संकष्ट चतुर्थी, तिलकुटा चतुर्थी आज है, जानिए शुभ तिथि और पूजा विधि व महत

अजमेर से राजेन्द्र गुप्ता 

साल भर में 12 संकष्टी चतुर्थी व्रत आते हैं। इनमें से कुछ चतुर्थी साल की सबसे बड़ी चौथ में से एक हैं, उनमें से एक है सकट चौथ व्रत। सकट चौथ भगवान गणेश के सबसे महत्वपूर्ण पर्व में से एक है। हर साल माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन सकट चौथ का त्योहार मनाया जाता है। सकट चौथ व्रत की महिमा से संतान की सभी चिंताएं दूर हो जाएंगी। भक्तों को सौभाग्य और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। सकट चौथ वर्ष की शुरुआत में पड़ता है, इसलिए जो लोग इस दिन व्रत रखते हैं। उन्हें पूरे वर्ष अनंत सुख, धन, सफलता और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।

संकष्ट चतुर्थी की तिथि

17 जनवरी 2025, शुक्रवार को सकट चौथ है। इसे संकष्टी चतुर्थी, सकट चौथ, तिलकुट चौथ, माघी चौथ, लंबोदर संकष्टी, तिलकुट चतुर्थी और संकटा चौथ आदि नामों से भी जाना जाता है। माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि आरंभ: 17 जनवरी 2025, प्रातः 4 बजकर 06 मिनट पर माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि समाप्त: 18 जनवरी 2025, प्रातः 5 बजकर 30 मिनट पर

संकष्टी चतुर्थी का महत्व

संकष्टी चतुर्थी का व्रत भगवान गणेश की कृपा पाने के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। इस दिन की पूजा से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है, और घर में सुख-शांति का वातावरण बनता है। इस व्रत को रखने से न केवल संकटों से मुक्ति मिलती है, बल्कि यह व्यक्ति के जीवन को सुख, शांति और समृद्धि से भर देता है।

संकष्ट चौथ व्रत क्यों किया जाता है?

सकट चौथ का दिन भगवान गणेश और सकट माता को समर्पित है। इस दिन माताएं अपने पुत्रों के कल्याण की कामना से व्रत रखती हैं। सकट चौथ के दिन भगवान गणेश की पूरे विधि विधान से पूजा की जाती है। इस पूरे दिन व्रत रखा जाता है।
रात्रि में चंद्रोदय के बाद चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत का पारण किया जाता है। यही कारण है कि सकट चौथ पर चंद्रमा दर्शन और पूजन का विशेष महत्व होता है। इस दिन गणपति जी को पूजा में तिल के लड्डू या मिठाई अर्पित करते हैं, साथ में चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद व्रत पारण करते हैं।

संकष्ट चौथ की पूजा विधि

  • ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि से निवृत हो जाएं।
  • इसके बाद सकट चौथ व्रत रखने का संकल्प करें।
  • एक लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर गणेश जी और सकट माता की प्रतिमा की स्थापना करें।
  • सिंदूर का तिलक लगाएं। घी का दीपक जलाएं।
  • भगवान गणेश की प्रतिमा पर फूल, फल और मिठाइयां अर्पित करें।
  • पूजा में तिलकुट का भोग जरूर शामिल करें।
  • गणेश चालीसा का पाठ करें। अंत में बप्पा की आरती करें।
  • शंखनाद से पूजा पूर्ण करें।
  • प्रसाद खाकर अपने व्रत का पारण करें।

Religion

हाथी पर सवार होकर आ रही मां आपके द्वार, बरसेगी मां भगवती की कृपा, स्थापना, पूजा सहित पूरी जानकारी एक क्लिक में पढ़ें…

30 मार्च से चैत्र नवरात्र की शुरुआत होने जा रही है। नवरात्र 30 मार्च से लेकर 6 अप्रैल तक रहेंगे। इस साल मैय्या रानी के नवरात्र रविवार से शुरू हो रहे हैं, इसलिए माता हाथी पर सवार होकर आएंगी। शास्त्रों में देवी की हाथी की पालकी को बहुत शुभ माना गया है। आचार्य पंडित सुधांशु […]

Read More
Religion

हथेली की इन रेखाओं से पता चलता है कि कितने साल जिएंगे आप

राजेन्द्र गुप्ता, ज्योतिषी और हस्तरेखाविद हथेली में कलाई के पास मणिबंध रेखाएं होती हैं। ये रेखाएं आड़ी होती हैं। हस्त रेखा विशेषज्ञों की मानें तो हथेली में मणिबंध रेखाओं की संख्या 1 से 5 तक होती है। हर एक रेखा की औसत आयु 20 से लेकर 25 साल होती है। हस्त रेखा शास्त्र से व्यक्ति […]

Read More
Religion

गंगाजल भगवान विष्णु की चरणामृत,सम्मान दें- कृष्णा महाराज

पंक्ति में बैठे व्यक्ति से भेदभाव करना पूरी तरह से गलत देवी भागवत के छठवें दिन निकाली गई मां कालरात्रि की पालकी जगदलपुर। गंगाजल भगवान विष्णु की चरणामृत है। गंगाजी को सूर्य का प्रकाश दिखाकर रोज पीना चाहिए। इससे गंगाजल की शक्ति बढ़ जाती है। गंगाजी को कैद कर रखना नहीं चाहिए। गंगाजल को तांबे […]

Read More