- शादीशुदा कपल ने दूसरी बार रचाई शादी, पढ़कर दिमाग हो जाएगा खराब
- किस हद तक हो सकता है भ्रष्टाचार, यह ख़बर पढ़कर जान जाएँगे आप
नया लुक संवाददाता
हाथरस। एक शादीशुदा जोड़े ने दोबारा शादी कर ली। एक बहन ने अपने सगे भाई से शादी कर ली। कई लोगों ने आपसी रिश्ते को दरकिनार करके एक दूसरे से विवाह कर लिया। देवर-भाभी का विवाह हुआ। आपको सुनकर लग रहा होगा कि कोई गप्पबाजी वाली ख़बर लिखी गई है। नहीं यह सोलह आने सच ख़बर है। भ्रष्टाचार की हद पार करने वाली यह ख़बर आपको न केवल हैरान करेगी, बल्कि आपको सोचने पर मजबूर कर देगी कि क्या जीवन में पैसे के लिए इंसान इतना गिर जाएगा। लेकिन यह शादी केवल अनुदान पाने के लिेए सामूहिक विवाह योजना में की गई। सोचिए चंद पैसे और कुछ लालच के चलते सगे-भाई बहन एक दूसरे को गले में वरमाला पहना बैठे।
यह ख़बर उत्तर प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्र की है। हाथरस ज़िले की यह ख़बर आपको हैरान कर देगी। यहां रिश्ते के भाई-बहन की आपस में शादी कराकर उन्हें पति-पत्नी बना दिया। इतना ही नहीं सरकारी रुपयों की बंदरबाट के लिए पहले से शादीशुदा जोड़ों की भी दोबारा से शादी कराई गई। स्थानीय लोगों ने जब इसकी शिकायत की तब मामले का खुलासा हुआ। इस पर स्थानीय उप ज़िलाधिकारी (SDM) ने एक्शन लेते हुए जांच कर उचित कार्रवाई के आदेश दिए।
हाथरस में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह सम्मेलन में मिलने वाले रुपयों के लिए फर्जीवाड़ा किया गया। यहां के सिकंदराराऊ के मोहल्ला गढ़ी बुद्धू के रहने वाले दो शादीशुदा जोड़ों की फिर से शादी कराई गई। इसके साथ ही रिश्ते में भाई-बहन लगने वाले की भी शादी कराई गई। इस मामले को लेकर स्थानीय लोगों ने SDM के पास इसकी शिकायत की थी। अब इसकी जांच कराने के आदेश दिए गए हैं।
मामले की जांच जारी
ख़बरों के मुताबिक, शिकायत करने वालों ने बताया कि नगर पालिका के एक कर्मचारी ने मोहल्ले की ही दो शादीशुदा महिलाओं की फिर से शादी करा दी। इसके अलावा रिश्ते के भाई-बहन की शादी का भी आरोप लगाया है। इन लोगों ने अनुदान के रूप में मिलने वाले सरकारी रुपयों के लिए ऐसा किया, मामले में ईओ का कहना है कि शिकायत की जांच कराई जाएगी और दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
योजना में मिलते में थे 51 हजार
SDM वेद सिंह चौहान ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है। उचित जांच कराकर शीघ्र कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि हाथरस में बीते 15 दिसंबर को सामूहिक विवाह सम्मेलन आयोजित किया गया था। इसमें 217 जोड़ों की शादी कराई गई थी। योजना के अनुसार एक जोड़े की शादी पर 51 हजार रुपए खर्च किए जाते हैं, जिसमें से 31 हजार दुल्हन के खाते में और 10 हजार दूल्हे के खाते में दिया जाते हैं।