- दोनों युवकों ने दिया था पुलिस को खुली चुनौती
- विकासनगर और नाका क्षेत्र में हुई घटना का मामला
ए अहमद सौदागर
लखनऊ। राजधानी लखनऊ में दो मामले ऐसे सामने आए कि जहां वर्ष 2022 में विकासनगर सेक्टर दो निवासी इंडियन आयल कारपोरेशन से सेवानिवृत्त 65 वर्षीय महमूद अली, उनकी 62 वर्षीय पत्नी दरख्शा और 26 वर्षीय बेटे शावेज़ की जान किसी पेशेवर अपराधी नहीं, बल्कि महमूद अली के बड़े बेटे सरफराज पांच जनवरी 2022 नींद की गोलियां खिलाने के बाद बैकुंठधाम में कार्यरत सफाई कर्मचारी अनिल यादव के साथ मिलकर मौत की नींद सुलाया था। बताते चलें कि सरफराज ने जमीन के खातिर पिता पत्नी और भाई शावेज़ की जान लेने के बाद भाई की लाश छह जनवरी को इटौंजा क्षेत्र में फेंका, आठ जनवरी को पिता का शव मलिहाबाद क्षेत्र में और 13 को मां शव माल इलाके में फेंका।
खास बात यह है कि ठीक आगरा निवासी अशद की तरह सरफराज भी पुलिस को गुमराह करता रहा कि वह तो कश्मीर में था, लेकिन कहा जाता है कि अपराधी अपराध करता है लेकिन मौका-ए-वारदात पर कुछ न कुछ सुबूत जरूर छोड़ जाता है। ऐसा ही हुआ था कि सरफराज के मोबाइल फोन की लोकेशन लखनऊ की मिली और सरफराज सलाखों के पीछे पहुंच गया। खास बात यह है कि पुलिस के हत्थे चढ़ा सरफराज ने पुलिस की पूछताछ में कुबूल किया वह सात रातें खून से सने बिस्तर पर सोता रहा। भयानक कहें या फिर यह दर्दनाक मंजर को को सुनते ही हर किसी की रूह कांप गई थी।
यह विकासनगर सेक्टर दो निवासी सरफराज के हाथों हुए अपनों के कत्ल का मामला अब चलें बेखौफ अशद और उसके पिता की क्रूरता की ओर। आगरा जिले के कुबेर पुर निवासी अशद और उसके पिता ने मिलकर असमा और चार बहनों आलिया, अलशिया, अक्सा व रहमीन की राजधानी लखनऊ में नाका स्थित शरनजीत होटल में नए साल के पहले दिन मौत की नींद सुला कर सनसनी फैला दी। सरफराज की तरह हत्या करने के बाद अशद और उसका पिता दो घंटे तक शवों के साथ रहकर वीडियो बनाते रहे। घटना की खबर मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और कातिल अशद पकड़ा, लेकिन क्रूरता का परिचय देने वाला अशद का पिता भाग निकला। बताया जा रहा है कि खूनी अशद पुलिस के सामने एक ही रट लगाए जा रहा है कि उसके बस्ती वालों ने परेशान कर रखा था। लिहाजा अभी तक असल वजह का पता नहीं चल पाया है कि दूसरे की दुश्मनी में घरवालों की जान क्यों ली ।