IG-AIG जेल की भी नहीं सुन रहा शासन!

  • कारागार मुख्यालय निर्माण प्रशिक्षकों की प्रोन्नत का मामला
  • 26 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके अभियंताओं नहीं हुए राजपत्रित

लखनऊ। प्रमुख सचिव कारागार के लिए IG और AIG जेल का प्रस्ताव का कोई मायने नहीं रह गया है। यही वजह है कि करीब पांच माह पूर्व कारागार मुख्यालय के निर्माण विभाग में प्रशिक्षक निर्माण संवर्ग के 26 साल की सेवा देने वाले इंजीनियरों को ACP से 5400/ ग्रेड पे देने के बावजूद राजपत्रित अधिकारी का दर्जा नहीं दिया जा रहा है। ऐसा तब किया जा रहा है जब विभाग में कम ग्रेड पे वाले वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी को राजपत्रित अधिकारी का दर्जा प्राप्त है। मुख्यालय के अनुस्मारक के बाद भी शासन अभी तक इस मामले पर कई निर्णय नहीं ले पाया है।

महानिरीक्षक कारागार की ओर से प्रमुख सचिव कारागार को भेजे गए प्रस्ताव में कहा गया है कि वर्तमान समय में कारागार मुख्यालय में तकनीकी व अभियंता संवर्ग में कोई भी राजपत्रित अधिकारी तैनात नहीं है। जिसकी वजह से शासन, नियोजन, लोक निर्माण विभाग में की जा रही विभिन्न प्रकार की बैठकों और विभागीय कार्यों के निष्पादन में तमाम प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। विभागीय स्तर पर तकनीकी संवर्ग में राजपत्रित अधिकारी उपलब्ध होने की दशा में विभिन्न प्रकार के शासकीय कार्यों के सुचारू रूप से निष्पादन करने आसानी होगी।

प्रस्ताव में कहा गया है मुख्यालय के निर्माण अनुभाग में प्रशिक्षक निर्माण संवर्ग के सिविल इंजीनियरिंग में त्रिवर्षीय डिप्लोमाधारी कार्मिक दिनेश कुमार त्रिपाठी और संजय श्रीवास्तव जिन्होंने 26 वर्ष की सेवा के बाद ग्रेड पे 5400/ राजपत्रित अधिकारी के समतुल्य है को विभागीय आवश्यकता को देखते हुए राजपत्रित प्रतिष्ठा किए जाने के संबंध आदेश जारी करने का कष्ट करें। आईजी जेल के इस प्रस्ताव के तीन माह बाद जेल मुख्यालय के एआईजी प्रशासन ने आदेश का अनुपालन कराए जाने के लिए विशेष सचिव कारागार को एक अनुस्मारक (रिमाइंडर) भी भेजा गया। इसके बावजूद शासन अभी तक इस महत्वपूर्ण मामले पर कोई निर्णय नहीं ले पाया है।

शासन में यह है पदोन्नति की व्यवस्था

लोक निर्माण विभाग समेत अन्य शासकीय विभागों की संरचित सेवा नियमावली के अनुसार 10 वर्ष की सेवा पूर्ण होने के पश्चात सहायक अभियंता के पद पर प्रोन्नति का प्रावधान है। पदोन्नति के लिए पर्याप्त पद उपलब्ध न हो पाने की दशा में जिन अवर अभियंताओं को वास्तविक रूप में पदोन्नति नहीं प्राप्त होती है उन्हें 10 वर्ष के पश्चात प्रथम एसीपी में ग्रेड पे 4600 तथा 16 वर्ष के पश्चात द्वितीय एसीपी ग्रेड पे 4600 से 5400 (राजपत्रित) प्रदान किया जाता है। इस प्रकार वास्तविक पदोन्नत नहीं प्राप्त होने की दशा में वित्तीय स्वीकृत 5400/ प्राप्त होने पर राजपत्रित प्रास्थित प्रदान किए जाने की व्यवस्था है।

Raj Dharm UP

अब भिखारियों की कुंडली खंगालेगी पुलिस, कमिश्नर ने दिए सूची तैयार करने के आदेश

हनुमान सेतु मंदिर के बाहर प्रसाद वितरण के दौरान हुई घटना के बाद जागी पुलिस इससे पहले भी हो चुकी हैं कई घटनाएं, लेकिन तब कुम्भकरणी नींद सो रहा था प्रशासन ए अहमद सौदागर लखनऊ। राजधानी लखनऊ की मशहूर हनुमान सेतु मंदिर के बाहर मंगलवार को प्रसाद लेने वालों की भीड़ लगी थी। इसी दौरान […]

Read More
Raj Dharm UP

नहीं रहे सीतारामः मौत का दोषी कौन, लॉरी… डॉ. रविकांत या सिस्टम?

लाख जतन के बाद आखिरकार रात 10 बजे लग पाया था पेसमेकर तड़के सुबह पांच बजे के आसपास लॉरी में ही ली अंतिम सांस भौमेंद्र शुक्ल लखनऊ। संतकबीर नगर निवासी सीताराम पांडेय की मौत रविवार की अलसुबह हो गई। वो हृदय रोग की गम्भीर बीमारी के चलते राजधानी लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) […]

Read More
Raj Dharm UP

सड़क सुरक्षा के दावे फेल: खिलौना बनी ज़िन्दगी

सड़क हादसों में आए दिन जा रही हैं जानें ए अहमद सौदागर लखनऊ। यूपी के अलावा अन्य राज्यों में सड़क हादसों पर अंकुश लगाने के लिए सरकारों ने अनगिनत योजनाएं शुरू की, लेकिन योजनाओं की लेट-लतीफी, अव्यवस्था, सड़क पर वाहनों की बढ़ती भीड़ और बेतरतीब रफ्तार ने जिन्दगी को खिलौना बना दिया है। आए दिन […]

Read More