समाधान योजना चलाई और गांव-गांव शिविर लगाकर उपभोक्ताओं को जागरूक करने का प्रयास किया। बावजूद इसके, उपभोक्ताओं ने बिल जमा करने में रुचि नहीं दिखाई। इसका बकाया लगातार बढ़ता गया।
SDO अभिनय कुमार ने बताया कि उपभोक्ताओं की उदासीनता को देखते हुए 36 गांवों की बिजली काटी गई है। बिजली आपूर्ति बंद होने से ग्रामीणों में आक्रोश है। खासतौर पर वह उपभोक्ता नाराज हैं, जिन्होंने समय पर बिल जमा किया है, लेकिन अब उन्हें भी बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि विभाग को बकायेदारों पर सख्ती करनी चाहिए, न कि सभी की बिजली आपूर्ति बंद करनी चाहिए।
बढ़ता रहा बिल, सोता रहा विभाग
बकायेदार उपभोक्ताओं से बिल वसूली को लेकर विभाग ने एक तरफा कार्रवाई करते हुए चार हजार से अधिक कनेक्शन काट दिए। लोगों का कहना है कि पिछले कई बार बिल वसूली को लेकर कनेक्शन काट दिए जाते थे। कुछ देर बाद ही विभाग का कर्मचारी ही पैसा लेकर कनेक्शन जोड़ देता था। जब विभाग के कर्मचारी ही लोगों को बढ़ावा देते हैं तो लोग बिल कहां से जमा करेंगे।
चार हजार से अधिक बकायेदारों के कनेक्शन काटे
ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को निशुल्क बिजली कनेक्शन उपलब्ध कराने के लिए विभाग ने सितंबर 2017 में सौभाग्य योजना के तहत कनेक्शन किए थे। कनेक्शन होने के बाद उपभोक्ता बिजली बिल जमा करना भूल गए। सात साल तक बिजली विभाग को बकाया बिल जमा कराने की याद नहीं आई। इसके बाद अचानक से 37 गांवों के चार हजार से अधिक बकायेदारों के कनेक्शन काट दिए।
48 करोड़ से अधिक बिल बकाया
ठठिया सब स्टेशन के गांवों में चार हजार से अधिक उपभोक्ताओं पर करीब 48 करोड़ से अधिक बिल बकाया है। सात साल तक बिजली विभाग को इन उपभोक्ताओं से बिल जमा कराने की याद नहीं आई। चार दिन पहले विभाग ने ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए 37 गांव के बकायेदारों के बिजली कनेक्शन काट दिए। लगातार चार दिनों से बिजली आपूर्ति बाधित होने से खेतों में खड़ी फसलों की सिंचाई समेत लोगों का जीवन अस्त व्यस्त होने लगा है। (BNE)