- पिटाई का शिकार हुए प्रशिक्षक ने की सीएम से लेकर मंत्री तक शिकायत
- डीआईजी स्तर पर चल रही घटना की जांच
- राजधानी की आदर्श कारागार का मामला
लखनऊ। कारागार मुख्यालय में बैठे आला अफसरों का आए दिन कोई न कोई अजब गजब मामला प्रकाश में आ रहा है। मुख्यालय ने आदर्श कारागार, नारी बंदी निकेतन के आहरण वितरण (डीडीओ) मुख्यालय में तैनात वरिष्ठ अधीक्षक को सौंपा गया है। दिलचस्प बात यह देखने को मिली इस जेल पर उस डिप्टी जेलर को जेलर का प्रभार सौंपा गया है जिसके ऊपर बीते दिनों जेल पर ही तैनात एक प्रशिक्षक के साथ मारपीट करने का आरोप लगा हुआ है। इस मामले की डीआईजी स्तर पर जांच भी चल रही है। एक आरोपी डिप्टी जेलर को जेलर का प्रभार दिए जाने का मामला विभागीय अधिकारियों में चर्चा का विषय बना हुआ है। इसको लेकर तमाम तरह की अटकलें भी लगाई जा रही हैं।
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मामला राजधानी की आदर्श कारागार का है। जौनपुर जेल से आदर्श कारागार में संबद्ध जेलर अजय राय के खिलाफ विजिलेंस की ओर से आय से अधिक संपत्ति होने की जांच में दोषी पाए जाने पर मुकदमा दर्ज किया गया। विजिलेंस की कार्यवाही के बाद हरकत में आए कारागार मुख्यालय ने जेलर अजय राय की संबद्धता का समाप्त कर उन्हें जौनपुर जेल वापस कर दिया। इस कार्यवाही के बाद मुख्यालय ने जेलर का प्रभार मारपीट के आरोपी डिप्टी जेलर को सौंप दिया। पिटाई का शिकार हुए जेल के प्रशिक्षक ने इस मारपीट की शिकायत मुख्यमंत्री, आयोग, विभागीय मंत्री से लेकर आईजी जेल तक की है। मामले की जांच जेल के तत्कालीन प्रभारी अधीक्षक को सौंपी। सूत्रों की यह जांच रिपोर्ट मुख्यालय को सौंप भी दी है। कार्यवाही करने के बजाए मुख्यालय ने आरोपी डिप्टी जेलर को जेलर का प्रभार सौंप दिया।
सूत्रों का कहना है कि आदर्श कारागार और नारी बंदी निकेतन का आहरण वितरण (डीडीओ) की जिम्मेदारी मुख्यालय में तैनात एक वरिष्ठ अधीक्षक को दी गई है। इसके अलावा जेलर का प्रभार डिप्टी जेलर को दिया गया है। इस बाबत जब लखनऊ परिक्षेत्र के उप महानिरीक्षक कारागार डॉ रामधनी से बात करने का प्रयास किया गया तो कई प्रयासों के बाद भी उनसे संपर्क नहीं हो पाया।
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मुख्यालय की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल
जेलर होने के बावजूद जेलर का प्रभार डिप्टी जेलर को दिए जाने को लेकर तमाम तरह की चर्चाएं हो रही है। बताया गया है कि आदर्श कारागार से चंद कदमों की दूरी पर स्थित जिला जेल में वर्तमान समय में चार जेलर तैनात है। पूर्व में कई बार आदर्श कारागार का अतिरिक्त प्रभार जिला जेल को दिया भी जा चुका है। ऐसे हालात में एक डिप्टी जेलर को जेलर का प्रभार सौंपा जाना अपने आप में एक बड़ा सवाल खड़ा करता है। राजधानी की जिला जेल में ही नहीं प्रदेश की कई अन्य जेलों पर भी वर्तमान समय तीन से चार जेलर तैनात हैं।